Head of Household : घर का मुखिया कैसा हो...आइये जाने क्या कहता है "चाणक्य नीति"
घर का मुखिया परिवार का मुख्य सदस्य होता है। उस पर हमेशा ओरों से अधिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उसे जिम्मेदार होना चाहिए।
चाणक्य नीति को जीवन मे उतारने से कोई भी इंसान कामयाबी हासिल कर सकता है। इसमें धर्म-अधर्म, कर्म, पाप-पुण्य से जुड़ी बातों का जिक्र है। इसके अलावा घर का मुखिया कैसा होना चाहिए, इसका भी उल्लेख किया गया है।
उनका मानना है कि घर का मुखिया परिवार का मुख्य सदस्य होता है। उस पर हमेशा ओरों से अधिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उसे जिम्मेदार होना चाहिए। सभी के साथ अच्छे संबंध, सब की इच्छाओं का ध्यान वह परिवार में खुशी का माहौल बनाकर रखना एक अच्छे मुखिया की पहचान होती है।
फिजूलखर्च पर रोक
चाणक्य नीति के अनुसार घर का मुखिया तेज तर्रार होना चाहिए। साथ ही परिवार की जरूरतों का ध्यान रखते हुए पैसों को खर्च करना चाहिए। यही नहीं परिवार के सदस्यों के फिजूलखर्च पर भी रोक लगानी चाहिए। साथ ही धन के सही उपयोग का ज्ञान होना चाहिए, इससे परिवार की में तरक्की के योग बनते हैं और भविष्य के लिए भी धन की बचत होती है।
कान का कच्चा न हो
चाणक्य नीति के अनुसार घर के मुखिया को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। उसे हर किसी की बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अपनी आंखों देखी बातों पर यकीन करते हुए सभी रिश्तों में मजबूती लानी चाहिए। इसके अलावा किसी भी लड़ाई को सुलझाते समय दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय लेना चाहिए।
बेहतर निर्णय क्षमता
घर का मुखिया परिवार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले स्वयं लेता है। ऐसे में उसकी निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होनी चाहिए। साथ ही उसके फैसले से किसी को नुकसान न पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
किसी से भी न करें भेदभाव
घर का मुखिया एक ऐसा सदस्य होता है, जो सभी की परेशानियों का हल करता है। ऐसे में कभी भी मुखिया को भेदभाव नहीं करना चाहिए। सभी के लिए समान नियम कानून का निर्माण करना चाहिए।
अनुशासन
जीवन में किसी भी कार्य को अनुशासन से किया जाए, तो उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए घर के मुखिया को हमेशा परिवार में अनुशासन बनाना चाहिए। इससे घर के लोग जीवन में तरक्की कर पाते हैं।