नईदिल्ली 26 अप्रैल 2021। खेल मंत्रालय की ओर से वाडा को डोपिंग के खिलाफ लड़ाई और शोध के नाम पर साढ़े सात करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि देने के बाद नेशनल डोप टेस्ट लैबोरेटरी (एनडीटीएल) पर लगे प्रतिबंध के हटने की उम्मीद जगी है। वाडा लैब पर लगे प्रतिबंध पर फैसला लेने को एनडीटीएल की ओर से किए गए सुधारों की वर्चुअली समीक्षा को तैयार हो गया है। वाडा अध्यक्ष विटोल्ड ब्लांका ने खेल मंत्रालय को यह जानकारी दी है। हालांकि वाडा अध्यक्ष ने यह नहीं बताया है कि यह ऑडिट कब होगा, लेकिन उन्होंने कहा है कि वाडा का लैब एक्सपर्ट ग्रुप (एलईजी) जल्द समीक्षा करेगा। वाडा अध्यक्ष ने यह भी साफ किया है कि नए वाडा कोड के अनुसार लैब को स्वतंत्र रहना होगा। उन्होंने लैब के स्वतंत्र प्रभार के लिए एक जनवरी 2022 तक की मोहलत दी है। अध्यक्ष ने कहा है कि वाडा विज्ञान विभाग की ओर से एनडीटीएल को बताया गया है कि कुछ आपत्तियां पूरी तरह हल नहीं होने के बावजूद उनके विशेषज्ञ इस फैसले पर पहुचें हैं कि लैब का आने वाले दिनों में वर्चुअली ऑडिट किया जाना चाहिए। जिससे लैब से जुड़े सभी तकनीकी और प्रशासनिक कारणों की समीक्षा कर एनडीटीएल के वाडा एक्रिडिटेशन (मान्यता) पर फैसला लिया जा सके। उन्हें उम्मीद है कि एनडीटीएल और उनका स्टाफ लैब की मान्यता बहाली के इस महत्वपूर्ण चरण को पास करने के लिए वाडा विशेषज्ञों से खुले तौर पर बातचीत को तैयार है।
सरकारी नियंत्रण से बाहर हो लैब
वाडा ने 20 अगस्त 2019 को एनडीटीएल को तकनीकी, प्रशासनिक खामियों के बाद प्रतिबंधित कर दिया था। तब से ओलंपिक की तैयारियों के बीच में भारतीय खिलाड़ियों की डोप टेस्टिंग विदेशी लैबों में हो रही है। सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि वाडा लैब पर लगे प्रतिबंध को हटा लेगी। उनके हिसाब से वाडा की आपित्तयां दूर की जा चुकी हैं। वाडा अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया है कि लैब का वाडा कोड 2021 के अनुसार स्वतंत्र रहना जरूरी है। लैब पर सरकारी नियंत्रण नहीं रह सकता है। ऐसे में एक जनवरी 2022 से लैब स्वतंत्र हाथों में होनी चाहिए। हालांकि मंत्रालय वाडा कोड आने के बाद लैब को आईसीएमआर के संरक्षण में देने का फैसला लिया था, लेकिन उस पर अंतिम मुहर नहीं लगी।
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