Begin typing your search above and press return to search.

SECL ने कोरोना में भी बनाया कीर्तिमान, 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कोल इंडिया की नंबर-वन कंपनी का पोजिशन बरकरार रखा, सीएमडी पंडा ने टीम वर्क को दिया ऐतिहासिक उपलब्धि का क्रेडिट

SECL ने कोरोना में भी बनाया कीर्तिमान, 150 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कोल इंडिया की नंबर-वन कंपनी का पोजिशन बरकरार रखा, सीएमडी पंडा ने टीम वर्क को दिया ऐतिहासिक उपलब्धि का क्रेडिट
X
By NPG News

NPG.NEWS
बिलासपुर, 1 अप्रैल 2020। साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में भी अपना कीर्तिमानी सफर जारी रखते हुए 150.545 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में यह सर्वाधिक है। वह भी तब जब कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। कंपनी के सीएमडी एपी पंडा का कहना है कि कोरोना के बाद भी कंपनी निरंतर कोयला उत्पादन की प्रक्रिया में लगी रही। ताकि, देश के कोयला की जरूरतों को पूरी कर सकें।

अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एपी पण्डा के नेतृत्व में कोल इण्डिया के कुल उत्पादन में एसईसीएल का महत्वपूर्ण 25 प्रतिशत सहयोग रहा। वित्तीय वर्ष 2019-20 मेंकोल इण्डिया ने 602.14 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जिसमें से एसईसीएल ने 150.545 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। कोल इण्डिया की दूसरी सर्वाधिक कोयला उत्पादक कम्पनी एसईसीएलसे 10 मिलियन टन पीछे है एवं तीसरी सर्वाधिक कोयला उत्पादक कम्पनी 42 मिलियन टन पीछे है। कोयला उत्पादन की यह श्रृंखला वर्ष भर पूरी तेजी से चलती रही और एसईसीएल ने दूसरी बार 150 मिलियन टन कोयलाउत्पादन के ऑंकड़े को पार किया। एसईसीएल ने यह लगातार दूसरी बार 2 वित्तीय वर्षों में हासिल किया है। आज तक कोल इण्डिया की किसी भी अनुषंगी कम्पनी द्वारा यह मापदंड हासिल नहीं किया गया।

इस दौरान एसईसीएल द्वारा कई कोयला उत्पादन के रिकार्ड बनाए एवं तोड़े गए। विशेषकर 27 मार्च 2020 को एसईसीएल द्वारा एक मिलियन टन कोयला उत्पादन किया गया।वित्तीय वर्ष के अंत मेंकोयला उत्पादन अपनेचरम पर रहा। एसईसीएल ने 26 व 31 मार्च को 9 लाख टन से अधिक एक दिवसीय कोयला उत्पादन किया। इसीप्रकार 18, 19, 20 एवं 23 मार्चको 8 लाख टन से अधिक एक दिवसीय कोयला उत्पादनकिया।

एसईसीएल के कोयला उत्पादन में सभी क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। गेवरा क्षेत्र ने इसवर्ष 45 मिलियन टन कोयला उत्पादनकिया, जो इस क्षेत्र का अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन है, वहीं कुसमुण्डा क्षेत्र द्वारा 42.331 मिलियन टन कोयला उत्पादन करते हुए क्षेत्र के वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को पार किया।

एसईसीएल हमेशा ही जिम्मेदार सार्वजनिक उपक्रम रहा है। एसईसीएल न केवल कोयला उत्पादन में सर्वोत्कृष्ठ है बल्कि अपने आसपास के क्षेत्रोंऔर उसमेंरहने वाले लोगों का भी ध्यान रखता है।हाल ही में एसईसीएल ने सकारात्मक कदम उठाते हुए कोविड-19 के उन्मूलनहेतु 1.75 करोड़ रूपये का सहयोग किया। यह सहयोग जिला-कोरबा, अनूपपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, उमरिया, शहडोल एवं बिलासपुर में प्रत्येक जिला प्रशासन को 25 लाख रूपये का दिया गया है। इस सहयोग से निश्चय ही कोविड-19 के उन्मूलन मेंआमजनोंकोसहायता मिलेगी। कोविड-19 से सवंमित होने वाले मरीजों की देखभाल के लिए एसईसीएल ने 132 क्वारंटाईन/आइसोलेशन बेड्स शहडोल, अनूपपुर, कोरिया, अमलाई, सूरजपुर, कोरबा मेंतैयार किए हैं। एसईसीएल ने अपने कार्यालय एवं कॉलोनियों को सेनेटाईज़ किया, सामाजिक दूरी एवं कम से कम श्रमशक्ति के साथ कार्य करने पर जोर दिया। पूरे लाकडाऊन की स्थिति में भी कोयला उत्पादन आवश्यक सेवा होने के कारण एसईसीएल के श्रमवीर कार्यरत रहे। यह मेहनत आज परिलक्षित होती है जब पुनः एक बार फिर एसईसीएल देश की एकल रूपमेंसर्वाधिक कोयला उत्पादक कम्पनी बनी है।

एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा ने इस गौरवमयी ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय टीम एसईसीएल, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, सभी अंश धारकों, शासन-प्रशासन को दिया है। उन्होंने कहा कि यह एसईसीएल की उत्कृष्ठ कार्य संस्कृति, टीम-भावना, लगन एवं विपरीत परिस्थितियोंमें भी अपना कार्य सम्पादन करने की क्षमता से ही संभव हो पाया है। उन्होंने सभी जनोंको बधाई प्रेषित की है।

Next Story