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AI Surveillance का आतंक! होटल में हेयर ड्रायर से धुआं निकला तो लगा ₹5,000 जुर्माना – कार रेंटल में भी चालान तय

Ai Surveillance in Hotels: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब छोटे कारोबारियों का भी पसंदीदा औज़ार बन गया है। होटल्स और रेंटल सर्विस जैसी सर्विस इंडस्ट्री में AI का तेजी से विस्तार हो रहा है।

AI Surveillance का आतंक! होटल में हेयर ड्रायर से धुआं निकला तो लगा ₹5,000 जुर्माना – कार रेंटल में भी चालान तय
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By Ragib Asim

Ai Surveillance in Hotels: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब छोटे कारोबारियों का भी पसंदीदा औज़ार बन गया है। होटल्स और रेंटल सर्विस जैसी सर्विस इंडस्ट्री में AI का तेजी से विस्तार हो रहा है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में तो AI निगरानी का प्रमुख जरिया बन चुका है, और अब यह संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही भारत में भी इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल देखने को मिलेगा।

Car Rental Industry में AI का बढ़ता दखल

अमेरिका की प्रसिद्ध कार रेंटल कंपनी हर्ट्ज़ (Hertz) और यूरोप की सिक्स्ट (Sixt) अब अपनी सर्विस में AI तकनीक को शामिल कर चुकी हैं। जब कोई ग्राहक किराए की कार वापिस करता है, तो AI डिवाइस द्वारा कार के बाहरी हिस्सों को स्कैन कर खरोंच, डेंट या किसी भी प्रकार की क्षति का पता लगाया जाता है। जो भी नुकसान पाया जाता है, उसकी जानकारी सीधे जुर्माने के रूप में ग्राहक को दी जाती है। AI द्वारा रिकॉर्ड की गई जानकारी को डिजिटल प्रूफ की तरह इस्तेमाल किया जाता है।

होटल्स में AI Surveillance कैसे करता है काम?

कुछ होटल अब सेंसर-आधारित AI सिस्टम को अपने कमरों में लगा रहे हैं। इनका काम यह पहचानना है कि कहीं रूम के अंदर स्मोकिंग या किसी अन्य प्रतिबंधित गतिविधि तो नहीं हुई। हालांकि कई बार यह तकनीक हेयर ड्रायर या परफ्यूम के धुएं को भी स्मोकिंग समझ लेती है, जिससे गेस्ट को लंबा जुर्माना भरना पड़ता है।

Algorithmic Auditing क्या है और ये कैसे काम करता है?

इसमें AI सिस्टम किसी भी छोटी से छोटी गलती या क्षति की पहचान करता है, चाहे वह हल्की सी स्क्रैच हो, गंदा तौलिया हो या टूटा हुआ मग। इसके बाद उस नुकसान की कीमत ग्राहक से वसूली जाती है। इंसान कई बार इन छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देता है, लेकिन मशीन में ऐसा कोई भाव नहीं होता। उदाहरण के लिए, एक सामान्य स्क्रैच जो टायर पर सामान्य इस्तेमाल के कारण आता है, वो भी AI के रडार में आकर चार्ज का कारण बन सकता है।

क्या ग्राहकों के लिए बनेगा ये सिस्टम सिरदर्द?

जैसे-जैसे AI आधारित ऑडिटिंग सिस्टम का प्रयोग बढ़ रहा है, ग्राहकों को यह वाक्य बार-बार सुनने को मिलेगा – "गलती मशीन ने पकड़ी है, इंसानी दखल की गुंजाइश नहीं है।" यह सिस्टम यदि गलती से कोई अलर्ट जारी कर दे, तो ग्राहक को बिना गलती के भी भारी फाइन देना पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भविष्य में AI को और अधिक परिपक्व और संवेदनशील बनाया जाएगा।

भारत में कब दिखेगा AI Surveillance का असर?

भारत में अभी इस तरह की तकनीक का औपचारिक प्रवेश नहीं हुआ है, लेकिन जिस तेजी से विदेशी बाजारों में इसका विस्तार हो रहा है, यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्षों में भारतीय होटल और रेंटल बिजनेस भी AI निगरानी प्रणाली को अपनाने लगेंगे। इससे जहां कंपनियों को लॉस कम करने में मदद मिलेगी।

AI Surveillance तकनीक जहां कंपनियों को पारदर्शिता और ऑटोमेटेड ऑडिटिंग का फायदा देती है, वहीं ग्राहकों के लिए यह एक तनावपूर्ण बदलाव हो सकता है। खासकर तब, जब तकनीक गलत पहचान करके जुर्माना लगा दे। इसीलिए यह ज़रूरी है कि आने वाले समय में इस प्रणाली को और अधिक इंसान-सुलभ और गहराई से समझने वाला बनाया जाए ताकि ग्राहक और कंपनी, दोनों के बीच संतुलन बना रह सके।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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