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Sextortion in games: खेलों में सेक्सटॉर्शन: पहला नहीं है खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला, जानिए कब-कब हुई सेक्सटॉर्शन की घटनाएं

Sextortion in games: खेलों में सेक्सटॉर्शन: पहला नहीं है खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला, जानिए कब-कब हुई सेक्सटॉर्शन की घटनाएं
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By NPG News

Sextortion In Games:; भारत की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शौषण का गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रारंभ कर दिया है। इस घटना ने देश को हिला दिया है। जाहिर है, खेलों में सेक्सटॉर्शन के खिलाफ अब दिन प्रति दिन आवाज़ें तेज हो रही हैं। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसी दिग्गज पहलवानों ने हाल में आवाज़ बुलंद की है लेकिन खेलों में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले नए नहीं हैं। यहां तक कि हाल ही में हरियाणा की एक जूनियर महिला कोच ने भी अपने साथ दुर्व्यवहार की शिकायत की थी। ऐसे ही कुछ मामलों पर एक नज़र डालते हैं और समस्या कहाँ से शुरू होती है, समझते हैं।

सबसे पहले जान लेते हैं कि "सेक्सटॉर्शन" है क्या?

सामान्य शब्दों में , ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल कर किसी को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करना सेक्सटॉर्शन कहलाता है। यह यौन शोषण और भ्रष्टाचार दोनों का मिला-जुला रूप है। हालांकि यह कोई लिखित परिभाषा नहीं है लेकिन खेलों या कार्यस्थलों पर महिलाओं के (या पुरुषों के भी) यौन उत्पीड़न को इस तरह समझा जा सकता है। जब अपने करियर को बचाने या तरक्की पाने के लिए उन पर "काॅम्प्रोमाइज़" करने का दबाव होता है।

सेक्सटॉर्शन के कुछ मामले

1. ताज़ा मामला कुश्ती के पहलवानों का है।

महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। हालांकि बृजभूषण इसे प्रायोजित बता रहे हैं।

2. हरियाणा में खेल विभाग की जूनियर महिला कोच ने दिसंबर 2022 में आरोप लगाए कि हरियाणा के खेल मंत्री और पूर्व ओलंपियन संदीप सिंह ने अपने सरकारी आवास में बुलाकर उनसे छेड़छाड़ की। महिला कोच ने यह भी कहा कि इससे पहले और भी महिला खिलाड़ियों के साथ खेल मंत्री गलत काम कर चुके हैं।

3. जुलाई 2021 में एक साथ सात महिला एथलीटों ने तमिलनाडु के एक कोच पी नागाराजन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

4. ओलंपिक में देश को मैडल दिलाने वाली पहली महिला "वेटलिफ्टर कर्णम मलेश्वरी" ने भी 2015 में कोच रमेश मल्होत्रा पर आरोप लगाया था कि वे टीम में जगह दिलाने के नाम पर महिलाओं का यौन शोषण करते हैं। तब स्पोर्ट्स अथाॅरिटी ऑफ इंडिया ने नाक बचाने के लिए कोच का ट्रांसफर बंगलूर कर दिया था।

5. 2010 में महिला हाॅकी टीम की खिलाड़ियों ने कोच पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कोच को इस्तीफा भी देना पड़ा था।

6. 2009 में हैदराबाद की एक महिला बाॅक्सर ने आत्महत्या कर ली थी। वजह कोच द्वारा दैहिक शोषण बताई गई थी।

7. विभिन्न राज्यों के साई सेंटरों में भी अनेक महिला खिलाड़ी अपने साथ गंदी बातों, हरकतों और यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करती पाई गई हैं।

छत्तीसगढ़ में भी उठते रहे हैं मामले

जनवरी 2014 में छत्तीसगढ़ खो-खो संघ के सचिव एस रामू पर महिला खो खो खिलाड़ियों के साथ अश्लील हरकतें करने के आरोप लगे थे। टीम की 11 खिलाड़ियों का आरोप था कि रामू के साथ खो-खो संघ के कोषाध्यक्ष जगबंधु जेना व बालक टीम के कोच मुरली रेड्डी उर्फ जग्गा भी छेड़छाड़ में शामिल थे। भिलाई पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था।

भिलाई में जूडो की खिलाड़ी के साथ कोच द्वारा दुष्कर्म का मामला भी सामने आया था।इसमें कोच को 7 साल की सजा सुनाई गई थी।

दल्लीराजहरा में छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय स्तर की 12 पावरलिफ्टरों ने छत्तीसगढ़ पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन महासचिव कृष्णा साहू पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।

क्यों हैं खेल सेक्सटॉर्शन का अड्डा

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की शोध प्रमुख मैरी चेन ने एक इंटरव्यू में इस पर कहा था कि , "यह आश्चर्यजनक है कि खेल सेक्सटॉर्शन के लिए माहौल तैयार करते हैं। इस क्षेत्र में कई सारे ऐसे बच्चे हैं जो काफी कमजोर पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले होते हैं। वे बहुत मेहनत से आगे जगह बनाते हैं। खेल की प्रकृति के कारण कोच और खिलाड़ी के रिश्ते काफी ज्यादा करीबी, भावनात्मक और शारीरिक होते हैं। कोच और प्रशासकों के पास कुछ मामलों में आपके करियर को बनाने या बर्बाद करने की शक्ति होती है। इसी का फायदा उठाकर वे खिलाड़ियों को मिस यूज़ करते देखे गए हैं। "

खेल संघों पर प्रभावशाली लोगों का है कब्ज़ा

देश भर में अधिकांश खेल संघों पर प्रभावशाली लोगों का कब्ज़ा देखा गया है। प्रायः इनमें से अधिकतर का खेलों से कोई लेना-देना नहीं होता। अपने प्रभाव के दम पर वे खिलाड़ियों के साथ मनमानी करते हैं। विरोध करने वाली लड़कियों और महिलाओं को भेदभाव का शिकार होना पड़ता है। कईयों का करियर खराब कर दिया जाता है।

करियर खराब होने और अब तक की सारी मेहनत पर फिरने के डर से लड़कियां सब कुछ सहकर खामोशी ओढ़ती आई हैं।

लेकिन अब धीरे धीरे लड़कियां मुखर हो रही हैं। वे अपने साथ हो रहे गलत व्यवहार को जगजाहिर कर रही हैं। एफआईआर दर्ज करा रही हैं। सालों केस लड़ रही हैं। इसलिए खेल की पोल खुलनी शुरू हो गई है।

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