H9N2 News: China में फैले रहस्यमयी H9N2 वायरस ने बढ़ाई पूरी दुनिया की टेंशन, भारत भी अलर्ट; जानें स्वास्थ्य मंत्रालय ने क्या कहा
H9N2 News: चीन में H9N2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) के मामलों ने दुनियाभर के देशों की चिंताएं एक बार फिर बढ़ा दी हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तरी चीन में बच्चों में फैल रहे H9N2 के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
H9N2 News: चीन में H9N2 (एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस) के मामलों ने दुनियाभर के देशों की चिंताएं एक बार फिर बढ़ा दी हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह उत्तरी चीन में बच्चों में फैल रहे H9N2 के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। मंत्रालय के अनुसार, चीन में फैल रहे H9N2 वायरल के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारियों से भारत को कम खतरा है, लेकिन फिर भी वो किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा, "(चीन में) बच्चों में सांस की बीमारियों के सामान्य कारण पाए गए हैं और कोई असामान्य रोगजनक (वायरस या बैक्टीरिया) नहीं पाया गया है।" मंत्रालय ने आगे कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किए गए खतरे के मूल्यांकन में (बीमारी के) इंसान से इंसान में फैलने की कम संभावना पाई गई है और WHO के पास अब तक दर्ज किए गए H9N2 के इंसानी मामलों में मृत्यु दर कम रही है।"
मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बाद देश का स्वास्थ्य ढांचा काफी मजबूत हुआ है और भारत किसी भी प्रकार की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के लिए तैयार है। बता दें कि अक्टूबर में चीन में H9N2 का एक इंसानी मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHC) ने मामले में एक अहम बैठक की थी और देश में एवियन इन्फ्लुएंजा के खिलाफ तैयारियों पर चर्चा की थी।
H9N2 वायरस क्या है?
H9N2 वायरस इन्फ्लुएंजा वायरस प्रजाति का एक उपप्रकार है। 1998 के बाद से H9N2 वायरस से मानव संक्रमण के कुल 86 मामले दर्ज किये गए हैं। इसका संक्रमण सामान्य सर्दी से भी अधिक गंभीर होता है, जो माहामारी का कारण भी बन सकता है। यह पहली बार 1966 में तुर्की में पाया गया था। इसके बाद ये 1975 से 1985 तक हांगकांग की स्वस्थ बत्तखों में और फिर 1990 में एशिया की घरेलू मुर्गियों में फैला था।
चीन में बच्चों में रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप बढ़ रहा है और इस वजह से स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सबसे ज्यादा मामले राजधानी बीजिंग और लियाओनिंग से सामने आए हैं, जहां अस्पतालों में भारी तादाद में बच्चों को भर्ती कराया गया है। स्थिति पर WHO ने चिंता जताई है और बीजिंग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। WHO ने चीन को संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है।
इस बीमारी से संक्रमित बच्चों के फेफड़ों में सूजन आ रही है और तेज बुखार की वजह से शरीर का तापमान बढ़ रहा है। हालांकि, बच्चों को फ्लू और श्वसन संबंधी बीमारियों में आमतौर पर होने वाली खांसी नहीं हो रही है। बीमारी की वजह से केवल बच्चे ही संक्रमित हो रहे हैं और एक भी वयस्क के संक्रमित होने का मामले सामने नहीं आया है। अंतरराष्ट्रीय रोग निगरानी मंच प्रोमेड ने भी बीमारी को लेकर चेतावनी जारी की है।