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Instant Gratification : क्या आप भी कुछ पल की ख़ुशी और शेखी के चक्कर में कर जाते हैं वो सब काम... तो आप भी है "Instant Gratification" से ग्रसित

Instant Gratification : ऐसी भावना जिसमें व्यक्ति फ्यूचर की परवाह किए बगैर हाल-फिलहाल मिलने वाली खुशी के बारे में ज्यादा सोचता है। फिर चाहे वह फूड को लेकर हो, एंटरटेनमेंट हो, नींद या फिर रातभर फोन चलाना।

Instant Gratification : क्या आप भी कुछ पल की ख़ुशी और शेखी के चक्कर में कर जाते हैं वो सब काम... तो आप भी है Instant Gratification से ग्रसित
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By Meenu

Instant Gratification : क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो काम गलत है फ्यूचर के लिए ख़राब है...फिर भी जानकर कुछ पल की ख़ुशी और आराम के लिए वो कर जाते हैं. जैसे सुबह अलॉर्म को साइलेंट कर पांच से दस मिनट सोकर अलग सी खुशी महसूस करते हैं।

भले ही इसके लिए आपको ऑफिस जाने में देर हो जाए, ब्रेकफास्ट स्किप हो जाए, लेकिन ये सारी चीजें एक साइड कर आपके लिए वो कुछ देर की नींद ज्यादा मायने रखती है, तो ये Instant Gratification का एक उदाहरण है। आइये समझे इस आदत को...

क्या है Instant Gratification?

मनोवैज्ञानिक के अनुसार ऐसी भावना जिसमें व्यक्ति फ्यूचर की परवाह किए बगैर हाल-फिलहाल मिलने वाली खुशी के बारे में ज्यादा सोचता है। फिर चाहे वह फूड को लेकर हो, एंटरटेनमेंट हो, नींद या फिर रातभर फोन चलाना। वैसे तो ये ह्यूमन नेचर है कि हम दुख-दर्द को भुलाकर खुशियों को ज्यादा तवज्जो देते हैं। कई लोगों का भी मानना है कि फ्यूचर किसने देखा है, जो है अभी है। कल की कल देखी जाएगी, लेकिन लाइफ को लेकर ऐसा एटीट्यूड कभी-कभी तो सही है, लेकिन कई मामलों में गलत भी। प्रोफेशनल लाइफ में ऐसा एटीट्यूड करियर ग्रोथ में बाधा बन सकता है।



Instant Gratification के कुछ अन्य उदाहरण


  • जब कभी भूख लगती है, तो हेल्दी स्नैक्स से भूख मिटाने की जगह लोग हाई- कैलोरी अनहेल्दी फूड्स खाना ज्यादा पसंद करते हैं। भले ही वो हेल्थ के लिए कितने ही नुकसानदायक क्यों न हों।
  • दोस्तों ने पार्टी के लिए पूछा, तो सारे जरूरी काम साइड कर पार्टी प्रियोरिटी बन जाती है।
  • हर कोई ये अच्छी तरह जानता है कि सोशल मीडिया का एडिक्शन बहुत बुरा है, लेकिन क्योंकि हमें उससे खुशी मिलती है, तो हम सेहत, आंखों की परवाह किए बगैर उसका इस्तेमाल करते हैं।
  • हमें पता होता है कि लोन पर गाड़ी और घर खरीदना बिल्कुल सही डिसीजन नहीं होता, लेकिन दूसरों को दिखाने और खुद की खुशी के लिए हमें भारी ईएमआई चुकाकर कार खरीदना ज्यादा सही लगता है।
  • ऑफिस में कई जरूरी काम पेंडिंग है, लेकिन फिर भी कुछ लोग चैट, ब्रेक्स और फोन में लगे रहते हैं।
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