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टीचर्स एसोसिएशन ने क्रमोन्नति की मांग को बताया सर्वोपरी…. ..संजय शर्मा बोले – मध्यप्रदेश में मिल रहा क्रमोन्नति, छत्तीसगढ़ में 94 हजार कर्मचारी हैं इससे वंचित….

टीचर्स एसोसिएशन ने क्रमोन्नति की मांग को बताया सर्वोपरी…. ..संजय शर्मा बोले – मध्यप्रदेश में मिल रहा क्रमोन्नति, छत्तीसगढ़ में 94 हजार कर्मचारी हैं इससे वंचित….
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By NPG News

रायपुर 22 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक, ने कहा है कि क्रमोन्नति की मांग सर्वोपरि है, जिसमे से 94 हजार एल बी संवर्ग के शिक्षक जो एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके है, क्रमोन्नति के पात्र है।

मध्यप्रदेश में साथ नियुक्त हुए शिक्षकों को 10 वर्ष में पहला और फिर 20 वर्ष में दूसरा क्रमोन्नति का लाभ मिल रहा है व वित्त विभाग के आदेश में भी प्रथम नियुक्ति से कुल सेवा अवधि का लाभ देने का नियम है।

सभी दस्तावेजो को शिक्षा व पंचायत विभाग के प्रमुख को अवगत कराया गया है, एसोसिएशन द्वारा मंत्रालय में अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति आदेश को लागू करने सहित 2013 को लागू पुनरीक्षित वेतन मान के त्रुटिपूर्ण / विसंगति पूर्ण निर्धारण पर सचिव व संचालक द्वारा जारी रिवाइज एल पी सी पर स्पष्ट आदेश जारी करने का मांग किया गया है।

साथ ही-

*??सम्पूर्ण संविलियन*
*??क्रमोन्नति/समयमान*
*??सभी पदों पर पदोन्नति*
*??पुरानी पेंशन बहाली*
*??वेतन विसंगति*
*??अनुकम्पा नियुक्ति* सहित प्रमुख मांगो पर ज्ञापन दिया गया है।

वर्तमान में संविलियन से वंचित शिक्षक पं/ननि संवर्ग की संख्या अनुपातिक रूप से अल्प है, अतः एसोसिएशन की मांग है कि बजट में सम्पूर्ण संविलियन का प्रावधान कर जनघोषणा पत्र के वादा को पूरा कर शिक्षको को सौगात दिया जावे।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने जनघोषणा पत्र में क्रमोन्नति देने का उल्लेख किया है, किंतु विभागीय अधिकारियो ने क्रमोन्नति देने की कार्ययोजना अब तक स्पष्ट नही किया है, छत्तीसगढ़ में एल बी संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति नही मिली है,,,साथ ही उन्हें अब तक क्रमोन्नति भी नही दिया गया,,,दुर्भाग्य है, की क्रमोन्नति के आदेश को भूतलक्षी प्रभाव से निरस्त भी किया गया है,,,जिससे एक ही पद पर 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा देने वाले शिक्षकों को 6 हजार से 12 हजार रुपये तक कम मासिक वेतन मिल रहा है।

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