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शिक्षक मांगेंगे शिक्षक अपना अधिकार, पूर्व सेवा के आधार पर संविलियन तो उसी सेवा के आधार पर क्रमोन्नति, पदोन्नति दें…. एल बी संवर्ग को कार्यरत संख्या के अनुपात में पदोन्नति के पद नहीं

शिक्षक मांगेंगे शिक्षक अपना अधिकार, पूर्व सेवा के आधार पर संविलियन तो उसी सेवा के आधार पर क्रमोन्नति, पदोन्नति दें…. एल बी संवर्ग को कार्यरत संख्या के अनुपात में पदोन्नति के पद नहीं
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By NPG News

पदोन्नति के लिए हजारो पद – पर बाधा बना रहे अधिकारी

लगातार शोषण, अन्याय व भेदभाव के विरोध में 02 अक्टूबर को सत्याग्रह संदेश

रायपुर 26 सितम्बर 2020. छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि शिक्षको के क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति व पुरानी पेंशन पर शासन की चुप्पी से शिक्षकों में आक्रोश है, अतः लगातार शोषण, अन्याय व भेदभाव के विरोध में 02 अक्टूबर को सत्याग्रह संदेश के माध्यम से शिक्षक अपना अधिकार मांगते हुए सरकार तक ट्वीटर के माध्यम से अपनी बात पहुचायेंगे।

सभी विभाग में पदोन्नति जारी है, तो शिक्षा विभाग में पदोन्नति क्यो नही,? हजारो शिक्षक संवर्ग को 23 वर्ष की शिक्षकीय सेवा में भी क्रमोन्नति नही दी गई है।

1998 से लगातार भर्ती किये गए हजारो शिक्षाकर्मियों को आज तक क्रमोन्नति व पदोन्नति नही मिली। एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का प्रावधान है, किन्तु नियम कायदे के चक्कर मे विभाग ने शोषण ही किया है।

बाजार आधारित एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है। पंचायत/ननि व एल बी संवर्ग में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित है, जनवरी 2019 से महंगाई भत्ता लंबित है।

2 वर्ष से अधिक की सेवा के लिए वेटेज देते हुए जुलाई 2020 से संविलियन की मांग जारी है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि 1998 से अब तक शासकीय शाला में ही शिक्षक सेवारत है, उनकी पुरानी सेवा को आधार बनाकर ही संविलियन किया गया है, ऐसे में उस सेवा व अनुभव को आधार बनाकर शिक्षा विभाग में पदोन्नति व क्रमोन्नति क्यो नही दिया जाएगा,?

शिक्षा विभाग के नया भर्ती नियम 2019 में कई संशोधन का सुझाव दिया गया, किन्तु विभाग ने इसे दरकिनार करते हुए नियम बनाया है इससे एल बी संवर्ग को क्रमोन्नति व पदोन्नति में अधिकारी बाधा बना रहे है, इस नियम में एल बी संवर्ग से भेदभाव किया गया है, संख्या के अनुपात में पदोन्नति के पद नही दिए गए है, और पुरानी सेवा की वरिष्ठता भी नही गई है।

‌क्रमोन्नति, एवं वेतन विसंगति की समस्या पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे समस्या यथावत है।

प्राचार्य, व्याख्याता एवं प्रधानपाठक माध्यमिक शाला के पदों पर एल बी संवर्ग के पदोन्नति हेतु अनुपातिक पदों का आबंटन नहीं किया गया है, जबकि ई एवं टी संवर्ग के पश्चातवर्ती पदोन्नत शिक्षकों को बेहतर अवसर देने ज्यादा पद आबंटित किये गए है।

क्रमोन्नति देने सरकार ने घोषणापत्र में कहा है, सहायक शिक्षक संवर्ग की वेतन विसंगति दूर करने का वादा किया गया है, पुरानी पेंशन बहाली की कार्यवाही करने घोषणापत्र में लेख है, इन मुद्दों पर शासन ने लगातार मांग के बाद भी कोई योजना नही बनाया है, अनुकम्पा नियुक्ति के सैकड़ो प्रकरण धूल खा रहे है, महंगाई भत्ता लंबित है।

20-23 वर्षों से एक ही संस्था, एवं समकक्ष पद एवं योयता, अर्हता पर कार्य कर रहे एल बी संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति के सीमित अवसर प्रदान किये गए हैं, जो शोषण, अन्याय व भेदभावपूर्ण व्यवहार है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के अनुसार वर्तमान कार्यरत व्याख्याता व शिक्षक संख्या अनुपात के आधार पर ई/टी संवर्ग तथा ई एलबी/टी एलबी संवर्ग के लिए पदोन्नति हेतु आबंटित पदों का अनुपात 10% : 90% होंना चाहिए।

20 से 23 वर्ष तक समान पात्रता, योग्यता वाले शिक्षक व व्याख्याता के लिए क्रमोन्नति के अवसर नही है,,प्रकाशित राजपत्र से कितने व्याख्याता व शिक्षक को पदोन्नति मिलेगी,? एक साथ नियुक्त शिक्षको को पद नही होने पर नियमानुसार तत्काल उच्च स्तर का समयमान व क्रमोन्नति प्रावधानित करने की आवश्यकता है।

इसी शोषण, अन्याय व भेदभाव की खिलाफत में टीचर्स एसोसिएशन द्वारा 2 अक्टूबर को सत्याग्रह संदेश के रूप में समानता व अधिकार देने शिक्षा विभाग को संदेश दिया जाएगा। इस अभियान में हजारो शिक्षक जुड़कर अपनी बात शोसल मीडिया में मुखरता से रख रहे है।

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