अमेरिकी अरबपति और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार के उस प्रस्तावित कानून की आलोचना की है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर रोक लगाने की योजना है। यह कानून, अगर लागू हुआ, तो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा नियमों के उल्लंघन पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 32 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया का प्रस्तावित कानून
ऑस्ट्रेलिया की सेंटर-लेफ्ट सरकार ने 21 नवंबर को इस बिल को संसद में पेश किया। इस कानून के तहत सोशल मीडिया पर बच्चों की पहुंच रोकने के लिए एज-वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करने की योजना है। यह दुनिया के सबसे सख्त सोशल मीडिया नियंत्रण कानूनों में से एक हो सकता है।
गौरतलब है कि यह कानून बच्चों को माता-पिता की सहमति से सोशल मीडिया का उपयोग करने की भी छूट नहीं देता, जिससे इसे और अधिक विवादास्पद माना जा रहा है।
एलन मस्क की प्रतिक्रिया
एलन मस्क, जो खुद को फ्री स्पीच का समर्थक मानते हैं, ने इस प्रस्तावित कानून को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री की एक एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मस्क ने लिखा,
“ऐसा लगता है कि यह ऑस्ट्रेलियाई जनता के लिए इंटरनेट एक्सेस को नियंत्रित करने का एक बैकडोर है।”
मस्क की इस टिप्पणी से उनकी फ्री स्पीच और इंटरनेट पर खुली पहुंच की विचारधारा स्पष्ट होती है।
सोशल मीडिया पर नियंत्रण: वैश्विक परिदृश्य
फ्रांस का सोशल मीडिया कानून
2023 में, फ्रांस ने 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन माता-पिता की सहमति से इसका उपयोग करने की छूट दी थी।
अमेरिका की नीति
अमेरिका में 13 साल से कम उम्र के बच्चों के डेटा एक्सेस के लिए टेक्नोलॉजी कंपनियों को माता-पिता की सहमति लेनी होती है।
ऑस्ट्रेलिया का नया कानून, हालांकि, फ्रांस और अमेरिका से कहीं अधिक सख्त है क्योंकि यह किसी भी प्रकार की छूट प्रदान नहीं करता।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार और मस्क के बीच विवाद
यह पहली बार नहीं है जब एलन मस्क और ऑस्ट्रेलिया की सरकार के बीच टकराव हुआ है। इससे पहले, मस्क ने ऑस्ट्रेलिया की मिसइन्फॉर्मेशन लॉ को लेकर भी सरकार की आलोचना की थी और इसे ‘फासीवादी’ करार दिया था।
- अप्रैल 2024: एक्स ने ऑस्ट्रेलिया के साइबर नियामक के आदेशों को चुनौती देने के लिए कोर्ट का सहारा लिया। नियामक ने सिडनी के एक बिशप की हत्या से जुड़े पोस्ट्स को हटाने का आदेश दिया था।
विवाद की मुख्य चिंताएं
इंटरनेट एक्सेस पर नियंत्रण:
मस्क का मानना है कि यह कानून इंटरनेट एक्सेस को नियंत्रित करने का एक प्रयास है, जिससे फ्री स्पीच और डेटा प्राइवेसी पर असर पड़ेगा।माता-पिता की सहमति:
कानून में माता-पिता की सहमति से भी बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग की अनुमति न देना इसे और अधिक विवादास्पद बनाता है।सोशल मीडिया कंपनियों पर जुर्माना:
कानून के उल्लंघन पर भारी जुर्माने की व्यवस्था से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दबाव बढ़ेगा।