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कभी सफाई का काम करती थीं लियोनेल मेसी की मां, पिता करते थे फैक्ट्री में काम... बचपन में गंभीर बीमारी से जूझने के बाद भी ऐसे बना दिग्गज फुटबॉलर

कभी सफाई का काम करती थीं लियोनेल मेसी की मां, पिता करते थे फैक्ट्री में काम... बचपन में गंभीर बीमारी से जूझने के बाद भी ऐसे बना दिग्गज फुटबॉलर
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By NPG News

नई दिल्ली। फीफा वर्ल्ड कप चैंपियन अर्जेंटीना का इंटरनेशनल मीडिया में जीत के बाद गुणगान हो रहा है। अर्जेंटीना के इस बड़ी सफलता के पीछे हैं, दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी है। अर्जेंटीना के दिग्गज खिलाड़ी माराडोना ने जब 1986 में आखिरी बार टीम को विश्व विजेता बनाया था, तब एक बच्चे ने यही सपना अपने देश के लिए भी देखा था। वह थे लियोन मेसी। चार विश्व कप से ट्राफी की तलाश में जुटे मेसी ने 2014 में टीम को फाइनल तक भी पहुंचाया, पर वह जीत नहीं दिला सके, लेकिन इस बार उनका ये सपना सच हो गया और अर्जेंटीना 38 वर्षीय मेसी ने 36 साल बाद अपने देश को फुटबॉल का विश्व चैंपियन बनाया है। क्या आपको पता है मेसी का बचपन दुखों से भरा था। लियोनेल एंड्रेस मेसी का जन्म अर्जेंटीना के रोजारियो शहर में 24 जून 1987 को हुआ था।

रोजारियो के मिडिल क्लास परिवार में जन्मे मेसी आने वाले समय में सबसे शानदार फुटबॉलर बने। उनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे और उनकी मां सफाई का कार्य करती थी। मेसी के पिता एक फुटबॉल क्लब में कोच थे। ऐसे में फुटबॉल मेसी के खून में ही देखने के लिए मिला है। सिर्फ 5 वर्ष की आयु में मेसी एक फुटबॉल क्लब के साथ जुड़ चुके है। यहां उन्होंने खेल से जुड़ी बुनियादी चीजें सीखीं। 8 वर्ष की आयु में मेसी न्यूवैल ओल्ड बॉयज क्लब से जुड़ गए।

एक तरफ मेसी अपने फुटबॉल स्किल्स को बढ़ा रहे थे वहीं दूसरी तरफ महज 11 वर्ष की उम्र के बच्चे को एक भयानक बीमारी ने जकड़ लिया। मेसी को ग्रोथ हार्मोन डेफिसिएंसी नाम की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी से जकड़े हुए अगर मेसी रहते तो शायद आज फुटबॉल का यही नजारा नहीं होता। दरअसल ये ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की ग्रोथ रुक जाती है। मगर परिवार के पास इलाज के लिए इतने पैसे नहीं थे कि मेसी को ठीक किया जा सके। वहीं दूसरी तरफ किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। फुटबॉल क्लब बार्सिलोना उन दिनों ऐसे बच्चों को ढूंढ रहा था जो फुटबॉल के खेल में कमाल दिखा रहे थे। क्लब ऐसे बच्चों को ट्रेनिंग देने में जुटा था। इसी बीच बार्सिलोना क्लब को मेसी के बारे में पता किया और उन्हें अपने क्लब में शामिल करवा लिया।

हालांकि बार्सिलोना क्लब ज्वाइन करने के बाद मेसी को अर्जेंटीना छोड़ बार्सिलोना शिफ्ट होना पड़ा। इसके बाद मेसी के फुटबॉल करियर को बड़ा और नया मोड़ मिला, जिससे उनकी जिंदगी तो बदली साथ ही फुटबॉल का भी रुख बदल गया। क्लब के साथ जुड़ने के बाद मेसी लगातार टीम के लिए गोल करने में जुटे थे। एक सीजन के दौरान 30 मैचों में मेसी ने 35 गोल किए, जिससे वो हर किसी की नजर में आने लगे थे।

करीब 17 साल की उम्र में लियोनेल मेसी ने 2004-05 में बार्सिलोना क्लब के लिए अपना डेब्यू कर दिया। वह तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने, जिन्होंने बार्सिलोना के लिए फुटबॉल खेला। 1 मई 2005 को लियोनेल मेसी ने सीनियर टीम के लिए अपना पहला गोल दागा, 24 जून को लियोनेल मेसी ने बतौर सीनियर प्लेयर बार्सिलोना के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट साइन किया और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है। 2012 में मेसी ने एक साल के दौरान 91 गोल किए थे, जो एक साल में किसी भी खिलाड़ी ने अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इतने गोल नहीं किए थे।

मालूम हो कि इससे पहले साल 2014 में अर्जेंटीना को जर्मनी से विश्व कप के फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, जब भी मेसी किसी भी बड़े टूर्नामेंट में उतरते तो उनकी तुलना माराडोना से होती थी, लेकिन उसमें भी सिर्फ एक कमी रह जाती थी, वह था टीम को विश्व कप दिलाना। हालांकि, मेसी ने रविवार को कतर में हुए फाइनल मुकाबले में ये कसर पूरी कर दी और 36 साल बाद अर्जेंटीना ने विश्व कप का खिताब अपने नाम किया।




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