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Tips for Parents to Prepare Their Child for School : बस अब खुल रहे स्कूल... ऐसी रहे आपकी तैयारी की बच्चों को स्कूल में ना हो देरी

स्कूल बस 3 दिनों में खुलने ही वाले है। ऐसे में जरूरी है कि हमारी सुबह की तैयारी प्लानिंग के साथ हो. इसमें माता-पिता और बच्चे, सबको शामिल होना होगा।

Tips for Parents to Prepare Their Child for School : बस अब खुल रहे स्कूल... ऐसी रहे आपकी तैयारी की बच्चों को स्कूल में ना हो देरी
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By Meenu

स्कूल बस 3 दिनों में खुलने ही वाले है। ऐसे में जरूरी है कि हमारी सुबह की तैयारी प्लानिंग के साथ हो. सुबह स्कूल समय पर जाने के लिए भड़-भड़ न हो, इसके लिए पूर्व तैयारी हो. इस बार कुछ ऐसे परिवर्तन भी करें, जिनसे पूरे साल पर असर पड़े। इसमें माता-पिता और बच्चे, सबको शामिल होना होगा.

अभी-अभी छुट्टियां ख़त्म हुई हैं तो सबको आदत हो गई है काम को आराम से यानी समय लेकर करने की। इस स्थिति में बच्चों को स्कूल के लिए समय पर तैयार करना, उनके लिए नाश्ता बनाकर देना या फिर उनका बैग तैयार करना, स्कूल से लौटने के बाद फिर वही पढ़ाई के लिए कहना, होमवर्क चेक करना और फिर टेस्ट, शाम के खेल... सोचकर ही थकान होने लगी होगी।

उसके बाद परीक्षाओं, ग्रेड आदि की फिक्र भी साथ लगी ही रहती है। तो इस साल पहले ही दिन से कुछ बातें तय कर लीजिए, जिनसे सारी चिंताएं केवल मां के हिस्से ना रहें, बल्कि साझी हो जाएं और फिर इनका हल भी हो जाएगा। जानिए क्या किया जा सकता है…




तय करें सोने का समय

सुबह स्कूल के लिए सही समय पर बच्चे को तैयार करने के लिए ज़रूरी है कि बच्चे सुबह सही समय पर जाग जाएं, जिससे तैयार होने के लिए पर्याप्त समय रहे और भाग-दौड़ ना करनी पड़े। इसके लिए उनको ख़ुद यह सुनिश्चित करना होगा कि वे देर तक ना जागें और सही समय पर सो जाएं। अलार्म उनके ही पास होगा, वो ख़ुद ही समय पर उठेंगे ताकि बार-बार बोलकर आपकी सुबह चिड़चिड़ाहट से ना भर जाए। छोटे बच्चों को भी एक महीने में इस प्रक्रिया का पाबंद बनाया जा सकता है।

तैयार करें स्कूल बैग

टाइम-टेबल के हिसाब से, बच्चे ख़ुद रात में ही किताबें और स्टेशनरी का सारा सामान बैग में रख लें। यह भी उनकी ज़िम्मेदारी होगी कि स्कूल कुछ अतिरिक्त चीज़ें लाने को कहा गया हो, तो वे समय रहते घर पर बताएंगे। माता-पिता रात-बेरात नहीं दौड़ेंगे।

नाश्ता व टिफिन पौष्टिक होगा

बच्चे खाने को लेकर मुंह बिचकाते हैं। नाश्ते और टिफिन के मामले में उनसे पोषण को लेकर समझौता नहीं करने का नियम बनाया जाए। शाम के स्नैक्स और रात के खाने में उनकी पसंद को तरजीह दी जा सकती है, लेकिन पहला खाना यानी नाश्ता और दोपहर का टिफिन पौष्टिक खाद्यों से भरा ही होगा। हालांकि, पौष्टिक रेसिपीज़ भी बच्चों की पसंद के अनुसार बन सकती हैं।

व्यवस्थित रखेंगे चीज़ें



लंच बॉक्स और स्कूल बैग के अलावा, अन्य सामान, जैसे- जूते-मोज़े, पानी की बोतल आदि को स्कूल में संभालना तथा घर आकर इनकी संभाल बच्चों को ही करने दें। टिफिन को धुलने रखना, बोतल ख़ाली करके व खंगाल कर उलटकर रखना, जूते-मोज़े जगह पर रखना तथा यूनिफॉर्म को धुलने के लिए डालना- ये सारे काम बच्चों के ज़िम्मे कर देने से वे अपने सामान का दायित्व लेना सीखेंगे। अगर उनसे कुछ खो जाए या ख़राब हो जाए, तो केवल एक बार ही नया लाने की छूट दें। उन्हें वस्तुओं की क़ीमत का अहसास होना चाहिए।

पढ़ाई का नियम पहले दिन से



रोज़ की पढ़ाई करने का नियम बना दें। केवल टेस्ट के दिन नहीं, वे हर दिन तयशुदा समय में केवल होमवर्क न करें, बल्कि उस दिन पढ़ाए गए अध्याय भी दोहराएं, तो टेस्ट के पहले या परीक्षा के समय बहुत मुश्किल नहीं होगी। पढ़ाई का मतलब केवल परीक्षाएं उत्तीर्ण करते जाना नहीं है बल्कि जो पढ़ रहे हैं, उसे समझना भी है। बच्चों को ज्ञान-विज्ञान की पत्रिकाएं पढ़ने को दें। इस साल का एक मंत्र और बना लें- डिजिटल नहीं, असली शब्दों से दोस्ती करेंगे।

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