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सिरफिरे ने 15 बच्चों और महिलाओं को बनाया बंधक, ऑपरेशन के लिए कमांडो रवाना.. रुक-रुक करकर रहा फायरिंग…

सिरफिरे ने 15 बच्चों और महिलाओं को बनाया बंधक, ऑपरेशन के लिए कमांडो रवाना.. रुक-रुक करकर रहा फायरिंग…
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By NPG News

फर्रुखाबाद 30 जनवरी 2020. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक घर में 15 बच्चों और कुछ महिलाओं को बंधक बनाया गया है. बताया जा रहा है कि नशे में धुत शख्स ने बच्चों और महिलाओं को बंधक बनाया है. बच्चों को छुड़ाने गए ग्रामीणों को उसने धमकाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस बच्चों को छुड़ाने में नाकाम रही. बच्चों को छुड़ाने के लिए एटीएस का कमांडो दस्ता फर्रुखाबाद के लिए रवाना हो गया है. शख्स घर के अंदर से रुक-रुककर फायरिंग भी कर रहा है. बताया जा रहा है कि उसने बर्थडे पार्टी के नाम बच्चों को घर पर बुलाया था.

मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव कथरिया निवासी सुभाष बाथम की बेटी गौरी(5) का गुरुवार को जन्मदिन था। इसमें सुभाष ने मोहल्ले के 15 बच्चों को अपने घर बुलाया। जन्मदिन मनाने के बाद शाम को चार बजे उसने बच्चों को घर के तहखाने में बंद कर दिया। इसके बाद शराब के नशे में छत पर चढ़ कर चीखने लगा कि अब उसे पुलिस से पकड़वाने का नतीजा भुगतना पड़ेगा। इस पर मोहल्ले के लोग एकत्र हो गए। सूचना पर कोतवाल फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।

उन्होंने सुभाष को बाहर निकलने के लिए कहा तो वह तमंचा लेकर छत पर चढ़ गया और पुलिस को ललकारते हुए फायरिंग करने लगा। उसने चार-पांच फायर करने के बाद एक हथगोला फेंक दिया। इससे वहां दहशत फैल गई। हथगोले से निकली गिट्टी कोतवाल राकेश कुमार के हाथ में व दीवान जयवीर यादव के पैर में लगी। इसके बाद सुभाष ने कमरे में चला गया। पुलिस मकान की छत पर पहुंच गई। सुभाष को निकालने का प्रयास कर रही है।

सुभाष पर गांव के मेघनाथ की 2001 में हत्या कर करने का आरोप है। उस मामले में वह जमानत पर चल रहा है। करीब चार माह पूर्व स्वाट टीम ने उसे चोरी के मामले में पकड़ ले गई थी। तभी से वह मोहल्ले के लोगों से रंजिश मानता है। उसका कहना है कि मोहल्ले के लालू तिवारी ने ही उसे पकड़वाया था। मौके पर कई थानों की फोर्स पहुंच गई। घटना की जानकारी पर एसपी डॉ. अनिल मिश्रा, एएसपी त्रिभुवन सिंह, सीओ राजवीर सिंह, स्वाट टीम प्रभारी दिनेश गौतम, जहानगंज एसओ पूनम जादौन व भाजपा विधायक नागेंद्र सिंह राठौर मौके पर पहुंच गए।

विधायक ने आवाज लगाकर सुभाष से कहा कि तुम बच्चों को छोड़ दो, मैं तुम्हारे प्रकरण में बात कर समस्या का निस्तारण कराऊंगा। इस पर सुभाष ने गांव के लल्लू सिंह, बालू दुबे समेत स्वाट टीम के सिपाही सचेंद्र व अनुज तिवारी को बुलाने के बाद ही बच्चों को छोड़ने की बात कही। पुलिस ने बालू दुबे को बुलाया। बालू दुबे ने सुभाष से गेट के पास जाकर बात की और भरोसा दिया कि उसको न्याय मिलेगा।

अचानक सुभाष ने गेट के नीचे से बालू दुबे पर तमंचे से फायर कर दिया। इसमें बालू दुबे के पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गए। उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया गया। इसके बाद सुभाष अंदर से आवाज देकर विधायक व स्वाट के दोनों सिपाहियो समेत गांव के ही लालू तिवारी को बुलाने पर ही बच्चों को छोड़ने की बात कहकर पुलिस पर दबाव बनाने लगा। सुभाष ने एसपी को बताया कि लालू तिवारी की मुखबरी पर ही अकारण चार माह पहले स्वाट टीम ने उसको पकड़कर प्रताड़ित किया था।

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