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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनायी गई, रमन बोले…देश में औद्योगिकरण विचारधारा डॉ श्यामा प्रसाद की देंन

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनायी गई, रमन बोले…देश में औद्योगिकरण विचारधारा डॉ श्यामा प्रसाद की देंन
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By NPG News

रायपुर, 23 जून 2021। भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि बलिदान दिवस के रूप में मनायी गई। व भाजपा के पंचनिष्ठा के प्रतीक स्वरूप 5 पौधों का रोपण किया गया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि महापुरुष के जीवन बात करना,उनके जयकारे लगाने के साथ उनकी जीवनी को आत्मसात करना भी महत्वपूर्ण है। जितनी संकल्प शक्ति भाजपा के अग्रपुरुषो में है उसे अपनाए ताकि आने वाली पीढ़ी हमे भी उनके समान याद करे।
मुखर्जी जी के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के पश्चात सन 50 तक आते आते देश की स्थितियां बदलती गई। नेहरू जी की हठ धर्मिता से धारा 370 लागू हुए , आधा कश्मीर चला गया,देश में ऐसे वातावरण तैयार होने लगे, जिसमें देश गुलाम हुआ था।
ऐसे समय में देश हित को सर्वोपरि मानते हुए नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर उन्होंने जनसंघ की आधारशिला रखी । जनसंघ के निर्माण का उद्देश्य देश की अखण्डता की रक्षा के लिए था। डॉ मुखर्जी जी ने कहा कि कश्मीर किसी के लिए मिट्टी का टुकड़ा हो सकता है मेरे लिए भारत माता का मुकुट है। और मैं देश के मुकुट पर लगा कलंक 370 जिसके तहत देश में दो विधान , दो निशान ,दो प्रधान उसे समाप्त करवा कर रहूंगा। विभिन्न व्यक्तियों द्वारा अपनी हत्या की आशंकाओं के बाद भी धारा 370 के विरोध में जम्मू में एक सभा की और अपना बलिदान दे दिया।
दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की बलिदान देने की परंपरा आज भाजपाइयों के खून में है। देश के लिए परिजन, समाज, संबंधों का त्याग कर राष्ट्रहित ही उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी द्वारा 1951 में बोया छोटा सा बीज आज 11 करोड़ संख्या के साथ एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है।
संगोष्ठी में उद्बोधन देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज हम जनसंघ के संस्थापक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्मरण करने हेतु उपस्थित हए है। आज़ादी के बाद एक विचारधारा के लोग राष्ट्र पर शासन कर रहे थे। तब विकल्प की राजनीति का बीजारोपण डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने की। उन्होंने देश की संस्कृति मिट्टी से जुड़ी वैकल्पिक विचारधारा लिए जनसंघ की स्थापना की। एक अद्भुत व्यक्तित्व जिन्होंने 33 साल की उम्र में कुलपति के पद को कलकत्ता जैसे शहर में सुशोभित किये। नेहरू मंत्रिमंडल में डॉ श्यामाप्रसाद जी मंत्री बने। देश में औद्योगिकरण विचारधारा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की देंन है । 1950 में नेहरू लियाकत समझौता के बाद उन्होंने नेहरू पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान के बाद न केवल कश्मीर अपितु पंजाब और बंगाल का बहुत सारा हिस्सा दूसरे हाथों में जाने से बचा।
स्वागत उद्बोधन में भाजपा रायपुर जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी जी ने कहा कि आज मोदी जी द्वारा कश्मीर में धारा 370 हटाया गया है उसकी भूमिका 1951 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने तय कर दी थी देश के लिए सर्वस्व निछावर करने की जो प्रेरणा उन्होंने दी उसका अनुगमन आने वाले समय में भाजपा के अनेक नेताओं ने किया।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर सुबह शारदा चौक स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया कार्यक्रम में मुख्य रूप से बृजमोहन अग्रवाल, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, प्रफुल्ल विश्वकर्मा ,अमित साहू, सुभाष तिवारी, छगन मून्दड़ा,रसिक परमार, डॉक्टर सलीम राज, केदार गुप्ता, किशोर महानंद, सच्चिदानंद उपासने, दीपक महसके, सुरेंद्र पाटनी, अंजय शुक्ला , अनुराग अग्रवाल, श्यामा चक्रवर्ती, अमरजीत छाबड़ा , अमित मैसेरी, राजीव मिश्र, लोकेश कांवरिया, पुष्पेंद्र परिहार, सुनील चौधरी, खेम सेन, हरीश ठाकुर, ज्ञान चंद चौधरी, अकबर अली, दीना डोंगरे, मीनल चौबे,सीमा साहू,स्वप्निल मिश्रा,वंदना राठौर,उपस्थित थे।

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