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Friendship Day 2024 : मितान या महाप्रसाद... बनकर जीवन भर दोस्ती निभाते हैं छत्तीसगढ़िया

Friendship Day 2024 : छत्तीसगढ़ में दोस्ती के कई रूप हैं। सबसे ज्यादा प्रचलित है मितान और महाप्रसाद। कोई भी किसी से भी मितान या महाप्रसाद बद सकता है।

Friendship Day 2024 : मितान या महाप्रसाद... बनकर जीवन भर दोस्ती निभाते हैं छत्तीसगढ़िया
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By Meenu

Friendship Day Special News : कल फ्रेंडशिप डे है। यूं तो दोस्ती का न कोई नाम होता है और न ही कुछ खास दिन. दोस्तों के साथ बिताया हर पल खास ही होता है, लेकिन फ्रेंडशिप डे का अलग ही क्रेज देखने को मिलता है.

वर्तमान लाइफ स्टाइल में स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन की दोस्ती के साथ-साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती करना और इसे दिखावा करना जोरों से चल रहा है। वहीं इन्हीं दोस्तों के बीच हम आपको छत्तीसगढ़ में वर्षों पुरानी दोस्ती की परंपरा के बारे में बताने जा रहे है, जिसे जीवन भर फिर उनके परिवार द्वारा निभाया जाता है। यह ख़ून के रिश्तों की तरह होता है।


छत्तीसगढ़ में दोस्ती के कई रूप हैं। सबसे ज्यादा प्रचलित है मितान और महाप्रसाद। कोई भी किसी से भी मितान या महाप्रसाद बद सकता है। बदना के मायने हैं तय करना।


नाम लेकर नहीं पुकारते

मितान एक-दूसरे का नाम नहीं लेते। एक-दूसरे को मितान या महाप्रसाद संबोधित हैं। मितान की पत्नी का भी नाम नहीं लिया जाता। जब दो लोग मितान बनते हैं तो दोनों की पत्नियां खुद ही मितानिन हो जाती हैं। जब मितान के माता-पिता मितान के घर जाते हैं तो उन्हें सगे रिश्तेदारों से ज्यादा सम्मान दिया जाता है।

इन मौकों पर होती है दोस्ती



गजामूंग : रथ यात्रा के दौरान गजामूंग बदा जाता है। महाप्रभु के इस प्रसाद को साक्षी मानकर गजामूंग मितान बदा जाता है।

जवारा : नवरात्रि के बाद जवारा विसर्जन के दौरान जवारा बदने की प्रक्रिया होती है। विसर्जन के बाद कुछ जवारा बचा लेते हैं। उसी को कान में खोंचकर जवारा बदते हैं।

गंगाजल : जब दो दोस्त या सहेलियां एक-दूसरे को स्नेह करने लगते हैं तो वे गंगाजल बद लेते हैं। घर पर विधिविधान से गंगाजल पीया जाता है।

भोजली : राखी के दौरान भोजली बदते हैं। भोजली को पहले तालाब में धोया जाता है, फिर बदने की प्रक्रिया होती है।

ऐसे बनते हैं मितान

चावल के आटे का चौक पूरकर उस पर दो पीढ़ा रखते हैं। पीढ़े पर मितान बनने वाले खड़े होते हैं। दोनों एक-दूसरे पर दूबी से जल के छींटे मारते हैं। तिलक लगाकर पीला चावल छिड़कते हैं। कान पर फूल, दूबी या जवारा खोंसा जाता है। इसके बाद फूलों की माला पहनाकर नारियल भेंटकर गले मिलते हैं। किसी भी मंदिर के सामने, किसी भी सार्वजनिक आयोजन के दौरान मितान बद सकते हैं। अखंड रामायण, यज्ञ या कथा के मौके पर मितान बनना महाप्रसाद कहलाता है।

सिर्फ महिलाएं ही बदती हैं दौना पान


दोस्ती के जितने भी छत्तीसगढ़ी वर्जन हैं वे कॉमन हैं। लेकिन दौनापान को सिर्फ महिलाएं ही बदती हैं। यह एक तरह के पौधे का सुगंधित पत्ता होता है। दौना पान बहुत प्रसिद्ध है। इस पर कई छत्तीसगढ़ी एल्बम भी बनाए गए हैं।

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