DTR For Relationship : क्या आपने करवाया है अपने रिश्ते का DTR ?
DTR : ये कोई मेडिकल टेस्ट नहीं बल्कि रिश्ते के पैमाने को जांचने का एक ऐसा तरीका है, जो आपके सामने अपने रिलेशनशिप को लेकर एक साफ नजरिया रखता है।
Define The Relationship : आजकल रिलेशनशिप की कई टर्म्स आ गई हैं, जिनमें से एक 'DTR' है। नाम सुनकर आपको भी लगा न कि ये कोई मेडिकल टेस्ट है, लेकिन नहीं आप गलत हैं।
DTR का मतलब है 'Define The Relationship' जिससे आप अपने रिश्ते के पैमाने को जांच सकते हैं और पता लग सकते हैं कि आप अपने रिलेशनशिप के किस स्टेज पर हैं। तो फिर क्या आप रेडी हैं, अपने रिश्ते का टेस्ट करने के लिए?
रिलेशनशिप में DTR का क्या मतलब है?
आजकल रिलेशनशिप की कई टर्म्स आ गई हैं, जिनमें से एक 'DTR' है। आपको युवाओं के बीच इस शब्द का इस्तेमाल अक्सर देखने और सुनने को मिल जाएगा। DTR की फुल फॉर्म 'Define The Relationship' होता है, जिसका हिंदी में अर्थ है, रिश्ते को परिभाषित करना।
सीधे शब्दों में कहें तो जब दो लोग एक-दूसरे को डेट कर रहे होते हैं और उनका रिलेशनशिप एक पर्टिकुलर स्टेज तक पहुंच जाता है, तब वे इस बात को लेकर क्लीयर होना चाहते हैं कि उनका रिश्ता कहां जा रहा है। क्या वो सिर्फ दोस्त हैं या कुछ और? इसलिए वो DTR की बात करते हैं।
क्यों जरूरी है रिलेशनशिप का टेस्ट
आपके मन में भी ये सवाल आया होता न कि भला DTR करना क्यों जरूरी है? ये इसलिए जरूरी है क्योंकि जब दो लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं,तो वो इमोशनली जुड़ जाते हैं और जब रिश्ते में इमोशन्स शामिल होने लगे तो क्लीयरेंस बहुत जरूरी हो जाती है। DTR करने से दोनों लोगों को ये समझने में मदद मिलती है कि वो एक-दूसरे के लिए क्या महसूस करते हैं और फ्यूचर में क्या चाहते हैं।
कैसे करें DTR टेस्ट?
अगर आप और आपका पार्टनर अपने रिश्ते को लेकर कंफ्यूज हैं, तो एक-दूसरे से इस तरह के कुछ आसान सवाल पूछकर DTR टेस्ट कर सकते हैं। जैसे- आप एक-दूसरे से पूछ सकते हैं कि हम एक-दूसरे को कहां देखते हैं। क्या हम एक-दूसरे को सिर्फ अच्छे दोस्त की तरह देखते हैं या हमारे बीच प्यार है? या क्या हम एक-दूसरे को एक्सक्लूसिव डेट करना चाहते हैं या फिर हम अभी सिर्फ एक दूसरे के साथ सींग इच अदर वाले फेज में हैं। जैसे-जैसे आप अपने पार्टनर से बात करते जाएंगे, आपका और उनका अपने रिश्ते को लेकर देखने का नजरिया भी चेंज होता जाएगा। और आपको सही फैसला लेने में आसानी होगी।
DTR करने का सही तरीका
DTR आपके रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है इसलिए इसे करते समय कोई ऐसी जगह चुनें जो शांत हो और जहां आप दोनों बैठकर आराम से बात कर सकते हैं।
बात शुरू करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी हिचकिचाहट को भूल जाएं और बेझिझक अपनी फीलिंग्स और उम्मीदों को लेकर खुलकर बात करें।
इसके अलावा अपने पार्टनर की बात ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
जल्दी का काम शैतान का होता है, इसलिए DTR की बातचीत में जल्दबाजी न करें। दोनों एक-दूसरे को अपनी बात कहने का समय समय दें।
सबसे जरूरी बात, बातचीत को सकारात्मक रखने की कोशिश करें। क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि आप दोनों की राय अलग-अलग हो, लेकिन फिर भी एक-दूसरे का सम्मान करें।
DTR करने के फायदे
DTR की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये दोनों पार्टनर को रिश्ते के बारे में क्लीयरेंस देता है। जब दोनों पार्टनर जानते हैं कि वो कहां खड़े हैं, तो वो एक-दूसरे से उम्मीदें रखना बंद कर देते हैं और रिश्ते को लेकर अधिक सिक्योर फील करते हैं।
ये टेस्ट दोनों ही पार्टनर को रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए एक साफ रास्ता दिखाता है। जब दोनों पार्टनर रिश्ते के एक ही पन्ने पर होते हैं तो वो मिलकर अपने रिश्ते के लक्ष्यों को निर्धारित कर सकते हैं और उन लक्ष्यों को पाने के लिए एफर्ट लगा सकते हैं।
जब आप दोनों एक-दूसरे की फीलिंग्स और एक्सपेक्टेशन को समझते हैं, तो रिश्ते में झगड़े कम होने लगते हैं। DTR दोनों को एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करने और अपनी समस्याओं को सुलझाने का मौका देता है।
ये टेस्ट आप दोनों को एक सेफ और स्टेबल एनवायरनमेंट देता है। जब दोनों पार्टनर जानते हैं कि वो एक-दूसरे के लिए कितने जरूरी हैं, तो वे एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं और रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए काम करते हैं।