ISRO Aditya-L1: फिर एक ISRO की बड़ी कामयाबी, आदित्य-L1 ने पूरा किया हेलो ऑर्बिट के चक्कर...
ISRO Aditya-L1: फिर एक ISRO की बड़ी कामयाबी, आदित्य-L1 ने पूरा किया हेलो ऑर्बिट के चक्कर...
ISRO Aditya-L1: नईदिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को जानकारी दी है कि भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला, आदित्य-एल1, ने सूर्य और पृथ्वी के बीच एल 1 लैग्रेजियन बिंदु के चारों ओर यानी हेलो ऑर्बिट का एक चक्कर पूरा कर लिया है। आदित्य-एल1 को पिछले साल 2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था और इस साल 6 जनवरी, 2024 को हेलो ऑर्बिट में उसे स्थापित किया गया था। आदित्य-एल 1 ने इसके साथ ही अपने जटिल प्रक्षेप पथ को बनाए रखने की अपनी क्षमता का सफलता पूर्वक प्रदर्शन किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूर्य का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए अंतरिक्षयान आदित्य-एल 1 मिशन को एल 1 बिंदु चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 178 दिन लगते हैं। इसरो ने कहा, इस स्थान पर अंतनि यान को विभिन्न अवरोधकों का सामना करना पड़ता है जो इसे लक्षित पथ से भटका सकती हैं लेकि इन ताकतों का मुकाबला करने के लिए, हमने मिशन की शुरुआत के बाद से तीन महत्वपूर्ण स्टेशन- कीपिंग युद्धाभ्यास किए हैं। पहले दो युद्धाभ्यास क्रमशः 22 फरवरी और 7 जून, 2024 को हुए थे। सोमवार (2 जुलाई) को, तीसरे पैंतरेबाज़ी ने एक महत्वपूर्ण मोड़ को चिह्नित किया, जिससे अंतरिक्ष यान का L1 के आसपास अपनी दूसरी ऑर्बिट में संक्रमण सुनिश्चित हो गया।
बता दें कि आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान की कक्षा एक आवधिक हेलो कक्षा है जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर निरंतर गतिशील सूर्य-पृथ्वी रेखा पर स्थित है, जिसकी परिक्रमा अवधि लगभग 177.86 पृथ्वी दिन है। यह हेलो कक्षा एल 1 पर एक आवधिक, त्रि-आयामी कक्षा है जिसमें सूर्य, पृथ्वी और एक अंतरिक्ष यान शामिल है। इस विशिष्ट हेलो कक्षा का चयन 5 वर्ष का मिशन जीवनकाल सुनिश्चित करने, स्टेशन-कीपिंग पैंतरेबाज़ी को कम करने और इस प्रकार ईंधन की खपत को कम करने और सूर्य का निरंतर, अबाधित दृश्य सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
'एल1 प्वाइंट' पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग एक प्रतिशत है। इसी प्वाइंट के इर्द गिर्द ही आदित्य एल वन को स्थापित किया गया है। 'एल 1 प्वाइंट' के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में इस उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है। इसी प्वाइंट के चारों ओर मौजूद ऑर्बिट को सोलर हैलो ऑर्बिट कहा जाता है। इसी ऑर्बिट में आदित्य एल वन को स्थापित किया गया है।
Aditya-L1: Celebration of First Orbit Completion 🌞🛰️
— ISRO (@isro) July 2, 2024
Today, Aditya-L1 completed its first halo orbit around the Sun-Earth L1 point. Inserted on January 6, 2024, it took 178 days, to complete a revolution.
Today's station-keeping manoeuvre ensured its seamless transition into… pic.twitter.com/yB6vZQpIvE