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'Operation Sindoor' के बाद बौखलाया पाकिस्तान? भारतीय वेबसाइट्स पर किए 15 लाख हमले, लेकिन सिर्फ 150 ही सफल हुए, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

15 Lakh Cyber Attacks on Indian Websites by Pakistan Hackers: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत पर पाकिस्तान और दूसरे देशों से 15 लाख साइबर हमले हुए, लेकिन सिर्फ 150 ही सफल रहे। महाराष्ट्र साइबर की रिपोर्ट ने हमलों और पीछे मौजूद 7 हैकर ग्रुप्स का खुलासा किया है।

Operation Sindoor के बाद बौखलाया पाकिस्तान? भारतीय वेबसाइट्स पर किए 15 लाख हमले, लेकिन सिर्फ 150 ही सफल हुए, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
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By swapnilkavinkar

15 Lakh Cyber Attacks on Indian Websites by Pakistan Hackers: भारतीय आर्म्ड फोर्सेज की 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान और उससे जुड़े हैकर समूह बौखला गए हैं। उन्होंने भारत की वेबसाइटों और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े साइबर हमले शुरू किए हैं। महाराष्ट्र साइबर विभाग से सामने आई एक रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है। रिपोर्ट बताती है कि अब तक भारत पर 15 लाख से ज्यादा साइबर अटैक हुए हैं। अच्छी बात यह है कि इनमें से केवल 150 हमले ही अपने मकसद में कामयाब हो पाए। इसका सीधा मतलब है कि 99.99% हमले नाकाम रहे। आइए जानते हैं, इस पूरी घटना और इसके पीछे की जानकारी को विस्तार से।

रिपोर्ट 'रोड ऑफ सिंदूर' के मुख्य खुलासे

महाराष्ट्र साइबर ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसका नाम "रोड ऑफ सिंदूर" है। यह रिपोर्ट महाराष्ट्र पुलिस, इंटेलिजेंस विभाग और देश की अन्य सभी ज़रूरी सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी गई है। रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि साइबर हमलावरों ने भारत को डिजिटल दुनिया में बड़ा नुकसान पहुंचाने का प्लान बनाया था। उन्होंने लाखों कोशिशें कीं, लेकिन भारत का साइबर सुरक्षा तंत्र मजबूत साबित हुआ। भारतीय एजेंसियों ने हमलावरों की पहचान कर उनके ज़्यादातर हमलों को शुरू होने से पहले ही रोक दिया। लाखों प्रयासों के बावजूद, सिर्फ मुट्ठी भर हमले ही अपने लक्ष्य तक पहुंच पाए।

कहां से आ रहे हैं साइबर हमले?

यह ध्यान देने वाली बात है कि ये साइबर हमले केवल पाकिस्तान से ही नहीं हुए। रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, इन हमलों में बांग्लादेश, मिडिल ईस्ट (मध्य-पूर्व) के देशों और इंडोनेशिया जैसे जगहों से जुड़े हैकर समूह भी शामिल थे। महाराष्ट्र साइबर के एडिशनल डीजीपी यशस्वी यादव ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच ज़मीनी या सैन्य टकराव भले ही कम हुआ हो, लेकिन साइबर स्पेस में दुश्मन देश लगातार हमला कर रहे हैं। यह डिजिटल जंग अभी जारी है।

इन जगहों को बनाया गया निशाना, इस्तेमाल हुईं ये तकनीकें

साइबर हमलावरों ने कई महत्वपूर्ण सरकारी और निजी ठिकानों को निशाना बनाया। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट उनके टारगेट पर था। इसके अलावा, देश की कुछ प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां और जालंधर में स्थित डिफेंस नर्सिंग कॉलेज जैसी जगहों पर भी हमले हुए। कुछ हमलों में हमलावरों ने वेबसाइटों का डिफेसमेंट किया, यानी उनके होम पेज को बदल दिया या खराब कर दिया। कुछ मामलों में महत्वपूर्ण डेटा चुराने की कोशिश भी हुई, जो बाद में डार्क वेब पर बेचने के लिए डाला गया।

झूठी खबरें फैलाकर डराने की कोशिश

तकनीकी हमलों के अलावा, इन पाकिस्तान-समर्थित साइबर समूहों ने भारत में झूठी खबरें और गलत जानकारी फैलाने की एक बड़ी कोशिश की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर यह अफवाहें फैलाईं कि भारत के पावर ग्रिड पर बड़ा साइबर अटैक हुआ है, या भारतीय सैटेलाइट को जैम कर दिया गया है, या ब्रह्मोस मिसाइल स्टोरेज पर हमला हुआ है। उनका मुख्य मकसद भारतीय नागरिकों में डर और अफरा-तफरी फैलाना था, लेकिन यह सारी बातें मनगढ़ंत और झूठी निकलीं।

हमले के पीछे इन 7 हैकर ग्रुप्स का हाथ

सामने आई रिपोर्ट में सात ऐसे बड़े हैकर समूहों की पहचान की गई है, जो इन साइबर हमलों के लिए ज़िम्मेदार हैं। ये समूह सीधे तौर पर पाकिस्तान से ऑपरेट करते हैं या उन्हें वहां से समर्थन मिलता है। इन प्रमुख समूहों के नाम हैं:

▪︎APT 36 (पाकिस्तान-बेस्ड)

▪︎पाकिस्तान साइबर फोर्स

▪︎टीम इनसेन पीके

▪︎मिस्टीरियस बांग्लादेश

▪︎इंडो हैक्स सेक

▪︎साइबर ग्रुप HOAX 1337

▪︎नेशनल साइबर क्रू

इन्हीं समूहों ने मिलकर भारत पर ये लगभग 15 लाख टारगेटेड साइबर हमले किए।

महाराष्ट्र साइबर सेल ने हमलों को कैसे रोका?

भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने इन हमलों का तुरंत और प्रभावी जवाब दिया। महाराष्ट्र साइबर सेल ने हमलावरों की कई कोशिशों को समय रहते नाकाम कर दिया। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही 5,000 से भी ज्यादा झूठी पोस्ट और गलत जानकारी को भी तुरंत हटवाया गया। यह भारत की डिजिटल सीमाओं की सुरक्षा के लिए एजेंसियों की सतर्कता दिखाता है।

साइबर सुरक्षा में भारत की सफलता और नागरिकों से अपील

यह रिपोर्ट इस बात का सबूत है कि साइबर हमलों के बावजूद, भारत अपनी डिजिटल संपत्तियों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें और सही जानकारी के लिए केवल सरकार के आधिकारिक स्रोतों या विश्वसनीय समाचार माध्यमों पर ही भरोसा करें। भारत अपनी साइबर सुरक्षा को लगातार मजबूत बना रहा है।


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