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Shradh Paksh 2023:शुरू होने वाला है पितरों का दिन, गर्भवती महिलाओँ को रखना होगा खास ख्याल, जानिए क्यों

Shradh Paksh 2023: पितृ पक्ष से जुड़े बहुत से नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए ज़रूरी होती मगर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास व अलग नियम बनाए गए हैं। जानते हैं क्या है वो नियम-

Shradh Paksh 2023:शुरू होने वाला है पितरों का दिन, गर्भवती महिलाओँ को रखना होगा खास ख्याल, जानिए क्यों
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By Shanti shree

Shradh Paksh 2023 : सनातन धर्म में गर्भधारण से लेकर मृत्योपरांत तक के संस्कारों का वर्णन है। इन्हीं संस्कारों में से एक है पितृ पक्ष। इस बार २९ सितंबर से पितृपक्ष शुरु हो गया। इस दौरान व्यक्ति अपने पितरों को तर्पण देने के साथ उनका श्राद्ध भी करता है। श्राद्ध के दौरान महिलाओं खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए नियम हैं। जिनका पालन न करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। कहते है कि पितृ पक्ष में पितरों के साथ प्रेत आत्माएं भी धरती पर आती हैं। जिनका प्रेग्नेंट महिला के होने वाले बच्चे पर पड़ता है। जानिए कैसे...

पितृ पक्ष चल रहा है। इस दौरान हर कोई अपने पितरों का तर्पण करता है। पितृ पक्ष से जुड़े बहुत से नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना हर किसी के लिए ज़रूरी होती मगर गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ खास व अलग नियम बनाए गए हैं। जानते हैं क्या है वो नियम-

पितृ पक्ष में प्रेग्नेंट महिला रहें सावधान ....

जो इन दिनों अपने पितरों का श्राद्ध करते है उन्हें पितृ पक्ष में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। खासकर महिलाओं का इसे शख्ती से मानना चाहिए।

पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बांसी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने आपके पितरों को रुष्ट कर सकता है।

पितृ पक्ष पर प्रेग्नेंट महिलाएं किसी एकांत जगह या जंगल की ओर भूलकर भी ना जाएं। ऐसी जगहों पर नकारात्मक शक्तियों का वास रहता है, जो महिला और उसके बच्चे के लिए बुरा असर डालता है।

पितृ पक्ष के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को शमशान घाट के पास जाने की भी मनाही होती है। माना जाता है कि इस समय पितरों के साथ वहां कई बुरी आत्माएं भी मौजूद होती हैं। जो गर्भ में पल रहे बच्चे और माता पर अपना बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।

कभी भी किसी को किसी बड़े बुजुर्ग का दिल नहीं दुखाना चाहिए। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान खासकर प्रेग्नेंट महिलाओं को इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि वो भूलकर भी किसी बुजुर्ग व्यक्ति का मन न दुखाएं, ऐसा करने से आपके पितर आपसे नाराज होकर आपको दंडित भी कर सकते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान किसी भी प्रेग्नेंट महिला को मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने उनके पितरों का दुख पहुंचता है और सभी बुरी शक्तियां आपके ऊपर अपना असर डालने लगती हैं।

पितृ पक्ष के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को श्रृंगार करके या इत्र लगाकर नहीं रहना चाहिए। ऐसा करने से उनके होने वाले बच्चे को परेशानी हो सकती है।


पितर पूजा में रखें इसका ध्यान

इसके अलावा भी अन्य शादी शुदा महिलाओँ को भी इस दौरान नए वस्त्र, श्रृंगार समाग्री नहीं इस्तेमाल करना चाहिए और ना खरीदना चाहिए।

पितरों का पिंडदान परिवार के बुजुर्ग पुरुष द्वारा सम्पन्न किया जाना चाहिए, चांदी के बर्तन से जल का अर्ध्य तथा श्राद्धकर्म की सामग्री में उपयोग लिया जा रहा घी, दूध या दही गाय का होना चाहिए.

श्राद्ध पर ब्राह्मण अथवा ब्राह्मणी को भोजन कराते समय उन्हें दोनों हाथों में बर्तन को पकड़कर पकवान परोसने चाहिए तथा खाते समय ब्राह्मण को बिलकुल भी नही बोलना चाहिये, इनका बातों का पालन करना श्राद्ध कर्म विधि के अनुसार अति आवश्यक हैं।

श्राद्ध में तिल, चावल, जौ, तिल और कुशा का उपयोग किये जाने का उल्लेख पुराणों में किया गया हैं।

श्राद्ध का पहला अंश कौओं को दिया जाता हैं. कौओं को ही पितरों का स्वरूप माना जाता हैं।नियत तिथि को दोपहर के समय आवहन करने पर पूर्वज हमारे घर आते हैं।

वन, पर्वत, पुण्यतीर्थ एवं मंदिर आदि स्थलों पर श्राद्ध कर्म सम्पन्न किया जा सकता हैं, साथ ही बगैर ब्राह्मण के श्राद्ध को सम्पन्न नहीं किया जाना चाहिए, ऐसा करने से पितृ रुष्ट हो जाते हैं।

श्राद्ध के दिन ब्राह्मण को बुलाकर भोजन कराने के लिए दक्षिणा दिशा में बिठाना चाहिए। इस दौरान यदि कोई भिखारी आ जाए तो उन्हें भूखे पेट न जाने दे।

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