इस नवाचार योजना के लिए मंडल के सदस्यों ने अपनी सहमति प्रदान की है। श्रम मंत्री डॉ. डहरिया ने अधिकारियों को इस योजना के संचालन के लिए शीघ्र कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडल द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं पर आधारित एक म्यूजियम भी तैयार किया जाए। कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रवासी श्रमिकों के राज्य से बाहर जाने एवं राज्य के बाहर से छत्तीसगढ़ आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रखने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार श्रमिकों के मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत मृत्यु होने पर एक लाख रूपए और अपंगता की स्थिति में पचास हजार रूपये अनुदान दिए जाने की योजना का भी अनुमोदन सदस्यों ने किया। इसके साथ ही मंडल की बजट संबंधी आय-व्यय पर चर्चा की गई। डॉ. डहरिया राष्ट्रीयकृत बैंकों में विभागीय राशि का संधारण करने को भी कहा, जिस पर सदस्यों ने अपनी सहमती दी। बैठक में विश्वकर्मा दुर्घटना योजना के संबंध में चर्चा की गई। मंत्री डॉ. डहरिया ने पंजीकृत श्रमिकों को जो पात्र हो, परीक्षण कर योजना का लाभ देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए हितग्राहियों को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा कीट, सायकिल, सिलाई मशीन, श्रमिक औजार आदि सामग्रियों की खरीदी के लिए मंडल द्वारा गठित समिति द्वारा की जाएगी। साथ ही विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं श्रम कार्ड संधारण के लिए श्रममित्र का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में श्रमिकों की पहचान और योजनाओं की जानकारी के लिए श्रमिकों के चिपयुक्त क्यूआर कोड बनाने पर भी सहमति प्रदान की गई। इस मौके पर सचिव एवं श्रमायुक्त श्रम विभाग सोनमणि बोरा, सचिव छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल राजेश पात्रे, संयुक्त सचिव वित्त विभाग ए.के. पाण्डेय, संयुक्त सचिव जल संसाधन विभाग याकूब खेस्स, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के चीफ इंजीनियर भागीरथी वर्मा, केन्द्रीय कल्याण आयुक्त श्रम एवं रोजगार मंत्रालय पी.सी. परमार सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।