pollution control: कार कंपनियों पर उत्सर्जन मानकों की अनदेखी का जुर्माना, हुंडई समेत 8 कंपनियों पर भारी आर्थिक बोझ
भारत सरकार ने 8 प्रमुख कार कंपनियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। हुंडई, महिंद्रा, किआ, होंडा, रेनॉल्ट, स्कोडा, निसान, और फोर्स मोटर जैसी कंपनियों की कारों का उत्सर्जन स्तर सरकार द्वारा निर्धारित कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इफिशिएंसी (CAFE) मानकों से अधिक पाया गया है।
Pollution control: बढ़ते प्रदूषण और उत्सर्जन मानकों की अवहेलना के चलते भारत सरकार ने 8 बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी की है। हुंडई, महिंद्रा, किआ, और होंडा जैसी कंपनियों को कुल 7,300 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
प्रदूषण नियंत्रण में विफल कार कंपनियों पर कड़ा एक्शन
देश में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार ने 8 प्रमुख कार कंपनियों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। हुंडई, महिंद्रा, किआ, होंडा, रेनॉल्ट, स्कोडा, निसान, और फोर्स मोटर जैसी कंपनियों की कारों का उत्सर्जन स्तर सरकार द्वारा निर्धारित कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इफिशिएंसी (CAFE) मानकों से अधिक पाया गया है।
CAFE मानकों के अनुसार:
- प्रति 100 किलोमीटर पर ईंधन की खपत 4.78 लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन प्रति किलोमीटर 113 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इन मानकों के उल्लंघन पर 7,300 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
सबसे अधिक जुर्माना हुंडई पर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुंडई पर 2,837 करोड़ रुपये का जुर्माना लगने की संभावना है, जो कंपनी की कुल सालाना शुद्ध आय का लगभग 60% है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में हुंडई ने 7.27 लाख कारों का प्रोडक्शन किया था, जिसमें 5.67 लाख कारें घरेलू बाजार में बेची गईं। कंपनी का कुल मुनाफा 4,709 करोड़ रुपये था, लेकिन इस जुर्माने के चलते उसकी कमाई पर बड़ा असर पड़ेगा।
अन्य कंपनियों पर संभावित जुर्माने की राशि:
- महिंद्रा: 1,788 करोड़ रुपये
- किआ इंडिया: 1,346 करोड़ रुपये
- होंडा: 457.7 करोड़ रुपये
- रेनॉल्ट: 438.3 करोड़ रुपये
- स्कोडा: 248.3 करोड़ रुपये
- निसान: 172.3 करोड़ रुपये
- फोर्स मोटर: 1.8 करोड़ रुपये
कैसे तय होता है जुर्माना?
सरकार ने कार कंपनियों के लिए कड़े पेनाल्टी मानदंड निर्धारित किए हैं।
- 0.2 लीटर प्रति 100 किमी से कम ईंधन खपत पर प्रत्येक वाहन के लिए 25,000 रुपये जुर्माना।
- इससे अधिक खपत पर 50,000 रुपये प्रति वाहन जुर्माना।
- इसके अतिरिक्त, 10 लाख रुपये का मूल जुर्माना।
2022-23 में बेचे गए 18 ऑटोमोबाइल कंपनियों के विभिन्न मॉडल और वेरिएंट का परीक्षण किया गया। वास्तविक ड्राइविंग स्थितियों में कई मॉडलों का प्रदर्शन CAFE मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसके आधार पर जुर्माने की गणना की गई।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार का बड़ा कदम
यह जुर्माना सरकार के उत्सर्जन मानकों को सख्ती से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने और ऑटोमोबाइल निर्माताओं को जिम्मेदारी लेने के लिए मजबूर करने की यह नीति न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी है।
आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ये कंपनियां अपने मॉडल्स को पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए क्या कदम उठाती हैं।