Uphaar kab lata h durbhagya: किसी को उपहार देने से पहले, जरूर करें सोच-विचार, वरना दुर्भाग्य नहीं छोड़ेगा द्वार...
Uphaar kab lata h durbhagya : जहां प्यार है वहां उपहार का लेन-देन लगा रहता है। उपहार देने के लिए किसी मौके का इंतजार नहीं करना पड़ता। शास्त्रों में कहा गया है भगवान, मित्र, गुरु और पुत्री के घर कभी भी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। उनके लिए कुछ न कुछ उपहार लेकर जाना चाहिए। क्षमता न हो तो हाथ में तुलसी पत्र ही लेकर जाया जा सकता है। कुछ ईर्ष्यालु लोग ऐसे होते हैं, जो कुछ ऐसा सामान उपहार में दे देते हैं, जिससे घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है। इसलिए अगर खुद किसी को गिफ्ट दे रहे हैं तो ध्यान रखें कि कहीं अनजाने में किसी का अशुभ तो नहीं कर रहे और अगर कोई और आपको गिप्ट दें रहा है तो यह भी ध्यान रखें कि कहीं कोई अनिष्ट के लिए तो उपहार नहीं दे रहा है।
उपहार का शुभ फल:-
* घर की महिलाओं को वस्त्र, गहने आदि उपहार में जरूर दें, इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
* सूर्यास्त के वक्त बाहरी व्यक्ति को किसी भी तरह की भेंट न दें। ऐसा करने से धन की हानि होती है।
* जब भी घर से बाहर जाएं, वापसी पर कुछ लेकर लौटें (खाने-पीने का सामान या घर में उपयोग होने वाली कोई भी वस्तु)। खाली हाथ घर में प्रवेश न करें।
* अष्टमी के दिन कन्याओं को खीर-पूरी खिलानी चाहिए।
* कहा जाता है कि जूठा खाने से प्यार और मित्रता में बढ़ोतरी होती है परंतु वास्तु के अनुसार ये झगड़े का कारण बनता है। दोस्ती को मजबूत बनाने के लिए एक-दूसरे का जूठा भोजन न खाएं।
* लक्ष्मी कृपा के लिए हर बृहस्पतिवार सुहागन स्त्री को कोई भी सुहाग की वस्तु भेंट करें।
ऐसे उपहार से दुर्भाग्य लाता है:-
* प्रचंड जीवों की फोटो या मूरत जैसे शेर, बाघ, चीता आदि। डूबते हुए जहाज की फोटो अथवा मूर्ति।
* चाकू, छुरी जैसे नुकीले सामान, परफ्यूम ।
* काले रंग के कपड़े, जूते, रुमाल, घड़ी ।
* शनिवार वाले दिन मित्रों से लेन-देन न करें। इस दिन उनसे बहस भी नहीं करनी चाहिए।
* मित्रों को कभी भी काले रंग की वस्तुें भेंट न करें और न ही उनसे लें। काला रंग राहु को प्रभावित करता है, जिसे दोस्ती के लिए शुभ नहीं माना जाता।