Begin typing your search above and press return to search.

Vodafone-Idea का भविष्य दांव पर! सुप्रीम कोर्ट के झटके से करोड़ों यूजर्स पर संकट, जानें क्या है सरकार का अगला कदम?

Vodafone Idea AGR Case Latest News Hindi: AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट ने Vodafone-Idea को राहत देने से इनकार कर दिया है। इससे कंपनी पर बंद होने का खतरा बढ़ गया है। सरकार के सामने अब बड़ा सवाल है कि वह Vi को बचाएगी या बाजार में नया टेलीकॉम प्लेयर लाएगी। इसका सीधा असर करोड़ों यूजर्स पर पड़ सकता है।

Vodafone-Idea का भविष्य दांव पर! सुप्रीम कोर्ट के झटके से करोड़ों यूजर्स पर संकट, जानें क्या है सरकार का अगला कदम?
X
By swapnilkavinkar

Vodafone Idea AGR Case Latest News Hindi: वोडाफोन-आइडिया (Vi) पर इस समय तलवार लटकी हुई है। 19 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) मामले में कंपनी को राहत देने से साफ इनकार कर दिया। इस फैसले ने न केवल Vi बल्कि भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों की भी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जो बकाये पर लगने वाले ब्याज और पेनाल्टी में छूट की मांग कर रही थीं। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि Vi के 20 करोड़ से ज़्यादा एक्टिव यूजर्स का क्या होगा? क्या उनके नंबर बंद हो जाएंगे, या उन्हें कोई और रास्ता मिलेगा? इस स्थिति में सरकार और Vi के पास क्या विकल्प बचे हैं, आइए गहराई से समझते हैं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: Vi के लिए 'करो या मरो' की स्थिति

सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े रुख के बाद वोडाफोन-आइडिया के लिए अगले वित्त वर्ष में टिके रहना लगभग नामुमकिन दिख रहा है। कंपनी ने पहले ही 45,457 करोड़ रुपये के AGR बकाये में छूट की गुहार लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। Vi का कहना है कि सरकार के समर्थन के बिना वित्त वर्ष 2026 के बाद कंपनी का संचालन संभव नहीं होगा। उनके मौजूदा ऑपरेटिंग कॉस्ट से भी ज़्यादा AGR का बकाया है, जिसने कंपनी को पूरी तरह से वित्तीय संकट में धकेल दिया है। इस स्थिति में Vi के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। लेकिन, क्या सरकार वाकई Vi को बंद होने देगी, जब देश में केवल तीन बड़े टेलीकॉम प्लेयर ही बचे हैं?

5G की धीमी चाल और Vi का बढ़ता संकट

जहां एक तरफ रिलायंस जियो और भारती एयरटेल पूरे देश में अपनी 5G सर्विस का तेज़ी से विस्तार कर चुके हैं, वहीं Vi 5G लॉन्चिंग में काफी पीछे रह गया है। 2022 में 5G स्पेक्ट्रम खरीदने के बाद भी Vi को अपनी 5G सर्विस शुरू करने में तीन साल लग गए और आज भी यह सिर्फ दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़ और पटना जैसे गिने-चुने शहरों तक ही सीमित है। यह धीमा विस्तार भी Vi की वित्तीय स्थिति को और कमज़ोर कर रहा है, क्योंकि कंपनी के पास नए इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है। यह दिखाता है कि कंपनी को अपने ऑपरेशन्स को चलाने के लिए भी कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार के सामने बड़ी चुनौती: Vi को बचाना या मार्केट में नए प्लेयर को लाना?

Vi के बंद होने से न केवल 20 करोड़ यूजर्स प्रभावित होंगे, बल्कि टेलीकॉम सेक्टर में दो कंपनियों (जियो और एयरटेल) का दबदबा और बढ़ जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है। ऐसे में सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है: क्या वह Vi को वित्तीय सहायता देकर बचाती है ताकि बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनी रहे, या फिर वह नए टेलीकॉम प्लेयर को एंट्री देने का रास्ता खोलती है?

अगर सरकार Vi को बचाती है, तो इसका मतलब होगा कि उसे कंपनी के AGR बकाये को लेकर कोई रास्ता निकालना होगा या फिर अन्य वित्तीय पैकेज देने होंगे। वहीं, अगर Vi बंद होती है, तो उसके करोड़ों यूजर्स को अपना नंबर पोर्ट कराना होगा। पहले भी एयरसेल, टाटा इंडिकॉम और रिलायंस इंडिया मोबाइल जैसी कंपनियां बंद हुई हैं और उनके यूजर्स को अपना नंबर पोर्ट करने का विकल्प मिला था। ऐसे में Vi के यूजर्स को भी अपना नंबर एयरटेल या जियो जैसे अन्य ऑपरेटर्स में पोर्ट कराने का पर्याप्त समय मिलेगा।

तो क्या सरकार Vi को बचाने के लिए कोई बड़ा कदम उठाएगी, या फिर हमें जल्द ही टेलीकॉम बाजार में कोई नया खिलाड़ी देखने को मिलेगा? यह सवाल अभी भी बना हुआ है।


Next Story