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Vinesh Phogat News: CAS ने बताई बड़ी वजह... विनेश फोगाट को किस कारण से नहीं दिया गया सिल्वर मेडल, जानकर रह जाएंगे हैरान...

Vinesh Phogat News: CAS ने बताई बड़ी वजह... विनेश फोगाट को किस कारण से नहीं दिया गया सिल्वर मेडल, जानकर रह जाएंगे हैरान...

Vinesh Phogat Disqualified: भारत को करारा झटका, विनेश फोगाट फाइनल से डिसक्वालीफाई, जानिए पूरा मामला
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By Gopal Rao

Vinesh Phogat News: नईदिल्ली। पेरिस ओलंपिक 2024 में खेलते हुए कुश्ती के फाइनल मैच से ठीक पहले उन्हें मानक से अधिक वजन होने के कारण बाहर कर दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने रजत पदक के लिए खेल कोर्ट में केस दर्ज किया था. जिसका फैसला विनेश के खिलाफ में आया और अब उन्हें पदक नहीं दिया गया. इस मामले में 14 अगस्त को फैसला आया और CAS ने विनेश की अपील खारिज कर दी. तब CAS ने सिर्फ फैसला सुनाया था, कोई बयान या फैसले की रिपोर्ट जारी नहीं की थी. तो अब चलिए जानते हैं किन पॉइंट्स को ध्यान में रखते हुए CAS ने विनेश के अपील को खारिज किया. आपकी जानकारी के लिए बता दें, विनेश फोगाट ने 6 अगस्त को ही लगातार 3 मैच जीतकर 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी.

दरअसल, CAS ने सोमवार (19 अगस्त) को फैसले की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिसमें लंबी प्रक्रिया का विवरण दिया गया है. CAS की यह फैसले की रिपोर्ट 24 पेज की है. इसमें CAS की कार्यवाही शामिल है. पूरा फैसला इस प्रकार देखा जा सकता है. तो चलिए पॉइंट्स के जरिए समझते हैं कि विनेश फोगाट की अपील को कोर्ट ने खारिज क्यों किया और किन बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल नहीं दिया गया. ये बात पूरी तरह से सही साबित हुई कि विनेश फोगाट फाइनल मुकाबले से पहले दूसरी बार वजन मापने के दौरान मापक से अधिक वजन के साथ पाई गई. जिसका मतलब साफ था कि वह 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के लिहाज से अधिक वजन की पाई गई. जबकि विनेश का मानना था कि यह एक छोटी सी अधिकता है. इसे मासिक धर्म, वॉटर रेटेन्सन, हाइड्रेट की जरूरत और एथलीट विलेज तक की यात्रा के समय के कारण समय नहीं मिल पाना, आदि कारणों को समझा जा सकता है.

बता दें कि, CAS कोर्ट का मानना है कि सभी एथलीट्स के लिए इस खेल में नियम समान है. इसमें कितना ज्यादा है, यह देखने के लिए कोई सहनशीलता प्रदान नहीं की गई है. यह सिंगलेट (फाइटिंग के दौरान पहलने वाली जर्सी) के वजन की भी अनुमति नहीं देता है. यह भी साफ है कि एथलीट को ही यह देखना होगा कि उसका वजन नियम के अनुसार ही हो. CAS कोर्ट का मानना है कि नियमों में कोई बदलाव नहीं किए जा सकते हैं और साथ ही साफ टीम ने निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी नहीं की है. फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के खिलाफ था तो आवेदक (विनेश) को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए.

यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदन के लिए नियमों में यह भी सुविधा भी प्रदान नहीं की गई है. एथलीट ने यह अनुरोध किया है कि अपील किए गए निर्णय को इस तरह से अलग रखा जाए कि नियमों के अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू न हों या अनुच्छेद 11 को इस तरह से समझा जाए कि यह सिर्फ टूर्नामेंट के आखिरी दौर पर लागू हो और यह टूर्नामेंट के शुरुआत से ही लागू न हो. यह विवाद का विषय नहीं है कि एथलीट दूसरे वजन-माप में असफल रहा. आवेदक ने नियमों के अनुच्छेद 11 को चुनौती नहीं दी है. इसका मतलब यह है कि फैसला कानूनी रूप से लिया गया था और अनुच्छेद 11 लागू होता है.

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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