नईदिल्ली 7 अक्टूबर 2020. अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने के अंतिम दिन रोहन ने अपने पिता के नक्शेकदमों पर चलते हुए इस पद के लिए नामांकन भरा। पता चला है कि उन्हें संघ में सभी बड़े गुटों का सहयोग प्राप्त है। उनके पिता का पिछले साल निधन हो गया था।
रोहन ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बातचीत के दौरान पीटीआई से कहा, ”हां, मैंने आज अपना नामांकन भरा है। मैं दिल्ली क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करना चाहूंगा और हर किसी से यही करना पसंद करूंगा।” उम्मीद की जा रही है कि 31 वर्षीय रोहन डीडीसीए में सभी विरोधी गुटों की सर्वसम्मत पसंद होंगे। जब उनसे यह पूछा गया तो वह हंसने लगे। पेशे से वकील रोहन ने कहा, ”मुझे मुकाबले से कोई परेशानी नहीं है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अच्छा है। आइडिया यह है कि अच्छे लोगों को सही समय पर लाया जाए ताकि संतुलन और नियंत्रण बना रहे।”
उनकी योजनाओं के बारे में पूछने पर रोहन काफी स्पष्ट थे कि वे क्या हासिल करना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ”पहला आइडिया एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ लाने का है और साथ ही जरूरी संतुलन व नियंत्रण बनाने का है ताकि हम सही दिशा में आगे बढ़ें।” उन्होंने कहा, ”मैं अखंडता, टेक्नोलॉजी के कुछ क्षेत्रों पर काम करूंगा और खेल प्रबंधन के साथ खेल क्लबों और बुनियादी ढांचों को भी अहमियत दूंगा।”
सहयोगी स्टाफ के रुके हुए भुगतान और मुकदमों पर जो करोड़ों में खर्चा हो रहा है, उसका क्या? उन्होंने कहा, ”मैं इन मुद्दों को तभी निपटा सकता हूं जब मैं पदभार संभाल लूं। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई भी गैर जरूरी खर्चा नहीं होगा। केवल वैध खर्चों को ही वहन किया जाएगा।” उन्होंने कहा, ”मैंने मुकदमे के खर्चों के बारे में खबर पढ़ी थी। मैं सभी से संघ की बेहतरी के लिए काम करने का आग्रह करूंगा।”
वह पहली बार क्रिकेट प्रशासन में प्रवेश करेंगे और डीडीसीए में कई विरोधी गुट हैं, जिनमें विनोद तिहाड़ा गुट, एसपी बंसल गुट और सीके खन्ना गुट इनमें से कुछ हैं। उन्होंने कहा, ”गुटबंदी हमेशा से डीडीसीए में रही है। अगर आप सर्वसम्मति बनाने को देखोगे तो मैं इसे अलग नजरिए से देखना चाहूंगा।