Begin typing your search above and press return to search.

बजट प्रस्ताव के पक्ष में बोलने की बारी आई शैलेश पांडेय की…तो विधानसभा अध्यक्ष महंत ने किया कुछ ऐसा सवाल.. कि गूंजते लगे ठहाके..

बजट प्रस्ताव के पक्ष में बोलने की बारी आई शैलेश पांडेय की…तो विधानसभा अध्यक्ष महंत ने किया कुछ ऐसा सवाल.. कि गूंजते लगे ठहाके..
X
By NPG News

रायपुर,2 मार्च 2021। सदन में सरकार ने बजट पेश किया है, आज़ और कल का दिन बजट पर चर्चा के लिए रिज़र्व है। सदन में बजट प्रस्ताव के पक्ष में बोलने के लिए जब सदस्य शैलेष पांडेय खड़े हुए तो उन्होंने बात की शुरुआत कुछ यूँ की –
“मैं शुरुआत कविता से करना चाहता हूँ जो मुझे बिलासपुर के कार्यकर्ता ने लिख कर भेजी है”
इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने टोका और कहा
“कविता आपने लिखी या किसी और ने लिखी है”
सदस्य शैलेष पांडेय ने जवाब दिया
“अध्यक्ष जी, कार्यकर्ता ने भेजी है”
मुस्कुराते हुए विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा –
“पहले ये बताईए कवियित्री है या कवि है”
इस पर सदन में ठहाके गूंज गए.. विधायक शैलेष पांडेय भी मुस्कुराते रह गए तभी ठहाकों के बीच सदस्य सौरभ सिंह ने कहा
“अध्यक्ष जी.. आपके प्रश्न का जवाब नहीं आया..व्यवस्था दीजिए”
इस पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने मुस्कुराते हुए कहा –
“चिंता मत करिए.. जब तक जवाब नहीं आएगा.. बोलने की अनुमति नहीं मिलेगी”
तब शैलेष पांडेय ने आसंदी से कहा –
“अध्यक्ष जी.. कार्यकर्ता है..कवि है.. विनय नाम है”
और इसके बाद सदस्य शैलेष पांडेय ने बजट के पक्ष में कविता के साथ बात की शुरुआत की और अंत विपक्ष पर तंज बशीर बद्र की इन पंक्तियों के साथ किया-
घरों मे नाम थे नामो के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया पर कोई आदमी न मिला

Next Story