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छात्र की मौत: परिवार पालने के लिए करता था मजदूरी… तेज रफ्तार कार ने मारी थी टक्कर,घटना के एक माह बाद भी आरोपी कार चालक की नहीं हुई गिरफ्तारी

छात्र की मौत: परिवार पालने के लिए करता था मजदूरी… तेज रफ्तार कार ने मारी थी टक्कर,घटना के एक माह बाद भी आरोपी कार चालक की नहीं हुई गिरफ्तारी
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By NPG News

धमतरी 23 फरवरी 2021. किसी भी घर में माता,पिता के लिए उसका सबसे बड़ा सहारा उसका औलाद होता है. लेकिन वो सहारा अगर माता पिता से छीन जाय तो…. जरा सोचिए ,सोचकर भी दिल दहल जाता है. ऐसा ही एक वाक्या नगरी थाना इलाके के ग्राम बोडरा में देखने को मिला है.

दरसअल नगरी इलाके के ग्राम बोडरा निवासी युवक गोविंद पिता जयचंद यादव, जो कि अपने माता पिता का अकेला संतान था और जिसके मेहनत मजदूरी से ही उनका घर चल रहा था. माँ असहाय और पिता मानसिक रोगी है. मृतक गोविंद पर छोटे उम्र में ही बड़ी जिम्मेदारी आ गयी थी और वह मेहनत मजदूरी कर अपना और माता का ख्याल रख रहा था. इसी बीच बीते 15 जनवरी की शाम गोविंद मजदूरी कर सायकल से अपने घर लौट रहा था. तभी गोरेगांव तालाब के पास नगरी तरफ जा रही तेज रफ्तार कार ने सायकल सवार गोविंद को ठोकर मार दी. घटना में गोविंद के सर पर गंभीर चोट लगी थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए रायपुर के DKS अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 23 जनवरी को गोविंद की इलाज के दौरान ने मौत हो गई. इधर घटने के एक माह बाद भी आरोपी कार चालक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर मृतक के परिजन गाँव के सरपंच, उपसरपंच के साथ थाने पहुँचकर न्याय दिलाने की भी गुहार लगा चुके है. इसके बाद भी अब तक के कार चालक की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. वहीँ इस पूरे मामले में नगरी थाना प्रभारी विनय पम्मार ने बताया कि, पुलिस इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है. सीसी टीवी फुटेज भी खंगाला गया जा रहा है. साथ ही जांच भी जारी है

मृतक युवक के परिजन बोले…..

मृतक युवक के परिजन ने बताया कि हम थाने में न्याय की गुहार लगा चुके है है लेकिन अब तक पुलिस कार सवार को पकड़ नहीं पायी है. घटना के बाद हमने घटने स्थल से गाड़ी के कुछ पार्ट मिरर के टुकड़े थाने में दिये है. इसके बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

घर का अकेला बेटा नवमी का था छात्र… परिवार पालने करता था मजदूरी

बताया गया कि मृतक युवक गोविंद यादव 16 वर्ष का था और नवमी पास कर क्लास 10वीं की पढाई कर रहा था. छोटे से उमर में उनके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी थी इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ मजदूरी करने भी जाता था. और बोलता था कि अब पढ़ाई छोड़कर काम करना है…

बेटे के मौत के बाद माँ हुई बेसहारा ,पिता पहले से है मानसिक रोगी…
इधर घर के अकेले बेटे के सड़क हादसे में मौत हो जाने के बाद… माता ,पिता के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घर में कोई कमाने वाला है नहीं जिससे घर का गुजारा चल सके. बेटे के मौत के बाद माँ की तबियत लगातार खराब रहती है और पिता पहले से मानसिक रोगी है.

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