Toddler and New Baby : नए जन्में भाई-बहन को क्यों पसंद नहीं करते बड़े बच्चे... आइये जानें क्यों और क्या है समाधान
पेरेंट्स के लिए भी ये काफी चैलेंजिग हो जाता है कि वह नए जन्मे भाई-बहन के साथ बड़ें बच्चे को एडजस्ट करना या तालमेल बिठाना कैसे सिखाएं।
एक नए बच्चे को परिवार में आने के बाद घर के बड़े बच्चा कई बार काफी परेशान रहने लगता है। कई बार पेरेंट्स को ये समझना काफी मुश्किल हो जाता है कि बड़े बच्चे का नेचर क्यों बदल रहा है। कई बार इस कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन बढ़ने के साथ वह किसी काम में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है.
पेरेंट्स के लिए भी ये काफी चैलेंजिग हो जाता है कि वह नए जन्मे भाई-बहन के साथ बड़ें बच्चे को एडजस्ट करना या तालमेल बिठाना कैसे सिखाएं। मां को नवजात बच्चे पर अधिक ध्यान देना पड़ता है, जिस कारण बड़ा बच्चा परिवार से दूर होने लगता है और कई बार खुद को अकेला भी फील करता है।
नए बच्चे के जन्म के बाद बड़े बच्चे का रूटिन चेंज न करें। रूटिन चेंज करने की वजह से उसको अकेलापन लगने के साथ उसको छोटे बच्चे के प्रति गलत भावना भी पैदा होगी। बड़े बच्चों को ऐसा लग सकता है कि पेरेंट्स उस पर ध्यान नहीं दें रहे हैं।
नए जन्मे भाई-बहन के साथ बड़े बच्चे का तालमेल बिठाने के लिए पेरेंट्स बच्चों को फिजिकल और इमोशल अटेंशन अवश्य दें। ऐसा करने से बच्चों को स्पेशल फील होगा और वह आपके करीब भी होंगे। इस तरह की अटेंशन से बच्चे इमोशनी स्ट्रांग बनते हैं।
बडे भाई-बहन अगर छोटे बच्चे के आने पर बेबी बनने की कोशिश करते है, तो पेरेंट्स को उन्हें प्यार से डील करना चाहिए। साथ सही उन्हें छोटे बच्चे का ख्याल कैसे रखना है इस बारे में बताएं और उनमें इस भावना को जागृत करें कि वह बिग ब्रदर या बिग सिस्टर है।
बड़े भाई-बहन को जिम्मेदार बनाने के लिए पेरेंट्स को बच्चों से छोटे-मोटे काम करवाने चाहिए। जैसे डाइपर पास करना, बॉटल देना और उसका ध्यान रखना। ऐसा करने से उनको रिस्पान्सिबल फील होगा और वह छोटे बच्चे के करीब आ पाएंगे।
दोनों बच्चों की बॉन्डिंग को मजबूत बनाने के लिए पेरेंट्स को दोनों बच्चों को साथ में लेकर कोई स्टोरी सुनानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चा इमोशनल मजबूत होने के साथ कई नई बातें भी सिखेंगा साथ ही छोटे बच्चे के प्रति उसका प्यार बढ़ेगा।