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15 साल में 700 से ज्यादा चार पहिया की चोरी कर चुका था ये गिरोह, अब बलौदाबाजार पुलिस के चंगुल में फंसा…. छत्तीसगढ़ में भी दर्जनों गाड़ियों को लगा चुका था ठिकाने…. चोरी किये गाड़ी को शराब-गांजा तस्करों को कौड़ियों के भाव में बेच दिया करता था ये शातिर गिरोह

15 साल में 700 से ज्यादा चार पहिया की चोरी कर चुका था ये गिरोह, अब बलौदाबाजार पुलिस के चंगुल में फंसा…. छत्तीसगढ़ में भी दर्जनों गाड़ियों को लगा चुका था ठिकाने…. चोरी किये गाड़ी को शराब-गांजा तस्करों को कौड़ियों के भाव में बेच दिया करता था ये शातिर गिरोह
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By NPG News

बलौदाबाजार 2 फरवरी 2020।….देश का शायद ही कोई राज्य बचा था, जहां इस चोर गिरोह ने आतंक नहीं मचाया था ! देश में अब तक 700 से ज्यादा गाड़ियों की चोरी कर बेच चुका ये शातिर गिरोह अब बलौदाबाजार पुलिस के चंगुल में फंसा है। खुद इस गिरोह ने 700 से ज्यादा गाड़ियों की चोरी का गुनाह कबूला है। पुलिस ने इस मामले में तीन अंतर्राष्ट्रीय चोर और एक चोरी की गाड़ी को बेचने वाले एजेंट को गिरफ्तार किया है। चोरी की गयी कई गाड़ियों को पुलिस ने बरामद करने में भी कामयाबी हासिल की है।

अकेले छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार से ही इस गिरोह ने 10 गाड़ी की चोरी की थी, जिसमें काफी संख्या में बोलेरे और पिकप गाड़ी शामिल है। दरअसल बलौदाबाजार से कसडोल, पलारी और सिमगा इलाके में लगातार चार पहिया गाड़ी की चोरी की शिकायत मिल रही थी, इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर इस गिरोह तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। इस मामले में पुलिस ने यूपी के साहिल खान, बिहार के सौरभ कुमार सिंह और पिंटू कुमार यादव को गिरफ्तार किया है।

साहिल खान नाम के चोर को सबसे पहले पकड़ा गया था, जिसने इस बात को कबूल किया है कि लगभग 15 साल से अलग-अलग राज्यो से चार पहिया वाहनों की चोरी करके पश्चिम बंगाल एवं बिहार में गाडि़यों को बेचता था। छत्तीसगढ़ में भी कई चारपहियाॅ वाहनों की चोरी कर चुका है तथा बलौदाबाजार से लगभग 10 बोलेरो व पीकअप वाहनों को चोरी करके बेच चुका है। इस वारदात में यूपी के शकील खान व हसीब उर्फ बच्चा भाई साथ दिया करते थे। शाहिल खान को गाड़ी चोरी करके बिहार या पश्चिम बंगाल तक पहुंचाने के लिये 15 से 20 हजार रूपये मिलता था, बाकि पैसा सकील एवं बच्चा भाई को मिलता था।

चोरी किये गये गाडियों को बिहार के रहने वाले सौरभ सिंह व पिन्टू यादव, संग्राम, राहूल मिलकर ग्राहक तलाशते थे और फिर उसे शराब और गांजा के व्यवसाय करने वालों को बेच दिया करता था।

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