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पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण के गलत आंकड़े देकर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहा ……. सिंघवी ने मंत्री मोहम्मद अकबर से दिल्ली जैसा ऑनलाइन एयर क्वालिटी ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग मीटर लगाने की मांग की

पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण के गलत आंकड़े देकर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहा  ……. सिंघवी ने मंत्री मोहम्मद अकबर से दिल्ली जैसा ऑनलाइन एयर क्वालिटी ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग मीटर लगाने की मांग की
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By NPG News

रायपुर 14 सितम्बर 2020। रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने पर्यावरण संरक्षण मंडल पर खुला आरोप लगाते हुए आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र लिखकर प्रमाण प्रस्तुत किया है कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल वायु प्रदूषण के गलत आंकड़े देकर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रहा है और मांग की कि वस्तुस्थिति से जनता हरदम अवगत रहे वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए जागरूक हो इसलिए छत्तीसगढ़ के प्रदूषित शहरों रायपुर, कोरबा, भिलाई-दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़ और औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में ऑनलाइन एयर क्वालिटी का इंडेक्स बताने वाला ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग मीटर लगाया जावे।

देश के 21 राज्यों में 121 शहरों में लगे हैं 251 स्थानों पर ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग मीटर पर छत्तीसगढ़ में एक भी नहीं

पत्र में बताया गया है कि केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल की वेबसाइट द्वारा नियंत्रित देश के 21 राज्यों में लगभग 121 शहरों में 251 स्थानों पर वायु प्रदूषण को मानिटरिंग करने वाले ऑटोमेटिक मीटर लगे हैं जो कि 24 घंटे वायु प्रदूषण का स्तर बताते है. प्रदूषण स्तर जानने के लिए मोबाइल पर भी कहीं से भी देखा जा सकता है (https://app.cpcbccr.com/AQI_India/ । केंद्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा वायु प्रदूषण के स्तर को 6 मानकों के आधार पर ऑटोमेटिक मानिटरिंग मशीन से निकाला जाता है जिसे नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स कहा जाता है।

देश के सबसे प्रदूषित राज्यों में एक छत्तीसगढ़ फिर भी वायु प्रदूषण स्तर बताने वाला एक भी मीटर नहीं

पत्र में बताया गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी सूची में देश के 100 प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों में से रायपुर का सिलतरा 17 वे स्थान पर, रायपुर शहर 37 वे स्थान पर, कोरबा क्षेत्र 76 वे स्थान पर और भिलाई दुर्ग 93 वे स्थान पर आता है। इसी प्रकार देश के 102 सबसे प्रदूषित शहरों में छत्तीसगढ़ के तीन शहर रायपुर, कोरबा और भिलाई-दुर्ग आते हैं। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता बरतने के लिए और सत्य का उजागर न हो इसलिए वायु प्रदूषण बताने वाले ऑनलाइन ऑटोमेटिक मीटर नहीं लगाए हैं। जबकि छत्तीसगढ़ के ही पड़ोसी मध्य प्रदेश में 15 स्थानों में ऐसे आटोमेटिक मोनिटरिंग मीटर लगे हैं, उड़ीसा में दो, यहां तक कि झारखंड में भी एक स्थान पर आटोमेटिक मोनिटरिंग लगा है।

कैसे करता है जनता को गुमराह पर्यावरण संरक्षण मंडल…..दिवाली पर जनता को खुश करने बताया कि वायु प्रदूषण स्तर बिल्कुल कम रहा

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल प्रदेश के 5 शहरों में तीन मानकों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स मैनुअल आधार पर निकालता है ना की आटोमेटिक तरीके से. वर्ष 2019 के सबसे प्रदूषित महीनों में कोरबा जैसे प्रदूषित शहर का वायु प्रदूषण स्तर अच्छा बताया गया, बाकी शहरों का संतोषजनक.

दिवाली 2019 के बाद मंडल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया गया के दिवाली के दिन रायपुर में वायु प्रदूषण का पीएम 10 का स्तर 73 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा जबकि एक अन्य सरकारी संस्थान “स्टेट हेल्थ रिसोर्ट सेंटर” के ऑनलाइन डाटा बताते हैं कि 28 अक्टूबर दिवाली 2019 तथा उसके बाद के 2 दिनों तक रायपुर शहर में पीएम 2.5 का स्तर कुछ स्थानों पर कुछ स्थानों पर 700 तथा कुछ स्थानों पर 800 रहा।

सिंघवी ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ के सबसे प्रदूषित शहरों रायपुर, कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, भिलाई-दुर्ग, सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र इत्यादि स्थानों पर वायु प्रदूषण प्रदूषित करने वाले ऑनलाइन एयर क्वालिटी ऑटोमेटिक मीटर लगाए जिससे जनता वायु प्रदूषण को जान सके और वायु प्रदूषण के बारे में जागरूक हो करके उसे कम करने के उपाय कर सके।

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