Saas-Bahu-Relationship : पति के साथ जितना प्यार भरा रिश्ता होना जरूरी... उतना ही जरूरी है सास के साथ बहू का गहरा संबंध
शादी केवल दो इंसानों को नहीं बल्कि दो परिवारों को जोड़ती है। शादी के बाद जब लड़की अपने ससुराल आती है तो उस दौरान वह परिवार का केंद्र बन जाती है। ऐसे में रिश्तों के भीतर तारतम्यता स्थापित करना उसके लिए एक चुनौती भरा काम हो जाता है
शादी के बाद एक लड़की का पति के साथ प्यार भरा रिश्ता होना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी है सास के साथ बहू का गहरा संबंध होना। पुराने समय से ही सुनते आ रहे हैं कि सास और बहू के बीच में खटपट होती रहती है। कभी बहू को सास से कोई शिकायत रहती है तो कभी सास को बहू की बातें समझ नहीं आती। हालांकि समय बदल गया है और अब सास बहू का रिश्ता भी बदलता जा रहा है।
शादी केवल दो इंसानों को नहीं बल्कि दो परिवारों को जोड़ती है। शादी के बाद जब लड़की अपने ससुराल आती है तो उस दौरान वह परिवार का केंद्र बन जाती है। ऐसे में रिश्तों के भीतर तारतम्यता स्थापित करना उसके लिए एक चुनौती भरा काम हो जाता है। नए परिवार के साथ घुलने-मिलने में थोड़ा समय तो जरूर लगेगा। शादी के बाद नए परिवार में आने के बाद लड़की को सास अगर बहु समझदारी और प्रेम का परिचय दे तो सास के साथ एकजोड़ता स्थापित हो सकती है।
लेकिन इस रिश्ते में हल्की फुल्की खटर पटर अभी भी बनी रहती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सास बहू के बीच में दूरी आने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। इस बारे में जब हमने शहर के मनोवैज्ञानिक डॉ. अमृत मजूमदार से बात की तो उन्होंने बताया कि सास-बहू के बीच में किन चीजों के कारण गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं। साथ ही ऐसी परिस्थिति को को कैसे सुलझाया जाएं, इसके बारे में भी जानकारी दी. तो आइये जानते है की इस रिश्ते की नाजुक डोर को कैसे सहेज कर रखा जाये.
बहू से ज्यादा उम्मीदें रखना सही नहीं
जब लड़की अपने घर को छोड़कर अपने पति के घर में आती है तो वह वहां के तौर तरीकों को अपनाना शुरू कर देती है। लेकिन इन सब में थोड़ा सा धैर्य और विश्वास की जरूरत है। जब सास और बहू के रिश्ते में धैर्य और विश्वास दोनों की कमी हो जाती है तो बहू को लगता है कि सास उन पर जिम्मेदारियों को थोप रही है। वहीं सास को महसूस हो सकता है कि बहू उनके द्वारा दिए कामों को ठीक प्रकार से नहीं कर रही है। ऐसे में को समझना होगा कि बहू से ज्यादा उम्मीदें रखना सही नहीं है क्योंकि शुरुआत में उम्मीदों पर न उतर पाना स्वाभाविक है। वहीं बहुओं को भी सास की मनोदशा को समझ कर उनके द्वारा दिए कामों को पूरी ईमानदारी से करना होगा। वहीं अगर कोई काम समझ ना आए तो बहू सास की मदद भी ले सकती है। ऐसा करने से रिश्ते में दोस्ती की शुरुआत होगी।
बार-बार घर जाने की जिद
अक्सर सास को अपनी बहू से यह शिकायत रहती है कि वह बार-बार घर चली जाती हैं। वही बहुओं को अपनी सास से यह शिकायत रहती है कि मेरे घर जाने पर मेरी सास को अच्छा नहीं लगता। इस गलतफहमी के कारण भी दोनों के बीच में तकरार या मन में मतभेद आ जाता है। ऐसे में सास को समझना होगा कि नए घर में एडजस्ट होने के लिए अपनों का साथ और प्यार का होना जरूरी है। वहीं बहू को यह समझना होगा कि बार-बार अपने घर जाने से उनका ध्यान दोनों जगह भटक सकता है। ऐसे में घर में एडजस्ट होने के लिए थोड़ा समय सास के साथ बिताना भी जरूरी है।
बेटे का काम में हाथ बटाना गलत लगना
सास को अपनी बहू से यह शिकायत रहती है कि वह मेरे बेटे के दिन भर काम करने के बाद ऑफिस से थके आने के बाद उससे घर का काम करवाती है। वहीं बहुओं को अपनी सास से यह दिक्कत रहती है कि हम दोनों मिलकर काम करते हैं तो इसमें मेरी सास को अच्छा नहीं लगता। दोनों की यह गलतफहमी रिश्ते को कड़वा बना सकती है। ऐसे में दोनों को समझने की जरूरत है। सास को समझना चाहिए कि आज के समय में पति पत्नी मिलकर सब काम करते हैं और सभी फैसले लेते हैं। वही बहू को समझना चाहिए कि पहले के समय में ऐसा नहीं था इसीलिए उन्हें यह परिस्थिति स्वीकार करने में समय लगेगा।
घर से कोई काम सीख कर नहीं आई... का ताना देना
अक्सर सास बहू से यह शिकायत करती है कि वह अपने घर से कोई काम सीख कर नहीं आई और वहीं बहू को अपनी सास से यही शिकायत रहती है कि वे उसके काम में नुक्स निकालती हैं। ऐसे में दोनों को धैर्य रखने की जरूरत है। इस कारण दोनों के बीच में मनमुटाव आ जाता है। अगर आपको पता है कि आपकी बहू को खाना बनाना नहीं आता तो ऐसे में आपका फर्ज है उसे सिखाना। वहीं बहू को पूरी ईमानदारी के साथ साथ द्वारा सिखाए गए काम को समझना जरूरी है। तभी रिश्ते में प्रेम बरकरार रह सकता है।
ऐसा करके रिश्ते में ला सकते है मिठास ...
अपना रवैया बदलें
अगर आपकी सास आपके हर काम में कमियां ढूंढतीं हैं और उनकी ये आदत खत्म होने की बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में जरुरत है कि आप अपने रवैये में बदलाव करें। हर काम में आप उनको सफाई देने की बजाए शांत रहने की कोशिश करें। बेवजह की नोकझोंक उनके साथ बंद कर दें। हो सकता है कि आपके द्वारा प्रतिउत्तर ना करने से आपकी सास का व्यवहार बदल जाए। ऐसे में संयम से काम लेना बेहतर होगा।
तारीफ करने दें
ज्यादा से ज्यादा अपनी सास की तारीफ कीजिए। अगर वो अपनी तारीफ खुद करती हैं तो उनकी हां में हां मिलाइए। ऐसे में आप दोनो की नोकझोंक कब खत्म हो जाएगी पता भी नही चलेगा।
कम बात करें
आपको ऐसा लगता है कि ज्यादा बात करने से सास के साथ झगड़े की आशंका बन जाती है तो समझदारी इसी में है कि चुप रहें। उनको बहस करने का एक भी मौका मत दीजिए। उनके साथ तकरार से करने से बचिए। हो सके तो वही बातें करिए जो उन्हें रास आती हों।
दादी और पोता-पोती के बीच न पड़ें
अपने बच्चे और सास के बीच के रिश्ते में बाधा ना बनें। दादी और पोता-पोती के बीच का रिश्ता काफी मधुर होता है। वो आपसे ज्यादा आपके बच्चों को प्यार करेंगी। इन बातों से आपको खुश होनी चाहिए। बच्चे अपने ग्रैंड पैरेंट्स से बहुत कुछ सीखते भी हैं। वो उन्हें सही गलत की समझ भी हमेशा देते हैं।
उतना ही काम करें जितना आप कर सकती हैं
आप घर की बहू हैं कोई मशीन नहीं कि सारे काम एक साथ कर लेंगी। आप उतना ही काम करें जितना आप कर सकती हैं। जरूरत से ज्यादा काम की वजह से तनाव, थकान और चिड़चिड़ापन होगा। इसलिए जरूरी है कि हिम्मत कर स्पष्ट तौर पर अपने काम बता दें ताकि काम की वजह से झगड़ा न हो।