सरकार का यूजर्स के हक में बड़ा फैसला! स्मार्टफोन-टैबलेट के लिए 5 स्टार रेटिंग होगी अनिवार्य, जानें कैसे होगा फायदा
5 Star Rating Policy On Smartphones India: सरकार स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए नई 5 स्टार मरम्मत रेटिंग लाने जा रही है। इससे ग्राहक जान सकेंगे कि डिवाइस कितनी आसानी से ठीक हो सकता है। इससे पैसे बचेंगे और टिकाऊ प्रोडक्ट चुनना आसान होगा।

5 Star Rating Policy On Smartphones India: आप जब भी कोई नया इलेक्ट्रॉनिक सामान, जैसे एसी या रेफ्रिजरेटर खरीदते हैं, तो उसकी स्टार रेटिंग देखकर यह ज़रूर जानते हैं कि वह बिजली कितनी बचाएगा। अब ठीक इसी तरह, स्मार्टफोन और टैबलेट खरीदने वालों के लिए भी एक बहुत बड़ी और काम की रेटिंग आने वाली है। भारत सरकार जल्द ही एक ऐसा नियम ला सकती है जिसके तहत मोबाइल और टैबलेट बनाने वाली कंपनियों को अपने प्रोडक्ट पर एक खास रेटिंग दिखानी होगी। यह रेटिंग बताएगी कि उस डिवाइस को ठीक करवाना यानी मरम्मत करना कितना आसान है।
सरकार का यह कदम सीधा-सीधा ग्राहकों के फायदे के लिए है, ताकि आप किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसकी मरम्मत की सुविधा के बारे में जान सकें और सोच-समझकर सही चुनाव कर सकें। तो आइए जानते हैं सरकार के इस बड़े फैसले का आपको कैसे और कितना फायदा मिलेगा।
जल्दी खराब होते प्रोडक्ट और ग्राहकों की शिकायतें बनी वजह
आखिर सरकार को यह कदम उठाने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? दरअसल, आजकल यह देखा गया है कि कई कंपनियां ऐसे स्मार्टफोन और टैबलेट बनाती हैं जिनका डिज़ाइन कुछ ऐसा होता है कि वे या तो जल्दी खराब हो जाते हैं, या फिर उन्हें रिपेयर करवाना बहुत मुश्किल और महंगा होता है। कई बार तो छोटी-मोटी खराबी के लिए भी डिवाइस को ठीक कराना संभव ही नहीं होता। ऐसे में ग्राहकों के पास नया डिवाइस खरीदने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता।
यह कंपनियों की एक तरह की रणनीति बन गई है कि ग्राहकों को बार-बार नया प्रोडक्ट खरीदने पर मजबूर किया जाए। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर ऐसी मरम्मत संबंधी मुश्किलों को लेकर ग्राहकों से करीब 20 हज़ार शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों ने इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया।
पेश होगा 'मरम्मत सूचकांक': कंपनियों की जिम्मेदारी तय होगी
इस समस्या से निपटने और ग्राहकों को राहत देने के लिए सरकार 'रिपेयरबिलिटी इंडेक्स' यानी 'मरम्मत सूचकांक' लाने की योजना बना रही है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि कंपनियों को यह याद दिलाया जाए कि प्रोडक्ट बेचने के बाद भी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। उन्हें ऐसे डिवाइस बनाने चाहिए जिनकी ज़रूरत पड़ने पर आसानी से मरम्मत हो सके।
साथ ही, इस इंडेक्स के ज़रिए ग्राहकों को किसी भी प्रोडक्ट की मरम्मत की आसानी के बारे में सही और भरोसेमंद जानकारी मिलेगी। जब ग्राहक के पास यह जानकारी होगी, तो वह प्रोडक्ट खरीदते समय सिर्फ उसकी कीमत या फीचर्स ही नहीं देखेगा, बल्कि यह भी देखेगा कि भविष्य में उसे ठीक करवाना कितना सरल होगा।
कैसे तय होगी 5 स्टार रेटिंग? जानें इसका पैमाना
सरकार द्वारा बनाई गई एक कमिटी ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट दी है और उसमें 5 पॉइंट की रेटिंग स्केल का सुझाव दिया गया है। यह रेटिंग 1 से 5 स्टार तक हो सकती है, जिसमें 5 स्टार का मतलब होगा प्रोडक्ट को रिपेयर करना बहुत आसान है। इस रेटिंग को प्रोडक्ट की पैकेजिंग बॉक्स पर और कंपनी की वेबसाइट पर साफ-साफ दिखाना अनिवार्य किया जाएगा।
यह रेटिंग कई बातों पर निर्भर करेगी। जैसे कि फोन या टैबलेट के मुख्य हिस्से - डिस्प्ले (स्क्रीन), बैटरी, कैमरा, चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर - को बदलना या ठीक करना कितना सरल है। डिवाइस को खोलना कितना आसान है, उसमें किस तरह के स्क्रू या पेज लगे हैं जिनके लिए खास औजार यानी स्पेशल टूल्स चाहिए या सामान्य? सबसे ज़रूरी बात, उस मॉडल के स्पेयर पार्ट्स यानी मरम्मत में लगने वाले पुर्जे यानी पार्ट्स बाजार में कितनी आसानी से और सही दाम पर मिलते हैं। साथ ही, कंपनी अपने प्रोडक्ट के लिए कब तक और कितनी नियमित रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट देती है, यह भी रेटिंग में शामिल होगा।
शुरुआत में इन डिवाइस पर होगा लागू, आगे और भी आएंगे
सरकार ने यह कदम नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर आई शिकायतों की जांच के बाद उठाया है। शुरुआत में इस नियम के दायरे में स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे डिवाइस शामिल होंगे। लेकिन सरकार की आगे की योजना में लैपटॉप, डेस्कटॉप कंप्यूटर और शायद अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी इस सिस्टम के तहत लाना है। कमिटी ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को सौंप दी है, और मंत्रालय इस पर आगे काम कर रहा है।
उम्मीद है कि ग्राहकों के फायदे के लिए ये नई गाइडलाइंस जल्द ही जारी होंगी। फिलहाल, सरल और सस्ते फीचर फोन को शायद इस नियम से बाहर रखा जाएगा।
इस रेटिंग से ग्राहकों को क्या जबरदस्त फायदे मिलेंगे?
अब बात करते हैं कि इस फैसले का ग्राहकों को सीधा फायदा कैसे मिलेगा, जैसा कि शीर्षक में बताया गया है। जब आप बाजार में नया स्मार्टफोन या टैबलेट खरीदने जाएंगे, तो आप उस प्रोडक्ट की मरम्मत रेटिंग देख पाएंगे। यह रेटिंग आपको बताएगी कि अगर भविष्य में उस डिवाइस में कोई खराबी आती है, तो उसे ठीक करवाना कितना आसान या मुश्किल होगा। आप ज़्यादा रेटिंग वाले प्रोडक्ट को चुनकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका डिवाइस सिर्फ खरीदते समय अच्छा न हो, बल्कि सालों तक आसानी से चलने वाला और ज़रूरत पड़ने पर आसानी से ठीक होने वाला भी हो।
इससे आपको छोटी-मोटी समस्या के लिए तुरंत नया फोन खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने पुराने डिवाइस को कम खर्च में ठीक करवा पाएंगे, जिससे आपके काफी पैसे बचेंगे। यह फैसला ग्राहकों को ज़्यादा ताकत देगा और उन्हें कंपनियों द्वारा टिकाऊ और मरम्मत-योग्य प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
कंपनियों को बनाने होंगे बेहतर प्रोडक्ट, उपभोक्ता होंगे सशक्त
यह कदम न केवल ग्राहकों के पैसों की बचत करेगा और उनकी डिवाइस की उम्र बढ़ाएगा, बल्कि यह ई-कचरा कम करने में भी मदद करेगा, जो पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। कुल मिलाकर, यह सरकार का एक सराहनीय फैसला है जो ग्राहकों के हितों की रक्षा करता है और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट इंडस्ट्री में अधिक पारदर्शिता लाने का काम करेगा।