छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने उन्हें बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रारंभ की गई योजना ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में रिकार्ड समय में 16 लाख बच्चों और एक लाख 60 हजार शिक्षकों द्वारा इस वेबसाइट में पंजीयन कराकर नियमित कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. टेकाम ने राज्य में परीक्षाओं के आयोजन और उत्तरपुस्तिओं की जांच के संबंध में जानकारी दी। ऑनलाइन चर्चा के दौरान शैक्षणिक गतिविधियों की समस्या के निदान के लिए विभिन्न नवाचारी तरीकों जैसे अवकाश के दिनों को कम करने, शाला लगने की अवधि में वृद्धि, स्थानीय समुदाय के अध्यापन, घरों में छोटे-छोटे समूहों में ट्यूशन, रेडियों एवं दूरदर्शन का अधिक से अधिक उपयोग आदि के सुझाव दिए। डॉ. टेकाम ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए बैठक में प्राप्त सुझावों पर विचार कर निर्णय लेने का अनुरोध किया।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा ऑनलाइन बैठक में कक्षा 10वीं एवं 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन, सीबीएसई की परीक्षाओं का बाद में निर्धारण, बच्चों की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की व्यवस्था, मध्यान्ह भोजन को अवकाश के दौरान भी वितरित कराए जाने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं, 4 सप्ताह के वैकल्पिक पाठ्यक्रम संबंधी अकादमिक कैलेण्डर को लागू करना, कोविड-19 के दौरान बेस्ट प्रेक्टीसेस को साझा करने जैसे बिन्दुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बैठक में डिजिटल, ऑनलाइन शिक्षा में राज्यों द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई में हुए नुकसान को ध्यान में रखकर अकादमिक कैलेण्डर में परिवर्तन, मध्यान्ह भोजन को जारी रखने के संबंध में मध्यान्ह भोजन की वार्षिक कार्ययोजना को अपलोड करने, केन्द्रीय एवं नवोदय विद्यालय के लिए जमीन एवं अन्य मुद्दों, समग्र शिक्षा अंतर्गत राज्य क्रियान्वयन इकाई को केन्द्र के हिस्से की राशि एवं राज्यांश की शेष राशि के उपयोग और समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना को ऑनलाइन अपलोड करने के संबंध में चर्चा कर समीक्षा की।

बैठक में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक लोक शिक्षण श्री जीतेन्द्र शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल प्रो. व्ही.के. गोयल भी उपस्थित थे।