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स्‍कूल बैग होंगे हल्‍के, होमवर्क भी तय लिमिट से ज्‍यादा नहीं……बच्चे के वजन से 10% से ज्यादा भारी न हो स्कूल बैग, ट्रॉली वाले बैग पर रोक….. जानिए सरकार के सुझाव

स्‍कूल बैग होंगे हल्‍के, होमवर्क भी तय लिमिट से ज्‍यादा नहीं……बच्चे के वजन से 10% से ज्यादा भारी न हो स्कूल बैग, ट्रॉली वाले बैग पर रोक….. जानिए सरकार के सुझाव
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By NPG News

नयी दिल्ली 9 दिसंबर 2020। बच्चों के बोझ से लदे स्कूल बैग पर शिक्षा मंत्रालय ने अहम सुझाव दिये हैं। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब स्‍कूल बैग का वज़न स्‍टूडेंट्स के वज़न के 10 प्रतिशत ही होना चाहिये। इसके अलावा कई अन्‍य नियम भी जारी किए गए हैं जिनके लागू होने के साथ स्‍कूली बच्‍चों की पढ़ाई में बड़े स्‍तर पर बदलाव नज़र आएंगे. नई पॉलिसी के मुताबिक, कक्षा 2 तक के छात्रों के लिए कोई होमवर्क नहीं होगा. छोटी क्‍लासेज़ के बच्‍चों को केवल स्‍कूल में ही पढ़ाई कराई जाएगी. इसके अलावा कक्षा 1 से 10वीं तक के छात्रों के लिए स्‍कूल बैग का वज़न भी, छात्र के वज़न के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. स्कूलों से कहा गया है कि वे स्कूल परिसर में डिजिटल वेटिंग मशीन रखें और स्कूल बैग के वजन को नियमित रूप से चेक करें.

स्कूल में हो वजन तौलने की मशीन

स्कूलों से कहा है गया है कि वे वजन करने वाली डिजिटल मशीनें विद्यालय परिसर में रखें और नियमित आधार पर स्कूल के बैग के वजन की निगरानी करें। नीति दस्तावेज में कहा गया है कि पहिये वाले बैग पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि सीढ़ियां चढ़ते वक्त यह बच्चे को चोटिल कर सकते हैं। उसमें कहा गया है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जो सुविधाएं उन्हें अनिवार्य रूप से प्रदान करनी चाहिए, विद्यालय उन्हें पर्याप्त मात्रा और अच्छी गुणवत्ता में उपलब्ध कराएं जैसे मध्याह्न भोजन ताकि बच्चे घर से टिफिन जैसे सामान लेकर नहीं आएं।

सिर्फ 2 घंटे का हो होमवर्क

नीति दस्तावेज में कहा गया है कि स्कूल या कक्षा के समय को लचीला बनाने की जरूरत है और बच्चों को खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के अलावा किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय दिया जाए। नीति में कहा गया है कि दूसरी कक्षा तक कोई गृह कार्य नहीं दिया जाए और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोजाना अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हफ्तें में अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है। छठीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अधिकतम एक घंटे का गृह कार्य दिया जाना चाहिए।

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