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JLR हैक से Tata Group में मचा हड़कंप! TCS अब AI शील्ड से करेगी अपने बड़े क्लाइंट्स की सुरक्षा

TCS Latest News Hindi: JLR पर हुए बड़े साइबर हमले के बाद Tata Group में हलचल मच गई है। इस घटना से सबक लेते हुए TCS अब AI आधारित साइबर सिक्योरिटी सिस्टम की टेस्टिंग कर रही है। इसका मकसद बड़े क्लाइंट्स को भविष्य के साइबर अटैक्स से सुरक्षित रखना है।

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Photo: AI-Generated Representational Image

By swapnilkavinkar

TCS Latest News Hindi: भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), अपने प्रमुख क्लाइंट्स के लिए एक नए और एडवांस साइबर सुरक्षा सिस्टम की टेस्टिंग कर रही है। कंपनी ने यह बड़ा कदम अपने सबसे अहम ग्राहकों में से एक, लग्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हुए एक बड़े साइबर हमले के बाद उठाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, JLR पर हुए इस साइबर अटैक से कंपनी को लगभग 1 बिलियन डॉलर यानि करीब 9,000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान होने का अनुमान है, जिसने पूरे टाटा ग्रुप में चिंता बढ़ा दी है।

आखिर JLR में हुआ क्या था?

जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हुए साइबर हमले ने कंपनी के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित किया। इस हमले की वजह से गाड़ियों का प्रोडक्शन और मरम्मत का काम कई जगहों पर ठप हो गया। इतना ही नहीं, हैकर्स ने कंपनी के कर्मचारियों का संवेदनशील डेटा भी लीक कर दिया। इस घटना के बाद से कंपनी पर रेगुलेटरी जांच का खतरा मंडरा रहा है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसी तरह के संकट से अपने दूसरे क्लाइंट्स को बचाने के लिए TCS अब एक्शन मोड में आ गई है।

TCS का नया साइबर सुरक्षा एक्शन प्लान

JLR की घटना से सबक लेते हुए, TCS अब किसी भी साइबर हमले के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक तय फ्रेमवर्क पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ने लगभग 150 पेशेवरों (प्रोफेशनल्स) की छह विशेष टीमें बनाई हैं। ये टीमें पूर्वनिर्धारित प्रक्रियाओं का परीक्षण करेंगी ताकि किसी भी साइबर घटना के समय तुरंत और प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। कंपनी का लक्ष्य एक ऐसा सुरक्षा कवच तैयार करना है जिसे भविष्य में होने वाले हमलों को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

AI और वीडियो वेरिफिकेशन बनेंगे हथियार

TCS के इस नए साइबर सुरक्षा मॉडल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और वीडियो वेरिफिकेशन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें शामिल हैं:

▪︎ AI टूल्स: ये टूल्स कंपनी के IT सिस्टम में हैकर्स की हरकतों पर लगातार नजर रखेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लगाएंगे।

▪︎ वीडियो-बेस्ड वेरिफिकेशन: कंपनी के महत्वपूर्ण IT सिस्टम को संभालने वाले कर्मचारियों की पहचान वीडियो के जरिए वेरिफाई की जाएगी, ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति एक्सेस न कर पाए।

▪︎ एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर्स: नेटवर्क प्रोटेक्शन को और मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा लेयर्स जोड़ी जाएंगी। इन पायलट प्रोजेक्ट्स के सफल होने के बाद, इनके नतीजों को क्लाइंट्स के सामने पेश किया जाएगा।

JLR डील और हमले का बड़ा असर

आपको बता दें कि TCS ने पिछले साल सितंबर 2023 में JLR के साथ पांच साल के लिए 1 बिलियन डॉलर की एक बड़ी IT ट्रांसफॉर्मेशन डील साइन की थी। इस डील के तहत TCS, JLR के IT ऑपरेशंस, साइबर सुरक्षा और डेटा सर्विसेज जैसे काम संभाल रही है। इस हमले से निपटने के लिए TCS ने पालो ऑल्टो नेटवर्क्स की यूनिट 42 और गूगल मैंडिएंट जैसी शीर्ष साइबर सुरक्षा फर्मों की मदद ली है। वहीं, साइबर रिस्क फर्म 'सेफ सिक्योरिटी' के सीईओ साकेत मोदी ने चेतावनी दी है कि इस तरह के हमलों से कंपनी की प्रतिष्ठा को लंबे समय तक नुकसान पहुंचता है। उनके अनुमान के मुताबिक, इस पूरे मामले में JLR को होने वाला कुल नुकसान 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 13,500 करोड़ रुपये) तक पहुंच सकता है।

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