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छत्तीसगढ़ में छात्रों का शिक्षा स्तर कोरोना काल में हुआ खराब…. बच्चों की दक्षता स्तर सुधारने चलेगा “सेतु अभियान”…. शिक्षा मंत्री बोले…

छत्तीसगढ़ में छात्रों का शिक्षा स्तर कोरोना काल में हुआ खराब…. बच्चों की दक्षता स्तर सुधारने चलेगा “सेतु अभियान”…. शिक्षा मंत्री बोले…
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By NPG News

रायपुर, 18 जून 2021। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्मय से कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों में उनकी वर्तमान कक्षा के अनुरूप दक्षता सुधारने के लिए तैयार किए गए सेतु अभियान का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के दौर में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जिस तरह से चलनी चाहिए थी, वह उस तरह नहीं हो पाई। इसका परिणाम यह हुआ कि वह बच्चे जिस कक्षा में हैं, उनकी दक्षता का स्तर उस कक्षा के अनुरूप नहीं है। शासन की मंशानुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा सेतु पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य एक माह में कक्षा पहली से आठवीं तक के शत्-प्रतिशत बच्चों में पाठ्य विषयों की बुनियादी दक्षताओं और कौशल का विकास करना है।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि सेतु पाठ्यक्रम बच्चों की पिछली कक्षा के पूर्व ज्ञान को नयी कक्षा के नए ज्ञान से जोड़कर किसी अवधारणा की एक स्पष्ट समझ बनाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने इस अवसर पर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, डीएमसी, प्राचार्य डाइट, बीआरसी, सीआरसी, प्रधानअध्यापकों एवं शिक्षकों को संबोधित किया। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के संक्रमण से पूरा विश्व जूझ रहा है। कोरोना काल में आयी इन विषम परिस्थितियों का सामना स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न नवाचारी प्रक्रियाओं का उपयोग सफलतापूर्वक कर बच्चों की शिक्षा को जारी रखने का सतत् प्रयास किया। इसके लिए राज्य स्तर पर शासन द्वारा तैयार पढ़ई तुंहर दुआर, पढ़ई तुंहर मोहल्ला, लाउडस्पीकर, बुल्टु के बोल जैसे नवाचारी ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इन सब प्रयासों के बावजूद भी जो बच्चे वर्तमान में जिस कक्षा में हैं, उनकी दक्षता का स्तर उस कक्षा के अनुरूप नहीं है।

नए शिक्षा सत्र की शुरूआत की ओर बढ़ रहे इन बच्चों को उनकी वर्तमान कक्षा में अवधारणा को समझाने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है, क्योंकि वे अपनी पिछली कक्षा में सीखी गई बातों अर्थात् पूर्व अनुभवों को भूल चुके हैं। इसी निरंतरता को बरकरार रखने के लिए सेतु पाठ्यक्रम के माध्यम से एक माह के भीतर कक्षा पहली से आठवीं तक के शत्-प्रतिशत बच्चों में पाठ्य विषयों की बुनियादी दक्षताओं का कौशल विकास करना है, जिससे बच्चे अपनी वर्तमान कक्षा की पाठ्य वस्तु को आसानी से समझ सके। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रारंभ करने के पूर्व 30 दिवसीय सेतु पाठ्यक्रम अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाए।

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