World Cup 2023 : टीम इंडिया क्या इस बार दोहरा पाएगा वर्ल्ड कप 2011 का इतिहास, सामने आया ये 5 बड़ा चैलेंजेस...पढ़ें पूरी खबर...
World Cup 2023 : नईदिल्ली। वर्ल्ड कप 2023 का मेजबान भारत क्या 2011 की खिताबी जीत को दोहरा पाएगा? क्रिकेट विश्व क्रिकेट का ‘महाकुंभ’ शुरू होने को अभी एक माह से अधिक का वक्त है लेकिन यह सवाल रह-रहकर फैंस के दिलोदिमाग में घुमड़ रहा है. हालांकि, भारतीय टीम को इससे पहले आयरलैंड में 18 अगस्त से तीन टी20 मैचों की सीरीज और इसके बाद एशिया कप (वनडे फॉर्मेट) खेलना है. इन दोनों ही सीरीज को वनडे वर्ल्ड कप से पहले विभिन्न कांबिनेशन आजमाने की कवायद ही माना जा रहा है.
दरअसल, वर्ल्ड कप 2019 के लिए भारतीय टीम का ऐलान अगले माह होगा. इसका आगाज 5 अक्टूबर से होगा और 19 नवंबर को फाइनल में चैंपियन टीम का फैसला होगा. मेजबान और घरेलू परिस्थितियों से वाकिफ होने के नाते रोहित शर्मा की टीम इंडिया को खिताब का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. गत चैंपियन इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान को भी कम नहीं आंका जा सकता. यह भी संभव है कि इन चार टीमों से इतर कोई अलग टीम ही हर किसी को हैरान कर चैंपियन का ताज पहने. घरेलू मैदान पर हर भारतीय, अपनी टीम से खिताब की उम्मीद लगाए है लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज में औसत प्रदर्शन से उनका विश्वास थोड़ा डगमगा जरूर रहा है. नजर डालते हैं, उन चुनौतियों और कमजोरियों पर जो टीम की वर्ल्ड कप की राह को ‘कंटीला’ बना सकती हैं.
1 . ओपनिंग रोहित-गिल करें या लेफ्ट-राइट कांबिनेशन
वर्ल्ड कप 2011 में सचिन और सहवाग की जोड़ी ने भारत को चैंपियन बनाने में अहम रोल अदा किया था. इसके बाद से दो वर्ल्डकप (2015 और 2019) में टीम ने लेफ्ट-राइट कांबिनेशन के तौर पर शिखर धवन और रोहित शर्मा का बतौर ओपनर आजमाया. इस जोड़ी ने विपक्षी गेंदबाजों व फील्डरों को खासा परेशान किया और ज्यादातर मैच में टीम इंडिया को ठोस शुरुआत देकर बड़े स्कोर की नींव रखने में मदद की थी. वैसे भी ओपनर और मिडिल ऑर्डर में बाएं-दाएं हाथ के बैटर्स की जोड़ी के ‘प्रयोग’ को एमएस धोनी बखूबी आजमा चुके हैं. वर्ल्ड कप 2023 के पहले टीम मैनेजमेंट को फैसला करना होगा कि वह रोहित शर्मा और शुभमन गिल की ओपनर जोड़ी पर ही भरोसा करे या रोहित के साथ ईशान किशन (या यशस्वी जायसवाल) जैसे खब्बू बैटर का मौका दे. ऐसी स्थिति में शुभमन गिल मिडिल ऑर्डर (जो कई बार कमजोर कड़ी साबित होता रहा है) को मजबूती दे सकते हैं.
2 . सर्जरी के बाद बुमराह की वापसी और शमी का लंबा ब्रेक
तेज गेंदबाजी में टीम इंडिया के ट्रंप कार्ड जसप्रीत बुमराह पर हर किसी की नजर है. सर्जरी के बाद बुमराह ने बॉलिंग शुरू कर दी है लेकिन वर्ल्ड कप के पहले शीर्ष फॉर्म को पाना उनके लिए चुनौती है. वर्ल्ड कप में बॉलिंग डिपार्टमेंट का दारोमदार बहुत कुछ बुमराह पर ही होगा. ऐसे में आयरलैंड के खिलाफ सीरीज में कप्तान के साथ-साथ बॉलर के तौर पर जसप्रीत पर फैंस की निगाहें होंगी. बुमराह की गैरमौजूदगी के बीच सिलेक्टर ने एक और अजीब फैसला, एक अन्य तेज गेंदबाज शमी को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट के साथ वनडे और टी20 सीरीज से भी बाहर रखकर किया. आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज की टीम से भी शमी नदारद हैं, ऐसे में वर्ल्ड कप से पहले ‘मैच प्रैक्टिस’ के लिए उनके पास एशिया कप (चुने जाने की स्थिति में) ही होगा.
3 . श्रेयस अय्यर और राहुल को लेकर असमंजस
क्रिकेट सीजन 2022-23 में टीम इंडिया के कई खिलाड़ी चोटिल हुए. बैटर्स की बात करें तो श्रेयस अय्यर और केएल राहुल को चोटग्रस्त होने के कारण सर्जरी से गुजरना पड़ा. इस कारण मिडिल ऑर्डर में बड़ा ‘वैक्यूम’ आया. इन दोनों बैटर्स ने अभ्यास शुरू कर दिया है लेकिन इनकी मैच फिटनेस परखी जानी है. इन दोनों में से कोई एक वर्ल्ड कप में नंबर-4 की अहम पोजीशन पर उतरेगा. ऐसे में इनका बैटिंग में पुरानी लय पाना टीम के लिए अहम होगा. इन दोनों के पूरी तरह फिट न होने की स्थिति में टीम मैनेजमेंट को सूर्यकुमार यादव या तिलक वर्मा पर निर्भर होना पड़ सकता हैं. तिलक ने हाल ही में इंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज में नेचुरल स्ट्रोकप्ले और अप्रोच से प्रभावित किया है. बाएं हाथ के बैटर होने के कारण वर्ल्ड कप की टीम में भी वे ‘असेट’ साबित हो सकते हैं.
4 . हार्दिक का बैटिंग फॉर्म, क्या 10 ओवर कर पाएंगे?
ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पंड्या टीम को संतुलन देते हैं. बैटिंग के अलावा बॉलिंग से भी वे किसी मैच का रुख पलटने में सक्षम हैं. हालांकि ,टीम मैनेजमेंट के लिए हार्दिक का हालिया बैटिंग फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ है. वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज में धीमे विकेट पर वे रनों के लिए संघर्ष करते नजर आए. तीसरे वनडे की नाबाद 70 रन की पारी को छोड़ दें तो अन्य किसी भी मैच में वे 30 रन के आंकड़ा पार नहीं कर पाए. बतौर बॉलर दूसरे वनडे में ही उन्होंने 5 से ज्यादा ओवर (6.4)फेंके. किसी रेगुलर बॉलर के महंगे साबित होने की स्थिति में उसके ओवर का कोटा हार्दिक पूरा कर पाएंगे, इसे लेकर संदेह बरकरार है.
5 . तीन खालिस तेज गेंदबाज उतारें या स्पिनर
भारत के विकेट आमतौर पर स्पिन गेंदबाजी के लिए मददगार होते हैं, ऐसे में टीम प्रबंधन को इस दुविधा का सामना करना पड़ सकता है कि वह 3 खालिस तेज गेंदबाज (बुमराह, शमी और सिराज) के साथ उतरे या तीन स्पिनर (कुलदीप, रवींद्र जडेजा और संभवत: अक्षर पटेल) के साथ. छठे गेंदबाज के रोल में पंड्या होंगे. तीनों खालिस तेज गेंदबाजों में से किसी की भी अनदेखी करना मुश्किल होगा. ऐसे में दो स्पिनर को ही प्लेइंग XI में स्थान देना पड़ सकता है. मौजूदा भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना या केदार जाधव जैसे खिलाड़ी भी नहीं हैं जो जरूरत पर पार्टटाइम स्पिनर का रोल निभा सकें.