चालान के नाम पर लूट! सरकारी पोर्टल जैसी दिखने वाली 36 फेक साइट्स का खुलासा, पेमेंट करने से पहले चेक करें ये लिस्ट
Fake RTO E-Challan Scam News: भारत में 36 से ज्यादा फर्जी RTO ई-चालान वेबसाइट्स का खुलासा हुआ है। ये साइट्स असली सरकारी पोर्टल की नकल कर आपकी बैंकिंग डिटेल्स चोरी कर रही हैं। जानें कैसे इस नए स्कैम को पहचानें और अपने बैंक अकाउंट को खाली होने से बचाएं।

Photo: AI-Generated Representational Image
Fake RTO E-Challan Scam News: अगर आप अपनी गाड़ी का ट्रैफिक चालान ऑनलाइन भरने जा रहे हैं, तो रुकिए! देश में एक बहुत बड़ा ऑनलाइन स्कैम सामने आया है जो सीधा आपके बैंक अकाउंट पर हमला कर रहा है। साइबर सिक्योरिटी फर्म Cyble की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, स्कैमर्स ने 36 से ज्यादा ऐसी फेक वेबसाइट्स बनाई हैं जो दिखने में बिल्कुल सरकारी ई-चालान पोर्टल जैसी लगती हैं। इन वेबसाइट्स का मकसद गाड़ी ओनर्स को डराकर उनकी बैंकिंग डिटेल्स चोरी करना है।
Reliance Jio नंबर और SMS का खतरनाक खेल
इस फ्रॉड की शुरुआत आपके मोबाइल पर आने वाले एक SMS से होती है। ये मैसेज किसी अनजान नंबर या अक्सर Reliance Jio के नंबर से भेजे जाते हैं। मैसेज में बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से लिखा होता है कि आपकी गाड़ी का चालान पेंडिंग है और अगर आपने इसे तुरंत नहीं भरा, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस ब्लॉक हो सकता है। घबराहट में लोग मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक कर देते हैं। ये स्कैमर्स इतने शातिर हैं कि उन्होंने अपने नंबरों को SBI जैसे बड़े बैंकों के नाम से लिंक कर रखा है ताकि किसी को शक न हो।
हुबहू सरकारी पोर्टल जैसी दिखती हैं ये वेबसाइट्स
जैसे ही आप लिंक ओपन करते हैं, आपके सामने एक ऐसा पेज खुलता है जो बिल्कुल असली 'Parivahan' पोर्टल जैसा दिखता है। इसमें MoRTH और NIC के सरकारी लोगो लगे होते हैं। यहां तक कि आप जैसे ही अपनी गाड़ी का नंबर डालते हैं, यह वेबसाइट तुरंत एक फर्जी चालान रिकॉर्ड दिखा देती है। यह स्कैम इतना एडवांस्ड है कि वेबसाइट पर दिख रहे कलर्स, फोंट्स और लेआउट को देखकर एक आम आदमी असली-नकली में फर्क नहीं कर पाता।
पेमेंट पेज पर होती है असली चोरी
इस स्कैम का सबसे बड़ा पकड़ने वाला पॉइंट इसका पेमेंट पेज है। ये फेक वेबसाइट्स पेमेंट के लिए UPI या नेट बैंकिंग का विकल्प नहीं देतीं। यहां आपसे सिर्फ आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल्स मांगी जाती हैं। जैसे ही आप अपना कार्ड नंबर, CVV और एक्सपायरी डेट डालते हैं, ये सारी जानकारी स्कैमर्स के पास पहुंच जाती है। मजेदार बात ये है कि पेमेंट प्रोसेस होते समय स्क्रीन पर "Payment is being processed by Indian banks" जैसे मैसेज आते हैं, ताकि आपको लगे कि सब कुछ सुरक्षित है, जबकि असल में आपका डेटा चोरी हो रहा होता है।
डिलीवरी ऐप्स और बैंकों के नाम पर भी फ्रॉड
जांच में यह भी पता चला है कि ये स्कैमर्स सिर्फ RTO के नाम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। इन्होंने DTDC, Delhivery जैसी कूरियर कंपनियों और यहां तक कि HSBC बैंक के नाम पर भी फर्जी पेमेंट पेज बना रखे हैं। ये एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जो अलग-अलग तरीकों से लोगों को फंसाने की कोशिश कर रहा है। अगर आप कूरियर ट्रैक करने या बैंक का काम करने के लिए भी ऐसे लिंक्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका पैसा खतरे में पड़ सकता है।
पेमेंट करने से पहले चेक करें ये लिस्ट (सेफ्टी चेकलिस्ट)
अगर आपके पास चालान का मैसेज आया है, तो पेमेंट करने से पहले इन बातों को जरूर चेक करें:
▪︎ URL चेक करें: असली सरकारी वेबसाइट का एड्रेस हमेशा .gov.in या .nic.in पर खत्म होता है। अगर URL में कोई अजीब नाम या स्पेलिंग मिस्टेक है, तो तुरंत हट जाएं।
▪︎ पेमेंट के तरीके: सरकारी पोर्टल हमेशा UPI, नेट बैंकिंग और कार्ड्स जैसे कई विकल्प देते हैं। अगर कोई साइट सिर्फ कार्ड मांग रही है, तो वह 100% फेक है।
▪︎ अनजान लिंक: SMS में आए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा गूगल पर जाकर खुद 'Parivahan' सर्च करें और ऑफिशियल साइट पर जाएं।
▪︎ नंबर चेक करें: सरकारी मैसेज आमतौर पर सेंडर आईडी (जैसे- AD-CHALLAN) से आते हैं, किसी रैंडम मोबाइल नंबर से नहीं।
▪︎ सावधानी: अगर साइट पर कोई भी चीज संदिग्ध लगे, तो अपनी पर्सनल या बैंकिंग जानकारी कभी न दें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
