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बोले अरविंद नेताम जो संघर्ष करेगा वही आगे बढ़ेगा.. समाज को तोड़ने की कोशिश करने वालों को मुकम्मल पहचानता हूँ.. क्रीमीलेयर यस-मैन कैडर केवल खुद का भला कर सकता है..

बोले अरविंद नेताम जो संघर्ष करेगा वही आगे बढ़ेगा.. समाज को तोड़ने की कोशिश करने वालों को मुकम्मल पहचानता हूँ.. क्रीमीलेयर यस-मैन कैडर केवल खुद का भला कर सकता है..
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By NPG News

रायपुर, 19 जुलाई 2021। सर्व आदिवासी समाज एक बार फिर चर्चा में हैं, पर इस बार चर्चा उसकी टूट या कि दो गुटों में जा बंटने की है। कद्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम इसके एक ख़ेमे की ओर हैं और जैसा कि ख़ेमों में होता है वे अपने ख़ेमे को सही साबित कर रहे हैं। अरविंद नेताम का यह मानना है कि संगठन को तोड़ने वालों से ज़्यादा ख़तरा उनसे है जो इनके पीछे खड़े हैं।
अरविंद नेताम इस टूट फूट को समझने के लिए दो मसलों का ज़िक्र करते हैं, पहला बस्तर के एक मेले का संदर्भ वे देते हैं और दूसरा रावघाट परियोजना को लेकर उठाए गए सवाल। नेताम किसी का नाम नहीं लेते लेकिन यह कहते हैं
“मेरे सवाल मेरी बातें मेरी व्यक्तिगत नहीं थी, यह सवाल यह प्रश्न तो समाज की ओर से था, मंच से तारीफ़ें हुई तो याद नहीं रहा पर सवाल हुए नीतिगत आलोचना हुई तो याद रहा, कोई परियोजना क्यों बंद की गई और फिर क्यों चालू कर दी गई..क्यों ग्रामीण विरोध में है यह सवाल पूछना और वस्तुस्थिति बताने की कोशिश करना यदि किसी को बुरा लगता है तो भला मैं क्या करुं”
खुद को राजनैतिक रुप से कांग्रेसी बताते अरविंद नेताम ने कहा
“यह जो लोग अभी समाज में पदाधिकारियों के रुप में सामने हैं, इन्हें पहचानता कौन नहीं है,ये समाज के क्रीमीलेयर यस-मैन कैडर हैं, ये समाज के भी काम से कहीं गए तो राजनैतिक शक्ति के सामने “यस-मैन शीप” के साथ नुमाया हुए.. लेकिन मैं यह जानता हूँ कि जो संघर्ष करेगा समाज के लिए.. वही आगे बढ़ेगा.. समाज को समझना और उसकी समस्याओं के लिए गंभीरता से आगे आकर जुटे रहने वाला ही सही साबित होगा”
अरविंद नेताम से सवाल हुआ
“परिसीमन का मुद्दा लिए आप लोग राज्यपाल से मिले.. जब परिसीमन हो रहा था तो कोई छुपा हुआ तो था नही.. सोहन पोटाई तब पूरजोर सक्रिय थे.. अब तीन तीन चुनाव बीत गए अब काहे का हंगामा और सवाल”
पूर्व सांसद अरविंद नेताम ने कहा
“सरगुजा आदिवासी बाहुल्य इलाक़ा है, और यह कौन सा जादू था कि अविभाजित सरगुजा ज़िले में तीन विधानसभाओं को सामान्य बनाया गया.. एक ज़िले में एक समझ आता है पर तीन तीन..”
नेताम ने आगे कहा
“कोई बात तब नहीं उठाई गई इसलिए अब वो बात नहीं उठाई जा सकती है यह कौन सा तर्क है.. यह भी सही है कि हमें देर हो गई है, पर 2025 में फिर यह व्यवस्थापन होना है.. हम तब के लिए समाज को सक्रिय कर रहे हैं”
विदित हो अरविंद नेताम और सोहन पोटाई बीते दिनों सरगुजा समेत उत्तर छत्तीसगढ़ के तीन ज़िलों के दौरे पर थे और सभी जगहों पर सामाजिक बैठके उन्होंने की है। इस दौरे के बाद अरविंद नेताम और सोहन पोटाई ने राज्यपाल अनुसुइया उईके से मिल कर उन्हे ज्ञापन सौंपा है।
वहीं सर्व आदिवासी समाज दो फाड़ हो चुका है। सर्व आदिवासी समाज के एक ख़ेमे में अरविंद नेताम और सोहन पोटाई और उनकी कार्यकारिणी है तो दूसरी ओर बीपीएस नेताम हैं और उनकी कार्यकारिणी हैं।

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