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Rabies Symptoms Hindi: कुत्ते के काटने से कबड्डी प्लेयर की मौत...जानिए क्या होते हैं रेबीज के शुरुआती लक्षण और कैसे करें बचाव

Rabies Se Maut Kaise Hoti Hai: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी को एंटी रेबीज का इंजेक्शन (Anti Rabies Injection) नहीं लगाना महंगा पड़ गया। कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी (Kabaddi player Brajesh Solanki) को एक महीने पहले कुत्ते के पिल्ले ने काट लिया था। कुत्ते के पिल्ले के काटने के बाद उसने एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगाया था, जिसके कारण उसमें रेबीज के लक्षण (Rabies Ke Lakshan) दिखने लगे थे

कुत्ते के काटने से कबड्डी प्लेयर की मौत...जानिए क्या होते हैं रेबीज के शुरुआती लक्षण और कैसे करें बचाव
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By Chitrsen Sahu

Rabies Se Maut Kaise Hoti Hai: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी को एंटी रेबीज का इंजेक्शन (Anti Rabies Injection) नहीं लगाना महंगा पड़ गया। कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी (Kabaddi player Brajesh Solanki) को एक महीने पहले कुत्ते के पिल्ले ने काट लिया था। कुत्ते के पिल्ले के काटने के बाद उसने एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगाया था, जिसके कारण उसमें रेबीज के लक्षण (Rabies Ke Lakshan) दिखने लगे थे। इसके बाद भी उसने एंटी रेबीज का इंजेक्शन (Anti Rabies Injection) नहीं लगाया और उसकी मौत हो गई।

लापरवाही पड़ी भारी

यह मामला खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के फराना गांव का है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते महीने नाले में कुत्ते का पिल्ला गिर गया था, जिसे कबड्डी खिलाड़ी ब्रजेश सोलंकी (Kabaddi player Brajesh Solanki) ने बचाया था। इसी दौरान कुत्ते के पिल्ले ने उसके हाथ में काट लिया था। जिसके बाद उसने एंटी रेबीज (Rabies) का इंजेक्शन नहीं लगाया था, ऐसे में रेबीज की बीमारी उसके शरीर में फैल गई और तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई। जिसका वीडियो भी सामने आया है।



जानिए क्या है रेबीज

हर साल लाखों लोगों की मौत रेबीज (Rabies) के कारण होता है, लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि आखिर रेबिज (Rabies) के कारण, लक्षण और उससे बचने के उपाय क्या है, अगर नहीं तो चलिए जानते हैं। रेबीज (Rabies) एक घातक बीमारी है जो संक्रमित जानवरों जैसे, कुत्ता, लोमड़ी और चमगाड़ के काटने या फिर खरोचने से इंसानों में फैलता है। रेबीज (Rabies) एक घातक बीमारी है, जो किसी संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने के बाद सबसे पहले यह वायरस हमारे दिमाग और केंद्रीय तांत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। अगर इंसान को समय पर इलाज नहीं मिलता तो इस वायरस से उसकी मौत निश्चित है। तो चलिए पहले जानते हैं रेबीज (Rabies) के कारण

ऐसे फैलता है रेबीज की बीमारी

जानकारी के मुताबिक, रेबीज (Rabies) की बीमारी रेबीज वायरस (Rabies viras) यानी की रैबडोविरिडे परिवार के कारण होता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों के लार के माध्यम से इंसानों में फैलता है। बताया जाता है कि अगर किसी संक्रमित जानवर की लार इंसान के घाव वाली जगह पर गिर जाती है तो यह रेबीज की बीमारी को जन्म दे सकती है। इसके अलावा संक्रमित जानवरों के नाखूनों की खरोच से भी रेबीज की बीमारी फैलती है।

क्या है लक्षण

अब जान लेते हैं कि आखिर किसी इंसान को रेबीज (Rabies) की बीमारी हो जाए तो उसके लक्षण क्या है। रेबीज के लक्षण एक से तीन महीने के अंदर ही दिखने लगती है। लेकिन कुछ मामलों में यह बीमारी को फैसने में साल भर का समय लग जाता है। इसके लक्षण दो चरणों में विकसिक हो सकते हैं। शुरुआती लक्षण में बुखार, शरीर में कमजोरी और दर्द, घाव में जलन या फिर खुजली होना शामिल है। दूसरे नंबर में पानी देखते ही डरना, हवा से डरना, मांसपेशियों का ऐंठन, ,चिड़चिड़ापन और कोमा जैसे गंभीर लक्षण शामिल है।

रेबीज से बचने के उपाय

तो अब जानते है रेबीज (Rabies) से बचने के उपाय कौन-कौन से हैं। बता दें कि रेबीज को जड़ से खत्म करने के लिए कोई इलाज तो नहीं है पर डॉक्टर के मुताबिक कुछ ऐसे उपाय है, जिससे बचा जा सकता है।

1. टीकाकरण

रेबीज (Rabies) की बीमारी से बचाव के लिए आप कुत्तों और पालतु जानवरों का नियमित टीकाकरण जरुर कराएं। अगर किसी को संक्रमित जानवर ने काटा है तो उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) और रैबीज इम्यून ग्लोब्युलिन (RIG) लगवाना चाहिए।

2. घाव की तुरंत सफाई:

संक्रमित जानवरों के काटने के या फिर खरोचने पर घाव को कम से कम 15 मीनट तक साबुन और साफ पानी से धोए।

3. आवारा जानवरों से दूरी बनाए रखें:

अगर आपको भी जानवरों से प्यार है और आपसे जानवरों के आसपास रहते हैं तो ध्यान रखें कि आप अवारा और संक्रमित जानवरों के संपर्क में न आएं।



Chitrsen Sahu

चित्रसेन साहू मैं वर्ष 2017 से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हूं और इस दौरान डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विभिन्न संस्थानों के साथ कार्य अनुभव प्राप्त किया है। मैंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से बैचलर डिग्री (BJMC) प्राप्त करने के पश्चात मास्टर्स (M.Sc. in Electronic Media) पूर्ण किया है। अपने करियर में मैंने MY NEWS 36, JUST 36 NEWS, RPL NEWS, INH24x7 NEWS और TV24 NEWS जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वर्तमान में NPG NEWS में डेस्क एडिटर के रूप में सेवाएं दे रहा हूं। मुझे क्राइम, राजनीति और टेक्नोलॉजी से जुड़ी ख़बरों पर विशेष रुचि है। मेरी रिपोर्टिंग व एडिटिंग शैली तथ्यपरक, संतुलित और पाठकों से जुड़ाव पैदा करने वाली होती है।

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