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कबीर पीठ अध्यक्ष कुणाल शुक्ला और भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज.. कोर्ट में ADPO की आपत्ति – “विवेचना के लिए आरोपी की आवश्यकता, प्रकरण गंभीर है”

कबीर पीठ अध्यक्ष कुणाल शुक्ला और भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज.. कोर्ट में ADPO की आपत्ति – “विवेचना के लिए आरोपी की आवश्यकता, प्रकरण गंभीर है”
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By NPG News

रायपुर,19 फ़रवरी 2020। डीडी नगर थाना प्रभारी से कथित तौर पर गिरफ़्तार वारंटी को छुड़ाने के लिए अभद्र व्यवहार, शासकीय कार्य में बाधा डालने और धमकी चमकी के आरोपी बनाए गए कबीर पीठ के अध्यक्ष कुणाल शुक्ला और भाजपा के तेज तर्रार शैली वाले प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी गई है।
थाना डीडी नगर की प्रभारी मंजूलता राठौड़ ने प्रार्थी के रुप में 8 फ़रवरी को FIR क्रमांक 52/2020 दर्ज किया, जिसमें उल्लेख किया कि, आरोपी कुणाल शुक्ला एवं गौरीशंकर श्रीवास द्वारा वारंटी रितेश ठाकुर को छोड़ देने अन्यथा नौकरी से हटाकर नौकरी खा जाने व नुक़सान कर छवि ख़राब करने की धमकी दी गई है, और प्रार्थी पर हमला करने को आमादा हो गए।FIR में घटना 6 फ़रवरी की बताई गई जिसकी रिपोर्ट 8 फ़रवरी को दर्ज की गई है।प्रकरण में धारा 353,189 और 506 की धाराएँ लगाई गई हैं।
इस प्रकरण में आरोपी कुणाल शुक्ला और सह आरोपी गौरीशंकर श्रीवास के द्वारा अग्रिम ज़मानत याचिका रायपुर कोर्ट में प्रस्तुत की गई। याचिका की सुनवाई ADJ सुमित कपूर ने की।
प्रकरण में शासन की ओर से अग्रिम ज़मानत याचिका पर आपत्ति करते हुए राज्य सरकार ने कहा
“आरोपियों के विरुद्ध विवेचनाधीन अपराध गंभीर प्रकृति का अपराध है और विवेचना में आरोपियों की आवश्यकता है, इसलिए अग्रिम ज़मानत आवेदन पत्र ख़ारिज किया जाए”
प्रकरण में दोनों ही आरोपियों की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए प्रकरण को झूठा बताया गया और अग्रिम ज़मानत याचिका स्वीकार करने का आग्रह किया गया।
ADJ सुमित कपूर ने अग्रिम ज़मानत आवेदन को ख़ारिज करते हुए आदेश में लिखा –
“गंभीर प्रकृति का अपराध है, प्रकरण की विवेचना अपूर्ण है। प्रकरण की वर्तमान परिस्थितियों के अधीन आरोपी को अग्रिम ज़मानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है, इसलिए अग्रिम ज़मानत आवेदन पत्र निरस्त किया जाता है”

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