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How “I’m Not a Robot” Checkbox Detects Bots: 'I’m not a robot' टिक करते ही शुरू हो जाता है डिजिटल जासूसी! जानिए कैसे पकड़े जाते हैं बॉट्स और इंसान में फर्क

How “I’m Not a Robot” Checkbox Detects Bots: इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान आपने अक्सर एक चेकबॉक्स देखा होगा जिस पर लिखा होता है "I’m not a robot"। यह एक साधारण-सा क्लिक दिखता है लेकिन इसके पीछे एक बेहद स्मार्ट और जटिल प्रक्रिया होती है, जिसे CAPTCHA कहा जाता है।

How “I’m Not a Robot” Checkbox Detects Bots: I’m not a robot टिक करते ही शुरू हो जाता है डिजिटल जासूसी! जानिए कैसे पकड़े जाते हैं बॉट्स और इंसान में फर्क
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By Ragib Asim

How “I’m Not a Robot” Checkbox Detects Bots: इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान आपने अक्सर एक चेकबॉक्स देखा होगा जिस पर लिखा होता है "I’m not a robot"। यह एक साधारण-सा क्लिक दिखता है लेकिन इसके पीछे एक बेहद स्मार्ट और जटिल प्रक्रिया होती है, जिसे CAPTCHA कहा जाता है। CAPTCHA का पूरा नाम है "Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart"। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि वेबसाइट पर पहुंचने वाला यूजर कोई बॉट नहीं बल्कि एक असली इंसान है।

कैसे होता है बिहेवियर एनालिसिस

जब आप 'I’m not a robot' चेकबॉक्स पर क्लिक करते हैं, तो सिस्टम सिर्फ आपकी बात पर विश्वास नहीं करता, बल्कि वह आपके क्लिक से पहले और बाद के व्यवहार का सूक्ष्म निरीक्षण करता है। यह आपकी माउस की गति, उसकी दिशा, पेज पर स्क्रॉलिंग, रुकने का तरीका और क्लिक करने की समयसीमा जैसे पहलुओं का विश्लेषण करता है। इंसान का व्यवहार स्वाभाविक रूप से थोड़ा असमंजस भरा और असमान होता है, जबकि बॉट्स का मूवमेंट एकदम सीधा और एकसमान होता है। इसी फर्क के आधार पर सिस्टम तय करता है कि आप बॉट हैं या इंसान।

ब्राउजर हिस्ट्री और कुकीज का भी होता है उपयोग

इस प्रक्रिया में केवल माउस मूवमेंट ही नहीं, बल्कि आपके ब्राउजर की हिस्ट्री और कुकीज भी देखी जाती हैं। यदि आप किसी ऐसे ब्राउजर से आ रहे हैं जिसमें पहले से लॉग-इन अकाउंट है, या जिससे नियमित रूप से वेब सर्फिंग होती रही है, तो सिस्टम यह मानने की संभावना बढ़ा देता है कि आप इंसान हैं। वहीं, अगर आप इनकॉग्निटो मोड या एक क्लीन ब्राउजर से आ रहे हैं, तो आपको अधिक वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना पड़ सकता है।

कभी-कभी CAPTCHA इमेज भी दिखाता है

यदि केवल चेकबॉक्स पर क्लिक करने से सिस्टम को पूर्ण विश्वास नहीं होता कि आप इंसान हैं, तो वह आपको अतिरिक्त वेरिफिकेशन के लिए कह सकता है। इसमें स्ट्रीट साइन्स, ट्रैफिक लाइट्स या क्रॉसवॉक जैसी इमेज को पहचानने के लिए कहा जाता है, या फिर डिस्टॉर्टेड शब्द टाइप करने के लिए कहा जाता है। ये टास्क बॉट्स के लिए हल करना काफी कठिन होता है।

कैसे करता है वेबसाइट्स को सुरक्षित

यह पूरी प्रणाली वेबसाइट को ऑटोमेटेड स्पैम, मैलिशियस बॉट्स और साइबर अटैक से सुरक्षित रखने के लिए होती है। CAPTCHA टेस्ट यह सुनिश्चित करता है कि वेबसाइट की सेवाओं का दुरुपयोग न हो और असली यूजर्स को ही एक्सेस मिले। यह बैकग्राउंड चेक कुछ ही सेकंड्स में आपके व्यवहार और ब्राउजिंग डेटा को देखकर तय कर लेता है कि आप इंसान हैं या नहीं, वह भी बिना आपका समय बर्बाद किए।

अगली बार जब आप 'I’m not a robot' चेकबॉक्स पर क्लिक करें, तो समझें कि वह केवल एक टिक नहीं, बल्कि एक डिजिटल इन्वेस्टिगेशन है जो आपके डिजिटल व्यवहार को पढ़कर यह तय करता है कि आप वाकई इंसान हैं या नहीं।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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