विराट कोहली का बड़ा बयान: इस फैसले पर विराट ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, खुद ही किया खुलासा... जानिए क्या है मामला

नईदिल्ली 31 जनवरी 2022 I हाल ही में टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़े वाले भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के सदस्य विराट कोहली (Virat Kohli) ने बड़ा बयान दिया है। कोहली ने कहा, "'लीडर' की भूमिका निभाने के लिए किसी टीम का कप्तान होने की जरूरत नहीं है।" विराट कोहली ने एक साल के जवाब में कहा, "देखिए, मुझे लगता है कि सबसे पहले आपको इस बात की पूरी समझ होनी चाहिए कि आपने क्या हासिल करने के लिए निर्धारित किया है। आपने उन लक्ष्यों को हासिल किया है या नहीं। हर चीज का एक कार्यकाल और समय अवधि होती है, इसलिए आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। एक बल्लेबाज के रूप में, आप टीम को और अधिक देने में सक्षम हो सकते हैं, इसलिए उस पर गर्व करें।"
विराट कोहली की मानें तो उन्होंने अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे और जब उन्होंने उन्हें हासिल किया, तो उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। 33 वर्षीय विराट ने एक कप्तान के जीवन काल के बारे में और भी बता की। विराट ने यह भी स्वीकार किया कि एक बल्लेबाज के रूप में उनकी भूमिका एक टीम का नेतृत्व करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, यही वजह है कि उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। विराट कोहली ने फाइरसाइड चैट के दौरान बताया, "मैंने एक कप्तान के रूप में जो चाहा वह हासिल किया। मुझे लगता है कि एक बल्लेबाज के रूप में मेरी भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। टीम का लीडर बनने के लिए आपको कप्तान होने की जरूरत नहीं है।" दाएं हाथ के बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा, " जब एमएस धोनी ने कप्तानी से इस्तीफा दिया, तब वे टीम का हिस्सा थे। ऐसा नहीं है कि वे लीडर नहीं थे और वे वही शख्स थे, जिनसे हमने बहुत सुझाव लिए।" उन्होंने आगे ये भी कहा, "जब मैं कप्तान बना तो मेरा मुख्य लक्ष्य टीम कल्चर को बदलना था, क्योंकि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं थी। दुनिया में शायद ही किसी देश में इतने कुशल खिलाड़ी हों जितने कि भारत में हुनरमंद खिलाड़ी हैं।" बता दें कि अब सीमित ओवरों की कप्तानी रोहित शर्मा को सौंप दी गई है कि विराट कोहली पहली बार उनकी कप्तानी में खेलते नजर आएंगे।
कप्तानी से हटने के बाद भी वो टीम के लीडर थे। धोनी ऐसे शख्स थे जिनसे हमने काफी सुझाव लिए। जब मैं भारत का कप्तान बना तो मेरा लक्ष्य टीम का कल्चर चेंज करने का था क्योंकि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई देश होगा जिसमें इतने कुशल खिलाड़ी हों।" विराट अब बतौर बल्लेबाज भारतीय टीम की तरफ से खेलेंगे। उन्होंने इसपर कहा, "मुझे लगता है कि आपको इस बात की समझ होनी चाहिए कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं और क्या आप उसे हासिल कर पाए हैं या नहीं? हर चीज की एक समय सीमा होती है और आपको उसके बारे में मालूम रहना चाहिए। एक बल्लेबाज के रूप में आप टीम को ज्यादा दे सकते हैं, इसलिए उसमें गर्व महसूस करें।" उन्होंने आगे कहा, "आगे बढ़ना भी लीडरशिप का ही हिस्सा है। मुझे लगता है कि किसी को हर भूमिका और जिम्मेदारी के लिए तैयार रहना चाहिए। मैंने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में खेला और फिर कप्तान बना लेकिन मेरी सोच हमेशा एक ही रही। मैंने हमेशा एक कप्तान की तरह सोचा है। विराट ने 68 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की जिसमें टीम इंडिया को 40 में जीत मिली जो किसी भी भारतीय कप्तान की तुलना में अधिक है।
