Sleep Divorce: क्या है 'स्लीप डिवोर्स'? पति-पत्नी के रिलेशन के लिए अच्छा है या बुरा? जानिए डिटेल्स
Sleep Divorce: 'स्लीप डिवोर्स' टर्म अपने आप में थोड़ा खटक सकता है क्योंकि इसमें एक तो इसमें डिवोर्स शब्द जुड़ गया है, दूसरा पति-पत्नी को अलग रूम या बैड पर सोते देखकर कानाफूसी भी होने लगती है कि रिश्ते में कुछ तो गड़बड़ है।
Sleep Divorce: 'स्लीप डिवोर्स' टर्म अपने आप में थोड़ा खटक सकता है क्योंकि इसमें एक तो इसमें डिवोर्स शब्द जुड़ गया है, दूसरा पति-पत्नी को अलग रूम या बैड पर सोते देखकर कानाफूसी भी होने लगती है कि रिश्ते में कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन ज़रूरत पड़ने पर स्लीप डिवोर्स बुरा भी नहीं है। डाॅक्टर खुद इसकी वकालत करते हैं। क्योंकि अधूरी नींद से न केवल पूरा अगला दिन थकान और चिड़चिड़ाहट में गुज़रता है बल्कि अधूरी नींद होने से बात-बात पर पति-पत्नी के उलझने का डर भी बना रहता है। इसलिए इसके फायदों पर फोकस करें तो यह पति-पत्नी के रिश्ते को बिगड़ने से बचा सकता है।
किन परिस्थितियों में आपको हो सकती है स्लीप डिवोर्स की ज़रूरत -
1. अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों
अगर पति-पत्नी दोनों कामकाजी हों तो दोनों के लिए रात को सुकून की नींद बेहद ज़रूरी है। रात को 7-8 घंटे की अच्छी क्वालिटी की नींद लेंगे तो अगले दिन पूरे उत्साह से अपने वर्कप्लेस पर अपना रोल अदा कर पाएंगे। मान लीजिए पति देर तक न सोते हों और पत्नी को अलसुबह उठकर बच्चों को स्कूल भेजकर खुद भी माॅर्निंग शिफ्ट में सेवाएं देनी हो तब तो समझ लीजिए कि उनके चिड़चिड़ाने की पर्याप्त संभावना है। इसलिए बेहतर है कि 'स्लीप डिवोर्स' लिया जाए।
2. अगर पति या पत्नी को हो खर्राटे या ऐसी अन्य समस्याएं
कई बार ऐसा भी होता है कि पति-पत्नी में से किसी एक को खर्राटे लेने , बड़बड़ाने या बार-बार यूरिन वगैरह के लिए उठने की समस्या हो तो ऐसे में दूसरे पार्टनर की नींद बार-बार टूट सकती है।
3. अगर एक को हो देर रात तक किताब पढ़ने की आदत
दिन भर की भागदौड़ के बाद दोनों में से कोई एक देर रात तक कोई किताब, कोई नाॅवेल आदि पढ़ना चाहता हो, और ऐसे में वह लाइट जलाकर रखना चाहे, तो ऐसा करना दूसरे के लिए असुविधाजनक हो सकता है। क्योंकि अधिकतर लोगों को बिना अंधेरा किए नींद नहीं आती है। इसलिए चादर तानकर अंदर ही अंदर कुढ़ने से अच्छा है कि पार्टनर से बात की जाए।
4. मोबाइल प्रेम भी होता है बिगाड़ की वजह
मोबाइल प्रेम तो सभी रिश्तों में समस्याएं क्रिएट कर रहा है, फिर देर रात तक अगर कोई पार्टनर मोबाइल पर स्क्रोल कर - कर के हंस रहा हो तो दूसरे को भला कहां से अच्छी नींद आएगी। इसलिए बेहतर है कि समझदारी से रास्ता निकाला जाए।
5. आजकल बढ़ गई है पर्सनल स्पेस की मांग,
आजकल यंग कपल शादी के समय ही ये क्लियर करने लगे हैं कि उन्हें उनका पर्सनल स्पेस मिलना चाहिए। आधुनिक दौर की यह ज़रूरत उन लोगों को ज्यादा होती है जिनका दिन भर का शैड्यूल ज्यादा हैक्टिक होता है। ऐसे में एक-दूसरे की ज़रूरत को समझ कर कभी-कभार स्लीप डिवोर्स
लेने में कोई बुराई नहीं।
० क्या स्लीप डिवोर्स की बात उठाने से आ सकती है रिश्ते में दरार
अगर पति-पत्नी की म्यूचुअल अंडरस्टेंडिंग अच्छी है तो वे अपनी समस्या और नींद की ज़रूरत को अच्छे शब्दों में एक-दूसरे को समझा सकते हैं और कन्विंस कर सकते हैं। फिर स्लीप डिवोर्स का मतलब हमेशा के लिए अलग सोना नहीं है, आप अधिक ज़रूरी होने पर कभी-कभार ऐसा करें। इससे दूसरा पक्ष समझेगा कि आप जबरन इस बात का सहारा लेकर दूरी नहीं बना रहे हैं। डिनर के बाद साथ बैठकर अपनी दिन भर की बातें, सुख-दुख शेयर करें। उसके बाद अगर अलग रूम या बैड पर सो रहे हैं, और पार्टनर अगर समझदार है तो उसे शिकायत नहीं होगी।
० बेहतर नींद-बेहतर रिश्ता
रात की अच्छी नींद से आप अगले दिन प्रसन्नचित रहते हैं। अगर आप अंदर से खुश रहेंगे तो रिश्ते को भी एनर्जेटिकली हैंडल करेंगे। हंसते-मुस्कुराते चेहरे भला किसे आकर्षित नहीं करते। यही नहीं, अगर आपकी अधूरी नींद की समस्या सालों तक चलती है तो आप मानसिक विकारों के शिकार भी हो सकते हैं। यह, आपके खुद के लिए, आपके रिश्ते और आपके पारिवारिक जीवन सभी के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। इस नज़रिए से अगर देखेंगे तो कभी-कभार स्लीप डिवोर्स लेने की अहमियत समझ जाएंगे।