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डॉ रमन का गंभीर आरोप…छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य, जहां मजदूरों को मिली सिर्फ 30 रुपये की मदद…..1 लाख 10 हजार मजदूरों में सिर्फ 1200 को ही वापस ला पायी है ये सरकार

डॉ रमन का गंभीर आरोप…छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य, जहां मजदूरों को मिली सिर्फ 30 रुपये की मदद…..1 लाख 10 हजार मजदूरों में सिर्फ 1200 को ही वापस ला पायी है ये सरकार
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By NPG News

रायपुर 15 मई 2020। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार पर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी कराने में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है। प्रेस कांफ्रेंस में सरकार पर आरोप लगाते हुए डॉ रमन ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 लाख 10 हजार मजदूरों को छत्तीसगढ़ लौटना है, जिनमें से महज 1 ट्रेन से 1200 मजदूर ही अब तक लौट पाये हैं। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में डॉ रमन का ये आरोप थोड़ा अटपटा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश में अब तक दूसरे राज्यों से 4 स्पेशल ट्रेनें छत्तीसगढ़ आ चुकी है, जबकि डॉ रमन ने अपने आरोप में सिर्फ एक ट्रेन के आने की बात कही। डॉ रमन ने कहा कि यूपी सरकार करीब पौने पांच सौ ट्रेनें चलवा चुकी है, उसी तरह गुजरात सरकार करीब ढ़ाई सौ ट्रेनें चलवा चुकी है, जबकि छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक ट्रेनें चली है।

उन्होंने प्रवासी मजदूरों की सरकार की तरफ से कोई भी सहायता नहीं मिलने का भी गंभीर आरोप लगाया। डा रमन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अलग-अलग राज्य सरकारें जहां अपने मजदूरों को आर्थिक रूप से मदद कर रही है, वहीं देश में छत्तीसगढ़ इकलौता राज्य है, जहां मजदूरों को 30 रुपये की मदद हुई है। 1 रुपया प्रति किलो चावल देकर, इसके अलावा मजदूरों को और किसी तरह की सहायता नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि गुजरात, बिहार सभी राज्य अपने मजदूरों की मदद कर रहे हैं, सिर्फ यहीं की सरकार है, जिसने अपने मजदूरों को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया है।

डॉ रमन सिंह ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसानों से एक बार फिर कांग्रेस ने वादाखिलाफी की है, जब अंतर राशि देने का वादा किया गया था, लेकिन अब उसमें साढ़े 10 हजार रुपये प्रति एकड़ देने की नयी बातें कही जा रही है। अगर सरकार को राशि देनी थी तो पूरी राशि देनी थी, इस तरह से किसानों के पैसे में कटौती करनी बिल्कुल गलत है।

वहीं शराबबंदी में भी कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप उन्होंने लगाया। डा रमन ने कहा कि उन्होंने चुनाव के वक्त में शराबबंदी का वादा किया था, लेकिन वो अब अपने वादे से मुकर रहे हैं। जब 2 महीने से लोगों के पास काम नहीं है, तो भी शराब की दुकानें खोल दी गयी है, जहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही किसी अन्य नियमों का।

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