प्रेमिका से शादी रचाने हेल्थ वर्कर की खौफनाक करतूत, तालाक देने के लिए पत्नी को इंजेक्शन देकर संक्रमित कर मायके छोड़ आया
अलीगढ़, 12 सितंबर 2021। अंधे प्रेम में आदमी किस तरह रिश्तों को खून कर देता है, इसका जीवंत उदाहरण है अलीगढ़ का यह मामला। शहर के एक संविदा में कार्यरत हेल्थ वर्कर ने प्रेमिका से शादी करने खौफनाक कदम उठाते हुए पत्नी को इंजेक्शन देकर एसआईवी संक्रमित कर दिया, जिससे उसे जल्दी तालाक मिल जाए। युवक के ससुराल वालों ने आरोप लगाया है कि शादी के पहले से उसका साथ में काम करने वाली महिला कर्मी से संबंध थे।
थाने में दर्ज मुकदमे में आरोप है कि युवती की शादी 7 दिसंबर 2020 को शहर के रामघाट रोड इलाके के संविदा हेल्थ वर्कर युवक संग की गई। दहेज में 12 लाख नकद व 25 लाख रुपये का अन्य तरह का दहेज दिया गया। आरोप है कि शादी के बाद युवती जब ससुराल पहुंची तो उसे पता चला कि उसके पति के साथ काम करने वाली किसी महिला हेल्थ वर्कर संग रिश्ते हैं।
इसके चलते कुछ दिन बाद ही विवाद शुरू हो गया। मगर उस समय पति ने किसी तरह झूठा वादा कर बात खत्म की। मगर कुछ दिन बाद ही उसके जेठ ने उसके साथ छेड़खानी की। इसके विरोध पर ससुराल में उसे पीटा भी गया। इस खबर पर 14 फरवरी 2021 को युवती के पिता आदि परिजन ससुराल गए तो वहां ससुरालियों ने साफ कह दिया कि हम लोग आपकी बेटी को निभा नहीं पाएंगे। इसलिए बेहतर होगा कि आप तलाक करा दें और हम शादी में जो खर्च हुआ है, उसे वापस कर देंगे।
कारण पूछने पर पति ने साफ कह दिया कि वह उसे पसंद नहीं करता। इस पर मायके पक्ष के लोग दंग रह गए। उस समय किसी तरह बात संभाली गई। आरोप है कि कुछ दिन बाद फिर तलाक की साजिश रची जाने लगी। इस पर फिर मायके वाले गए तो ससुरालियों ने कहा कि तलाक करा दें। दोनों में पट नहीं रही है। यह बीमार भी रहती है। इस पर मायके पक्ष ने दलील दी कि पहले कभी कोई बीमारी नहीं थी। अब चूंकि गर्भवती हो गई है तो थोड़ा बहुत परेशानी होना तो सामान्य बात है। इसके बाद 4 अगस्त को गर्भवती युवती को उसका पति मायके में गांव के बाहर छोड़कर चला गया।
मायके पहुंचने पर जो उसने बताया, उसे सुन सभी दंग रह गए। युवती ने बताया कि गर्भवती होने के कुछ दिन बाद उसका पति व जेठ उसे एचआईवी संक्रमित करने की साजिश रचने लगे। युवती के अनुसार, पति के बहनोई के परिजन का रामघाट रोड पर नर्सिंग होम है, जिसमें ले जाकर उसे इलाज के नाम पर इंजेक्शन (टीके) लगवाए जाते थे।
उन्हीं टीकों के लगने से वह एचआईवी संक्रमित हो गई है। इस दौरान पिता ने बेटी के इलाज संबंधी प्रपत्र देखे तो पाया कि ससुरालियों ने सबसे पहले आगरा रोड के एक नर्सिंग होम के परामर्श पर 8 अप्रैल को, फिर 17 अप्रैल को जिला अस्पताल में और फिर विष्णुपुरी के एक नर्सिंग होम के परामर्श पर 1 मई को एचआईवी जांच कराई। इन तीनों जांचों में वह एचआईवी निगेटिव आई है।
इसके बाद 23 जुलाई को एक निजी पैथालॉजी में जांच कराई, जिसमें वह पॉजीटिव घोषित हुई है। आरोप है कि पति, जेठ, सास, ससुर, जेठानी, ननदोई (नर्सिंग होम संचालक के परिजन), दूसरे ननदोई, दो ननदों ने मिलकर यह साजिश रची है। रिश्तेदार के नर्सिंग होम में दिए गए इंजेक्शनों से यह एचआईवी संक्रमित हुई है।
अन्यथा बार-बार एचआईवी की जांच कराकर सच जानने का क्या मकसद था। यह साजिश बेटी को मारने व तलाक के इरादे से रची गई है। अब वह छह माह की गर्भवती है। पुलिस ने जानलेवा साजिश, मारपीट, छेड़खानी, दहेज अधिनियम व जीवन को संकट में डालने वाली बीमारी जानबूझकर फैलाने संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।