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मुख्यमंत्री को सुबह करना था पुल का उद्घाटन, 12 घंटे पहले ही एप्रोच रोड बह गई….. आनन-फानन में हुई मरम्मत

मुख्यमंत्री को सुबह करना था पुल का उद्घाटन, 12 घंटे पहले ही एप्रोच रोड बह गई….. आनन-फानन में हुई मरम्मत
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By NPG News

पटना 12 अगस्त 2020। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार मुसीबत में घिरती जा रही है। करीब एक महीने पहले गोपालगंज में में उद्घाटन के दो दिन बाद ही पुल ढहने का मामला सामने आया था। अब गोपालगंज से ही एक और नया मामला सामने आया है। यहां के बांगराघाट पुल का आज वीडिया कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम नीतीश कुमार उद्घाटन करने वाले थे। लेकिन उससे पहले मंगलवार रात करीब 12 बजे पुल की अप्रोच रोड बाढ़ के पानी में बह गयी।

बताया जा रहा है कि बैकुंठपुर में सारण बांध टूटने की वजह से बंगरा घाट महासेतु की अप्रोच रोड कट गई. महासेतु की अप्रोच सड़क करीब 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गई है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. दो से अधिक जेसीबी मशीन और सैकड़ों मजदूरों को मरम्मत के काम पर लगाया गया है.वहीं, गोपालगंज आरजेडी ने ट्वीट करके कहा, ‘गोपालगंज का बंगरा घाट का पुल जो CM द्वारा उद्घाटन के पहले ही टूट गया. अब BJP-JDU वाले हल्ला करेंगे कि पुल नहीं अप्रोच रोड टूटा है जैसे अप्रोच रोड विपक्ष ने बनाया हो. CM फिर भी उद्घाटन करेंगे क्योंकि वो आजकल किसी भी नई, पुरानी, जर्जर, टूटी चीज़ों का उद्घाटन करने को आमादा हैं!’

6 साल में बना पुल

11 अप्रैल 2014 को मुख्यमंत्री ने 509 करोड़ की लागत से महासेतु परियोजना का शिलान्यास राजापट्टी में किया था। पुल के चालू होने से 6 जिलों की करीब 8 लाख की आबादी की आवाजाही में सहूलियत होगी। इससे गोपालगंज, सीवान और सारण से मुजफ्फरपुर की दूरी 55 किमी, दरभंगा की दूरी 65 किमी और जनकपुर की दूरी 70 किमी कम हो जाएगी।

आपको बता दें कि एक महीने के भीतर बिहार में ऐसा दूसरा मामला है, जब पुल उद्घाटन के दौरान या उससे कुछ समय बाद ही ढह गया। इससे पहले भी गोपालगंज में सत्तरघाट महासेतु का सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था लेकिन पानी के ज्यादा दबाव के कारण यह पुल टूट गया था। जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने का रास्ता भी बंद हो गया था। यह पुल मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया और लालछापर को आपस में जोड़ता था। साल 2012 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जिसे बनाने में कुल 264 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। यह पुल महज 29 दिन भी नहीं टिक पाया था

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