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Subah ke Prabhavshali Mantra:सुबह सुबह इन मंत्रों को पढने से बनेगा दिन, चढ़ेंगे सफलता के पायदान, जानिए लाभकारी मंत्र

Subah ke Prabhavshali Mantra:आज कल त्योहारों का सीजन है।और लोग उत्सव में बिजी है और त्योहारों का सीजन है।ऐसे में जीवन सुचारु रुप से चले इसके लिए कुछ मंत्र जाप करें और ईश्वर की शरण में रहें। लेकिन कभी कभी जारे जतन करने के बाद भी अनहोनी हो जाती है।

Subah ke Prabhavshali Mantra:सुबह सुबह इन मंत्रों को पढने से बनेगा दिन, चढ़ेंगे सफलता के पायदान, जानिए लाभकारी मंत्र
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By Shanti Suman

Subah ke Prabhavshali Mantra:;हर दिन की शुरुआत में एक नए विचार और जोश के साथ कुछ करने की चाहत लिए। ज्यादातर लोग व्यस्त जीवनशैली अपना रहे है। आज कल त्योहारों का सीजन है।और लोग उत्सव में बिजी है और त्योहारों का सीजन है।ऐसे में जीवन सुचारु रुप से चले इसके लिए कुछ मंत्र जाप करें और ईश्वर की शरण में रहें। लेकिन कभी कभी जारे जतन करने के बाद भी अनहोनी हो जाती है।

हम सब ये समझ नहीं पाते की गलती कहा हुई तो घबरान के जरूरत नहीं है। साल का कोई भी दिन हो और किसी भी अप्रिय घटना से बचना चाहते है तो इससे बचने के लिए आप श्रीमार्कण्डेय पुराण का अनुसरण कर सकते हैं। आप दिन की शुरूआत के पहले या बाद में कभी भी कर सकते है जानते हैं क्या...

हम रोज अपने ईष्ट या देवी देवताओं के मंत्रोंच्चार करते हैं। लेकिन आप भी श्रीमार्कण्डेय पुराण में बताएं इन मत्रों का जाप करते हैं तो आपका कल्याण होगा।। श्रीमार्कण्डेय पुराण में देवी माहात्म्य 'श्लोक', 'अर्ध श्लोक' और 'उवाच' आदि मिलाकर 700 मंत्र है। ये महात्म्य दुर्गासप्तशती के नाम से जाना जाता है । देवी सप्तशती से लोगों का कल्याण तो होता है, ये अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों पुरुषार्थो को प्रदान करने वाला भी है। जिस भाव और कामना से मंत्रोच्चार करते हैं, वैसा ही पल ही मिलता है। जानते हैं देवी दुर्गा के किस मंत्र के जाप से कौन सा काम सिद्ध होता है।

सुबह के मंत्रा

ॐ मंगलम् भगवान विष्णु: मंगलम् गरूड़ध्वज:।

मंगलम् पुण्डरीकांक्ष: मंगलाय तनो हरि।।

माता रामो मम् पिता रामचन्द्र:

स्वामी रामो ममत्सखा सखा रामचन्द्र:

सर्वस्व में रामचन्द्रो दयालु नान्यं जाने नैव जाने न जाने।।1।।

दक्षिणे लक्ष्मणो यस्त वामेच जनकात्मजा,

पुरतोमारुतिर्यस्य तं वंदे रघुनंदम्।

. लोकाभिरामं रण रंग धीरं राजीव नेत्रम् रघुवंश नाथम्।

कारुण्य रूपम् करुणा करम् श्री रामचंद्रम शरणं प्रपद्ये।

आपदा मम हरतारं दातारम् सर्व सम्पदाम्

लोकाभिरामम् श्री रामम् भूयो भूयो नमाम्यहं।

रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे

रघुनाथाय नाथाय सीतापतये नम:।

श्री रामचंद्र चरणौ मनसास्मरासि,

श्री रामचंद्र चरणौ वचसा गृणोमि।

श्री रामचंद्र चरणौ शिरसा नमामि,

श्री रामचंद्र चरणौ शरणम् प्रपद्धे:।।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव। त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।

त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव। त्वमेव सर्वम् ममदेव देव।

देवी दुर्गा का ये मंत्र अशुभ-भय का नाश

देवी दुर्गा के इस स्त्रोत का प्रतिदिन जाप करने से शत्रु का भय नहीं रहता है। रोज सुबह नहाकर अगर इस मंत्र का जाप किया जाएं तो अशुभ के प्रभाव को भी कम करता है।

यस्या: प्रभावमतुलं भगवानन्तों ।

ब्रह्म हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च।।

सा चंडिकाखिल जगत्परि पालनाय।

नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु ।।

देवी दुर्गा का विपत्ति नाश करने वाला मंत्र

ये मंत्र हर तरह की बाधा का नाश करता है जो भी इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करता है। उसके ऊपर कोई भी विपत्ति नहीं आती हैं।

शरणागतदीनार्त परित्राणपरायणे ।

सर्वस्यतिहरे देवि नारायणि नमोडस्तु ते ।।

देवी दुर्गा का शुभ प्राप्ति मंत्र

अगर जीवन में केवल नकारात्मकता का प्रभाव पड़ रहा है तो नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें। सुख-शांति और खुशहाली आएगी।

करोतु सा न:शुभ हेतुरीश्वरी

शुभानि भद्रांयभिहतुं चापद:

देवी दुर्गा का आरोग्य सौभाग्य मंत्र

जीवन में दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ रहा है। आप हताश हो गए है तो पुराणों में कहा गया है कि ईश्वर का ध्यान करें। इसके लिए सहज उपाय है आप इस मंत्र का जाप करें।

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि में परम सुखम

रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहिं

देवी दुर्गा का दारिद्रयदु:खादिनाश मंत्र

चाहे 1 जनवरी हो या कोई भी दिन आप प्रतिदिन सुबह उठकर स्नानादि करके कुश का आसन बिछाकर ईष्ट के सामने इस मंत्र का जाप करेंगे तो दुख -विपत्ति आपके पास फटके भी नहीं।ये मंत्र है...

दुर्गे समृता हरषि भीषशेषजन्तो

स्वस्थे स्मृता मतिमतीव शुभआं ददासि

दारिद्रर्यदु;खादि भयहारिणि का त्वदन्या

सर्वोपकारकारणाय सदा डडर्द्रचित्ता

देवी दुर्गा का रक्षा पाने का मंत्र

अगर लोग आपसे बिना बात के दुश्मनी करते है। इससे आपका अहित हो रहा है तो मां दुर्गा का ध्यान करें । इस मंत्र से माता रानी प्रसन्न होती है और अपने भक्तों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहती है। ये मंत्र...

शुलेन हि नो देवि पाहि खड्गेन चांबिके

घंटास्वेनन न: पहि चापज्यानि:स्वेनन च

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