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ऋचा जोगी जाति प्रमाण पत्र मसला.. कोर्ट में दायर याचिका पर सात दिसंबर को होगी सुनवाई.. जोगी के अधिवक्ता ने ही कोर्ट से माँगा समय

ऋचा जोगी जाति प्रमाण पत्र मसला.. कोर्ट में दायर याचिका पर सात दिसंबर को होगी सुनवाई.. जोगी के अधिवक्ता ने ही कोर्ट से माँगा समय
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By NPG News

रायपुर,23 नवंबर 2020। ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित करने वाली समिति की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई सात दिसंबर तक के लिए टल गई है। याचिकाकर्ता के वकील गैरी मुखोपाध्याय ने चीफ़ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू वाली डिवीज़न बेंच वन से आग्रह किया कि, प्रकरण में वरिष्ठ अधिवक्ता को तर्क के लिए लाने हेतु प्रयास किया जा रहा है, इसलिए समय दिया जाए। डिवीजन बेंच 1 ने इस आग्रह को स्वीकारते हुए याचिका पर सुनवाई 7 दिसंबर निर्धारित कर दिया।
उच्च न्यायालय में रिट क्रमांक WPC/2559/2020 के तहत पेश याचिका में श्रीमती ऋचा जोगी की ओर से 2013 के मूल नियम के संशोधन को विधि विरुद्ध और ज़िला स्तरीय समिति के नोटिस को विधिक अधिकारिता विहीन बताया गया है। याचिका में तर्क दिया गया है कि,2013 के नियम में संशोधन ग़लत है, जो कि मूल अधिनियम के विपरित है। अधिनियम (एक्ट) में ऐसी कोई अधिकारिता ज़िला स्तरीय समिति को नहीं दी गई है इसलिए नियम (रुल) में नहीं किया जा सकता। इसके साथ साथ याचिका में यह तर्क भी है कि, ज़िला समिति में सात सदस्य होने चाहिए लेकिन 29 सितंबर को जो समिति ने निर्णय लिया उसके पास विधिक अधिकारिता नहीं थी,राज्य शासन ने राजपत्र में समिति और सदस्यों की जानकारी प्रकाशित नही की।
ऋचा जोगी की ओर से पेश याचिका ज़िला समिति को विधिक अधिकारिता विहीन और अधिनियम के विपरित संशोधन को बताते हुए यह माँग करती है कि, पूरी प्रक्रिया रद्द की जाए।
विदित हो कि मुंगेली ज़िला समिति ने ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र मूल अभिलेख प्रस्तुत ना कर पाने समेत अन्य तर्कों के साथ यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि ऋचा जोगी खुद को गोंड जाति ( आदिवासी ) प्रमाणित नहीं कर पाई हैं। इसके बाद मरवाही उप चुनाव में ऋचा जोगी का नामांकन भी रद्द कर दिया गया था।

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