ऐपल ने भारत में iPhone प्रोडक्शन के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। फाइनेंशियल ईयर 2024-2025 के शुरुआती 7 महीनों में ही कंपनी ने प्रोडक्शन की 10 बिलियन डॉलर FOB (फ्री ऑन बोर्ड) वैल्यू को पार कर लिया है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 37% अधिक है। इस सफलता से भारत ऐपल की वैश्विक उत्पादन श्रृंखला का एक अहम हिस्सा बन गया है।
FOB वैल्यू और मार्केट कीमत का गणित
FOB वैल्यू किसी प्रोडक्ट की वह कीमत होती है, जो फैक्ट्री से निकलने से पहले निर्धारित होती है। 10 बिलियन डॉलर की FOB वैल्यू वाले iPhone प्रोडक्शन की मार्केट कीमत करीब 15 बिलियन डॉलर तक हो सकती है। यह बढ़ता हुआ आंकड़ा न केवल भारत के iPhone उत्पादन में प्रगति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में देश की बढ़ती हिस्सेदारी को भी दिखाता है।
निर्यात में बड़ी बढ़त
भारत से iPhone का निर्यात भी तेजी से बढ़ा है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 बिलियन डॉलर मूल्य के iPhone निर्यात किए गए हैं, जो कुल उत्पादन का लगभग 70% है। वहीं, 3 बिलियन डॉलर के iPhone घरेलू बाजार में बेचे गए। अक्टूबर 2024 में भारत ने पहली बार 2 बिलियन डॉलर का मासिक उत्पादन आंकड़ा छूकर नया रिकॉर्ड बनाया।
सरकार की नीतियों का योगदान
iPhone प्रोडक्शन में इस वृद्धि का श्रेय भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को भी जाता है। यह स्कीम विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ताइवान की तीन प्रमुख कंपनियां—फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन, और विस्ट्रन (अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स)—ने भारत में अपने प्रोडक्शन यूनिट्स स्थापित किए हैं। इन कंपनियों के कारण न केवल ऐपल का उत्पादन बढ़ा है, बल्कि भारत को एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का मौका भी मिला है।
Foxconn की सबसे बड़ी हिस्सेदारी
भारत में iPhone प्रोडक्शन के आंकड़ों पर गौर करें तो Foxconn सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। यह कंपनी कुल उत्पादन का 56% हिस्सा रखती है। यह सफलता भारत सरकार और ऐपल के बीच मजबूत साझेदारी का नतीजा है।
भविष्य की योजना और महत्वाकांक्षाएं
ऐपल ने भारत में 18 बिलियन डॉलर की FOB वैल्यू तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। यह आंकड़ा कंपनी की वैश्विक रणनीति में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इस लक्ष्य को हासिल करने पर iPhone की संभावित मार्केट वैल्यू 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।